अल्पसंख्यक आयोगों में सिर्फ मुस्लिम अफसरों की नियुक्ति क्यों, कर्नाटक सरकार से SC ने मांगा जवाब

Karnataka Minority Development Corporation news : एंटनी नामक इस ईसाई अल्पसंख्यक व्यक्ति ने शीर्ष अदालत (Supreme court) का दरवाजा खटखटाया है। एंटनी ने अपनी याचिका में हाईकोर्ट के 18 जनवरी 2021 के आदेश को चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक विकास निगम में अल्पसंख्यक मुस्लिम की बतौर अध्यक्ष नियुक्ति के खिलाफ याचिका को खारिज कर दिया था। 

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने राज्य अल्पसंख्यक विकास निगम (Minority Development Corporation) के अध्यक्ष पद पर सिर्फ मुस्लिम समुदाय के सदस्य की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर कर्नाटक सरकार से जवाब मांगा है। जस्टिस विनीत सरन और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कर्नाटक सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग हज और वक्फ, अध्यक्ष कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक निगम और अल्पसंख्यक विकास निगम के प्रबंध निदेशक को भी नोटिस जारी किया। शीर्ष अदालत ने इस मामले में 6 हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है। 

हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी मांग
यह मामला पहले हाईकोर्ट में जा चुका है। लेकिन याचिकाकर्ता का मानना है कि हाईकाेर्ट ने उसकी याचिका पर गौर किए बिना उसे खारिज कर दिया। अब एंटनी नामक इस ईसाई अल्पसंख्यक याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है। एंटनी ने अपनी याचिका में हाईकोर्ट के 18 जनवरी 2021 के आदेश को चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक विकास निगम में अल्पसंख्यक मुस्लिम की बतौर अध्यक्ष नियुक्ति के खिलाफ याचिका को खारिज कर दिया था।

यह भी पढ़ें 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म पर बोले स्वामी प्रसाद मौर्य- अधूरी फिल्म दिखाने से खत्म होगा आपसी सौहार्द 

Latest Videos

अन्य अल्पसंख्क समुदायों की समान भागीदारी हो 
एंटनी की ओर से पेश अधिवक्ता जीएस मणि ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि याचिकाकर्ता ने कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक विकास निगम के अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के व्यक्तियों की समान भागीदारी और प्रतिनिधित्व की मांग की है। उन्होंने बताया कि याचिकाकर्ता ने कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक निगम के अध्यक्ष के रूप में केवल मुस्लिम IAS अधिकारियों की मनमानी नियुक्ति और 1986 में स्थापना से लेकर अब तक ईसाई, सिख, जैन, पारसी और बौद्ध जैसे अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की समान भागीदारी और प्रतिनिधित्व न देने को चुनौती दी है। इसमें कहा गया है कि हाईकोर्ट ने यह विचार नहीं किया कि दूसरे प्रतिवादी, जैसे बौद्ध, जैन, पारसी आदि के साथ कर्नाटक अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति के मामले में भेदभाव किया गया था। हाईकोर्ट ने एंटनी की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें अदालत द्वारा तय की गई समय सीमा के भीतर रोटेशन के आधार पर ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्धों के सदस्यों को भी निगम का अध्यक्ष नियुक्त करने की मांग की गई थी।

यह भी पढ़ें The Kashmir Files देखकर योगी आदित्यनाथ कई बार रोये, सीएम के गाल पर दिखी आंसुओं की धारा?

Share this article
click me!

Latest Videos

Hanuman Ashtami: कब है हनुमान अष्टमी? 9 छोटे-छोटे मंत्र जो दूर कर देंगे बड़ी परेशानी
क्या है महिला सम्मान योजना? फॉर्म भरवाने खुद पहुंचे केजरीवाल । Delhi Election 2025
ममता की अद्भुत मिसाल! बछड़े को बचाने के लिए कार के सामने खड़ी हुई गाय #Shorts
Devendra Fadnavis के लिए आया नया सिरदर्द! अब यहां भिड़ गए Eknath Shinde और Ajit Pawar
ठिकाने आई Bangladesh की अक्ल! यूनुस सरकार ने India के सामने फैलाए हाथ । Narendra Modi