साइबर सुरक्षा पर SCO सम्मेलन आज से, पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल भी हो रहा शामिल

भारत शंघाई कोआपरेशन आर्गेनाइजेशन (SCO) देशों के लिए साइबर सिक्योरिटी सेमिनार का आयोजन कर रहा है। सम्मेलन में शामिल होने के लिए पाकिस्तान से एक प्रतिनिधिमंडल भारत आया है।

Asianet News Hindi | Published : Dec 7, 2021 2:23 AM IST

नई दिल्ली। भारत शंघाई कोआपरेशन आर्गेनाइजेशन (SCO) देशों के लिए  साइबर सिक्योरिटी सेमिनार (Cyber Security Conference) का आयोजन कर रहा है। आज से नई दिल्ली में दो दिवसीय सम्मेलन की शुरुआत होगी। सम्मेलन में शामिल होने के लिए पाकिस्तान से एक प्रतिनिधिमंडल भारत आया है। यह SCO देशों के साइबर सुरक्षा सम्मेलन में शामिल होगा। 

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (National Security Council Secretariat) द्वारा साइबर सुरक्षा सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। NSCS ने पिछले दिनों अफगानिस्तान पर SCO के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर की बैठक को होस्ट किया था। चीन और पाकिस्तान को छोड़कर एससीओ के सभी पूर्ण सदस्यों ने इस बैठक में हिस्सा लिया था।

दरअसल, भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंध इन दिनों गहरे ठंडे बस्ते में हैं। दोनों देशों के अधिकारियों के बीच द्विपक्षीय बातचीत बंद है। हालांकि SCO के बैनर तले दोनों देशों के बीच बातचीत हो रही है। इसी क्रम में पाकिस्तान से एक प्रतिनिधिमंडल भारत आया है। इससे पहले भारत का एक प्रतिनिधिमंडल अक्टूबर में एससीओ की आतंकवाद विरोधी बैठक में शामिल होने के लिए पाकिस्तान गया था।

2017 में भारत बना था सदस्य
बता दें कि शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन की स्थापना 15 जून 2001 को चीन, रूस और चार मध्य एशियाई देशों (कजाकस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान) ने की थी। भारत 2017 में एससीओ का पूर्णकालिक सदस्य बना। 2005 से पहले उसे पर्यवेक्षक देश का दर्जा प्राप्त था। 2017 में एससीओ की 17वीं शिखर बैठक में भारत और पाकिस्तान को सदस्य देश का दर्जा दिया गया। 

वर्तमान में एससीओ के आठ सदस्य चीन, कजाकस्तान, किर्गिस्तान, रूस, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान हैं। इसके अलावा चार ऑब्जर्वर देश अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया हैं। एससीओ का मुख्यालय चीन की राजधानी बीजिंग में है। छह डायलॉग सहयोगी अर्मेनिया, अजरबैजान, कंबोडिया, नेपाल, श्रीलंका और तुर्की हैं। एससीओ को इस समय दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्रीय संगठन माना जाता है। एससीओ का अहम मकसद ऊर्जा पूर्ति से जुड़े मुद्दों पर ध्यान देना और आतंकवाद से लड़ना है। अमेरिका की वापसी के बाद अफगानिस्तान में एससीओ की भूमिका बढ़ गई है।

 

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