Explainer: Ex DGP से समझिए जिस रूट से PM गुजरते हैं, किसके पास होता है उसे क्लियर करने का जिम्मा

Pm Modi Security Breach : प्रधानमंत्री को जिस रास्ते से गुजरना होता है, उस रास्ते पर 4 से 5 घंटे पहले ही दोनों तरफ 50 से 100 मीटर की दूरी पर राज्य के पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं। लेकिन पंजाब में डीजीपी द्वारा रूट क्लियर होने की बात कहने के बाद भी रास्ता रोका गया। यह किसकी जिम्मेदारी, बता रहे हैं मध्यप्रदेश के पूर्व डीजीपी एनके त्रिपाठी।

बुधवार को पंजाब के फिरोजपुर जाते समय प्रधानमंत्री के काफिल के सामने प्रदर्शनकारी आने के बाद पीएम की सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है। पंजाब के डीजीपी के सुरक्षा बंदोबस्त पूरे होने की पुष्टि के बाद ही प्रधानमंत्री का काफिला आगे बढ़ा था। इसके बाद भी उनके रूट पर प्रदर्शनकारियों के होने से पीएम को वापस लौटना पड़ा। इसमें गलती किसकी है? गृह मंत्रालय ने पंजाब की चन्नी सरकार से इस पर जवाब मांगा है और कड़ी कार्रवाई के लिए कहा है। भारत सरकार के सूत्रों के मुताबिक PM जिस रास्ते से जा रहे थे, उसके बारे में सिर्फ पंजाब पुलिस को जानकारी थी। प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर एशियानेट न्यूज ने मध्यप्रदेश के पूर्व डीजीपी एनके त्रिपाठी से बात की। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से पंजाब के डीजीपी और वहां की इंटेलिजेंस एजेंसियों की गलती है। जानें, कैसी होती है पीएम की सुरक्षा। 

जहां पीएम जाते हैं, उसे खाली रखना स्थानीय पुलिस की जिम्मेदारी



एनके त्रिपाठी बताते हैं कि जिस रूट से पीएम को यात्रा करनी होती है उसे क्लियर रखने की पूरी जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस की होती है। यदि पुलिस ऐसा नहीं कर सकते हैं तो उन्हें इसकी जानकारी एसपीजी को देनी चाहिए, जिससे कि कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। भारत के प्रधानमंत्री कहीं भी जाना चाहते हैं तो उनके लिए आपको व्यवस्था करनी पड़ेगी।

Latest Videos

दो चरणों में सिक्योरिटी 
प्रधानमंत्री की सिक्योरिटी दो चरण में होती है। उनकी क्लोज सुरक्षा के लिए एसपीजी जिम्मेदार होती है। लेकिन बाहर कौन खड़ा है, कौन रास्ते में है, यह जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस की जिम्मेदारी होती है। इसके लिए प्रधानमंत्री के आगमन से पहले से बंदोबस्त किए जाते हैं। 

इस घटना के लिए कौन जिम्मेदार?
मप्र के पूर्व डीजीपी कहते हैं कि इस घटना के लिए राज्य पुलिस पूरी तरह से जिम्मेदार है। स्थानीय पुलिस किस तरह से काम करेगी, यह ऊपर वालों (DGP) को देखना चाहिए था। अतिरिक्त बल देना चाहिए था। राज्य के संसाधनों का प्रयोग तो डीजीपी ही कर पाएंगे। उन्हीं की पूरी जिम्मेदारी है। 

पहले कभी नहीं हुई ऐसी घटना
प्रधानमंत्री के रास्ते में इस तरह से प्रदर्शनकारियों का आना और पीएम को लौटना पड़ा हो, शायद ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। पंजाब पुलिस की इस मामले में जो भूमिका है, वह अप टु द मार्क नहीं है। यह उनका इंटेलिजेंस फेलियर है। उन्हें नहीं पता होगा कि कितने आदमी एक साथ प्रदर्शन के लिए आएंगे।

ऐसा रहता है पीएम की सुरक्षा का बंदोबस्त 
प्रधानमंत्री को जिस रास्ते से गुजरना होता है, उस रास्ते पर 4 से 5 घंटे पहले ही दोनों तरफ 50 से 100 मीटर की दूरी पर राज्य के पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं। पीएम के काफिले के गुजरने से ठीक 10 से 15 मिनट पहले उस रूट पर आम आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाती है।   

यह भी पढ़ें
PM मोदी की सिक्योरिटी में चूक या साजिश, सोशल मीडिया पर पहले से एक्टिव थे लोग; सिर्फ पंजाब पुलिस को पता था रूट
पंजाब में PM MODI की रैली रद्द: नड्डा ने कहा- लोगों को रैली में आने से रोका गया, DGP और CS ने दिया झूठा भरोसा

Share this article
click me!

Latest Videos

राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna
LIVE 🔴: रविशंकर प्रसाद ने भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया | Baba Saheb |
Delhi Election 2025 से पहले Kejriwal ने दिया BJP की साजिश का एक और सबूत #Shorts
समंदर किनारे खड़ी थी एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा, पति जहीर का कारनामा हो गया वायरल #Shorts
पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News