सार

पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सिक्योरिटी में बड़ी चूक ने खुफिया एजेंसियों के कान खड़े कर दिए हैं। इसे गहरी साजिश माना जा रहा है। भारत सरकार के सूत्रों के मुताबिक PM जिस रास्ते से जा रहे थे, उसके बारे में सिर्फ पंजाब पुलिस को पता था। वहीं, पिछले कुछ दिनों से लगातार सोशल मीडिया पर विरोधी तत्व सक्रिय थे, जिन्हें नजरअंदाज किया गया।

नई दिल्ली. पंजाब के फिरोजपुर में बारिश के कारण आयोजित रैली रद्द होने के बाद बठिंडा से सड़क मार्ग से हुसैनीवाला शहीद स्मारक जाते वक्त पीएम मोदी(PM Modi) के काफिले को रोकने का मामले को लेकर कई चौंकाने वाले राज़ सामने आ रहे हैं। इसमें पंजाब पुलिस की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।  बता दें कि मोदी का काफिला एक फ्लाईओवर पर जाम में फंस गया था। यह जाम जानबूझकर लगाया गया था। करीब 20 मिनट तक पीएम यहां फंसे रहे, इसके बाद उनका काफिला वापस लौट गया। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, बठिंडा एयरपोर्ट पर लौटने के बाद पीएम मोदी ने पंजाब के अधिकारियों से कहा, “अपने सीएम को धन्यवाद कहना कि मैं भटिंडा एयरपोर्ट तक जिंदा लौट पाया।”

सिर्फ पंजाब पुलिस को मालूम था पीएम का रूट
केंद्र सरकार के सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी किस रूट से निकलने वाले हैं, इसकी जानकारी सिर्फ पंजाब पुलिस को थी। जब मोदी का काफिला जाम में फंसा रहा, तब पुलिस का बर्ताव बेहद गैर जिम्मेदाराना था। एक विटनेस के मुताबिक-''पंजाब पुलिस का ऐसा बर्ताव पहले कभी नहीं देखा गया।'' इससे पंजाब पुलिस की नीयत पर सवाल खड़े होने लगे हैं।  माना जा रहा है कि पंजाब पुलिस और तथाकथित प्रदर्शनकारियों के बीच मिलीभगत रही होगी, वर्ना इतनी बड़ी चूक सामने नहीं आती। हाल के वर्षों में भारत के किसी प्रधानमंत्री की सुरक्षा में यह सबसे बड़ी चूक मानी जा रही है। प्रधानमंत्री की इस चूक पर गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से जवाब मांगा है। गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार को इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। चारों तरफ से आलोचना में घिरता देखकर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह पंजाब पुलिस के बचाव में आगे आए हैं। उन्होंने मीडिया को प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पीएम की सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई है। वे खुद देर रात तक पीएम के दौरे को लेकर सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखे हुए थे।

सोशल मीडिया पर चल रहा था विरोध
हैरानी की बात यह है कि मोदी के पंजाब दौरे के विरोध को लेकर कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर कैम्पेन चल रहा था। पंजाब पुलिस ने इसे हल्के में लिया। संयुक्त किसान मोर्चा(SKM) के सदस्य हरपाल सिंह संघा ने (Harpal Singh Sangha) ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली थी, जिसमें मोदी के पंजाब दौरे का विरोध किया गया था। ऐसी पोस्ट कुछ घंटे पहले भी twitter पर डाली गई थीं।

पंजाब सरकार पर उठे सवाल
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट करके कहा कि पंजाब की कांग्रेस सरकार विकास विरोधी है और उसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की भी कद्र नहीं है। पंजाब की कांग्रेस सरकार ने पीएम मोदी को प्रोग्राम को रद्द करने लिए हर संभव हथकंडा आजमाया। यह दुखद है कि पंजाब के लिए हजारों करोड़ की विकास परियोजनाओं को शुरू करने के लिए पीएम का दौरा बाधित हो गया। लेकिन हम ऐसी घटिया मानसिकता को पंजाब की तरक्की में बाधक नहीं बनने देंगे और पंजाब के विकास के लिए प्रयास जारी रखेंगे।

असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा-यह शर्म की बात है कि पंजाब के कल्याण के लिए विकास योजनाओं को शुरू करने के रास्ते में प्रदर्शनकारियों ने पीएम मोदी के काफिले को रोक दिया। ये सुरक्षा में एक गंभीर चूक है और तथ्य ये है कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे को और भी बदतर बना दिया है। जहां पीएम पंजाब के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं, वहीं आज की घटना से पता चलता है कि कैसे कांग्रेस को विकास में कम दिलचस्पी है और वे केवल राजनीति करना चाहती है। सीमावर्ती राज्य में इस तरह के सुरक्षा उल्लंघन की उच्चतम स्तर पर जांच होनी चाहिए।

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