कैसे भेदा संसद सुरक्षा कवच? कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं...अब UAPA-जानें अनसुलझे सवालों के जवाब

संसद का अभेद्य सुरक्षा घेरा भेदने (Parliament Security Breach) की साजिश रचने वालों में कुल 6 लोग शामिल हैं लेकिन अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि आखिर पर्दे के पीछे कितने लोग हैं।

 

Manoj Kumar | Published : Dec 14, 2023 4:27 AM IST

Parliament Security Breach. संसद भवन में अराजकता फैलाने वालों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया है और एंटी टेटर सेल के अलावा सुरक्षा एजेंसियां भी पूछताछ कर रही हैं। सभी आरोपियों पर UAPA के तहत एफआई दर्ज कर ली गई। आरोपी सागर शर्मा, नीलम देवी, मनोरंज डी और अमोल शिंदे अलग-अलग राज्यों से आते हैं लेकिन वे एक प्लेटफार्म पर कैसे पहुंचे। किस तरह से इस घटना की साजिश रची गई और कैसे इसे अंजाम तक पहुंचाया गया, इसके पीछे कई अनसुलझे सवाल हैं।

सुरक्षा व्यवस्था को तार-तार किया

आरोपियों ने अपने जूते में स्मोक फायर छिपाया और पार्लियामेंट की हाई सिक्योरिटी को भेदकर लोकसभा में दाखिल हो गए। वहां पर यानि लोकसभा के भीतर धुआं-धुआं कर दिया। पर सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर संसद की चार लेयर सिक्योरिटी को वे कैसे भेद पाए। पहली बात यह कि इन्होंने बीजेपी के ही एक सांसद के ऑफिस से विजिटर पास पाने में सफलता हासिल की। इसके बाद वह सब किया, जिस पर अब सवाल उठाए जा रहे हैं।

क्या सुरक्षा एजेंसियों के पास कोई इनपुट था

मिली जानकारी के अनुसार सुरक्षा एजेंसियों को इस बात के इनपुट मिले थे कि कुछ लोग हंगामा कर सकते हैं। संसद के भीतर और बाहर हंगामे का इनपुट था। यही वजह है कि सुरक्षा एजेंसियां इसे चूक मानकर चल रही हैं। पहली चूक पार्लियामेंट गेट के बाहर हुई। यह वही गेट है, जहां से सभी सांसद अंदर एंट्री करते हैं। इसी गेट से महज 100 कदम की दूरी पर लाल और पीले रंग का स्मोक छोड़ा गया और हंगामा किया गया। इसके साथ ही आरोपियों ने नारेबाजी भी की।

संसद में कब-क्या हुआ यह भी जानें

13 दिसंबर 2023 को जब पूरा देश संसद पर हमले की 22वीं बरसी मना रहा था, तभी साजिश करने वाले एक और चोट देने की तैयारी कर रहे थे। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान बीजेपी सांसद खगेन मुर्मू अपनी बात रख रहे थे तभी आवाज आई कि कोई गिर गया। तब स्पीकर की चेयर पर राजेंद्र अग्रवाल थे। आरोपी कूदने के बाद फांदता हुआ चेयरमैन की कुर्सी की तरफ बढ़ने लगा। इसी दौरान दूसरा साथी भी कूदा और तब तक सांसद समझ चुके थे कि यह कोई हादसा करने आए हैं। सांसदों ने उन्हें दबोच लिया और उसी समय जूते से स्मोक गैस निकालकर उन्होंने सदन में धुंआ फैला दिया। तब तक सिक्योरिटी के लोग भी आ गए और दोनों को पकड़ लिया गया।

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