सरकार के साथ बातचीत के पहले किसानों के तेवर सख्त, टिकैत बोले- बात नहीं मानी तो चलता रहेगा आंदोलन

सोमवार को सरकार और आंदोलनकारी किसान संगठनों के बीच अहम वार्ता होनी है। सरकार कानून वापस लेने को हरगिज तैयार नहीं है और आंदोलनकारी किसान इससे कम पर मानने को राजी नहीं।

Asianet News Hindi | Published : Jan 4, 2021 1:52 AM IST / Updated: Jan 04 2021, 12:32 PM IST

नई दिल्ली. सोमवार को सरकार और आंदोलनकारी किसान संगठनों के बीच अहम वार्ता होनी है। सरकार कानून वापस लेने को हरगिज तैयार नहीं है और आंदोलनकारी किसान इससे कम पर मानने को राजी नहीं। सरकार और किसानों के बीच सातवें दौर की वार्ता से पहले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि उम्मीद है कि सरकार हमारी बात मान ले, अगर मांगें पूरी नहीं होती तो आंदोलन चलेगा। उन्होंने कहा कि विरोध के दौरान अब तक 60 किसान अपनी जान गंवा चुके हैं। हर 16 घंटे में एक किसान मर रहा है। इसका जवाब देना सरकार की जिम्मेदारी है। इससे पहले 30 दिसंबर को हुई बातचीत में सरकार की किसानों के साथ दो मांगों पर सहमित बन गई है जिसमें पहला है कि पराली जलाना जुर्म नहीं होगा और दूसरा- बिजली संशोधन विधेयक 2020 शामिल है।

किसानों की दो मुख्य मांगें- तीन नए कृषि कानूनों को खत्म करना और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी बनाने की मांग जैसे की तैसी बनी हुई हैं। सोमवार को होने वाली वार्ता मौटे तौर पर किसानों की इसी मांग पर टिकी होगी कि सरकार अपने तीनों कृषि कानून निरस्त कर दे। किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो वो 26 जनवरी मनाने के लिए हजारों किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ परेड के लिए राजधानी में आगे बढ़ेंगे।

40 किसान नेता बैठक में लेंगे भाग 
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल और सोम प्रकाश सरकार का नेतृत्व करेंगे, जबकि किसान यूनियन के 40 नेता वार्ता में किसानों का प्रतिनिधित्व करेंगे। इससे पहले 30 दिसंबर को किसानों और केंद्र के बीच छठे दौर की वार्ता हुई थी जहां कुछ चीजों लेकर उनकी रजामंदी हुई थी।

6वीं बातचीत में दो मुद्दों पर बनी थी सहमति 
किसान संगठन के नेताओं और सरकार के बीच बैठक के खत्म होने के बाद नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ''आज की बैठक पहले की तरह बहुत अच्छे वातावरण में हुई। आज की बैठक में किसान संगठनों के नेताओं ने जो चार विषय चर्चा के लिए रखे थे, उसमें दो मुद्दों पर रजामंदी हो गई है। पहला- पराली को लेकर और दूसरा- बिजली कानून।'' उन्होंने आगे कहा कि कृषि कानूनों और एमएसपी पर कानून को लेकर चर्चा खत्म नहीं हुई है। इसके लिए फिर से आज बैठक होगी।
 

Share this article
click me!