रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए अब कुछ ही घंटे बचे है। ऐसे में रामलला के लिए आमंत्रण मिलने वाले लोग भी अब अयोध्या पहुंच रहे है। कई लोग ऐसे भी ही उन्होंने रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के कार्यक्रम का न्योता ठुकराया है।
रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए अब कुछ ही घंटे बचे है। ऐसे में रामलला के लिए आमंत्रण मिलने वाले लोग भी अब अयोध्या पहुंच रहे है। कई लोग ऐसे भी ही उन्होंने रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के कार्यक्रम का न्योता ठुकराया है। इनमें से एक है शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने प्राण-प्रतिष्ठा से पहले पीएम मोदी की तारीफ की है।
पीएम मोदी पर क्या बोले शंकराचार्य
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि हम मोदी विरोधी नहीं हैं। मैंने कई बार कहा है कि उनके पीएम बनने से भारत के हिंदुओं का स्वाभिमान जाग गया है। हम किसी की आलोचना नहीं कर रहें। हम उनकी तारीफ करते है। हमने कई बार सार्वजनिक तौर पर कहा है, हम मोदी विरोधी नहीं बल्कि मोदी प्रशंसक हैं।
प्राण-प्रतिष्ठा को लिया था बड़ा बयान
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कुछ दिन पहले ही राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि आधे बने मंदिर में भगवान को स्थापित करना अनुचित है। यह धर्म के खिलाफ है। उन्होंने यह भी कहा था कि हम प्रधानमंत्री के विरोधी नहीं बल्कि हितैषी है। इसलिए यह मेरी सलाह है कि प्राण-प्रतिष्ठा शास्त्र सम्मत कार्य करें। इससे पहले बिना मुहूर्त के राम की मूर्ति को सन 1992 में स्थापित की गई। फिलहाल की परिस्थितियां अब अनुकूल है। ऐसे में मंदिर का काम पूरा होने का समय है।
मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों से मांगे थे इस्तीफे
शंकराचार्य ने राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय सहित सभी पदाधिकारियों के इस्तीफे की मांग की थी। दरअसल, शंकराचार्य ट्रस्ट महासचिव चंपत राय के एक बयान से नाराज है। चंपत राय ने कहा था कि राम मंदिर रामानंद संप्रदाय ले जुड़े लोगों का है, शैव और शाक्त का नहीं। इसपर शंकराचार्य ने कहा कि रामानंद और शंकराचार्य के धर्मशास्त्र अलग नहीं होते। ऐसे में शंकराचार्य ने चंपत राय और ट्रस्ट से इस्तीफे के मांग की है।