Bhopal family suicide:साहूकार 'बबली आंटी' ने इतना किया परेशान कि मैकेनिक की पूरी फैमिली ने पी लिया जहर

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक ही फैमिली(mechanic family suicide case) के 5 लोगों द्वारा जहर खाने के मामले ने सबको चौंका दिया है। इसमें 2 लोगों की मौत हो चुकी है। यह परिवार कर्ज से परेशान था। कुछ साहूकार महिलाएं इन पर लगातार दबाव बना रही थीं। पुलिस को दीवार पर लिखा सुसाइड नोट, सेल्फी और वीडियो मिला है।
 

भोपाल.राजधानी के पिपलानी इलाके में 25 नवंबर की देर शाम एक ही परिवार के पांच लोगों के जहर खाने के मामले में भोपाल में 'साहूकार गैंग' की अड़ीबाजी सामने आ रही है। इस परिवार को कोई 'बबली गैंग' परेशान कर रही थी। इसके बाद पूरे परिवार ने जहर खा लिया था। सभी को एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। इस हादसे में छोटी बेटी पूर्वी और संजीव जोशी की मां 67 वर्षीय नंदिनी की मौत हो गई। बाकी तीनों लोग जिंदगी-मौत से जूझ रहे हैं। CSP राकेश श्रीवास्तव के मुताबिक, परिवार ने कोल्ड ड्रिंक में जहर मिलाकर पीया था। दीवारों पर लिखा सुसाइड नोट मिला है। इससे पता चलता है कि परिवार कर्ज में डूबा हुआ था। इनका मकान गिरवी था। इसकी किश्त भी वे नहीं चुका पा रहे थे। जिनसे परिवार ने कर्ज लिया था, वे परेशान कर रहे थे। खुद जहर खाने से पहले इन्होंने अपने पालतू कुत्तों और चूहे को भी जहर दिया था।

बबली आंटी ने कर रखा था परेशान
मैकेनिक संजीव जोशी के परिवार की इस हालत के लिए साहूकार गैंग की भूमिका सामने आई है। सुसाइड से पहले मैकेनिक की बड़ी बेटी ग्रीष्मा ने अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को वा‌ट्सऐप पर मैसेज भेजे थे। इसमें वीडियो, दीवारों पर चिपके सुसाइड नोट और परिवार की एक सेल्फी थी। ग्रीष्मा ने मैसेज में लिखा कि इनको कड़ी सजा होनी चाहिए। पुलिस की पड़ताल में सामने आया कि कोई बबली आंटी उन्हें परेशान कर रही थीं। ग्रीष्मा इंजीनियरिंग कर रही है। वो डेटा सांइटिस्ट बनना चाहती है। उसने लिखा कि ये सब उनके साथ बबली गैंग ने किया है। ग्रीष्मा की छोटी बहन पूर्वी फैशन डिजाइनर बनना चाहती थी। संजीव के चचेरे भाई डीसी गोशाले ने बताया कि गुरुवार रात करीब 11 बजे नोएडा में रहने वाले कजिन का फोन आया। इसके बाद वे संजीव के घर पहुंचे।

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पहले कुत्ते पर किया था जहर का ट्रायल
इस मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। जांच में सामने आया है कि परिवार के सदस्यों ने खुद जहर खाने से पहले दो कुत्तों पर इसका ट्रायल किया था। जब जहर का असर पुख्ता कर लिया, तब परिवार ने जहर खाया।

सुसाइड नोट में बताई अपनी मजबूरी

संजीव जोशी मैकेनिक का छोटा-मोटा काम करते हैं, जबकि उनकी पत्नी अर्चना घर पर ही किराने की दुकान चलाती हैं। बड़ी बेटी ग्रेसिया इंजीनियरिंग पढ़ रही है, जबकि 16 वर्षीय छोटी बेटी पूर्वी स्कूल में पढ़ती है। संजीव की मां नंदिनी जोशी भी साथ ही रहती हैं।  पुलिस को परिवार के पास से एक सुसाइड नोट मिला है। इसमें बबली दुबे और एक अन्य महिला के नाम का जिक्र किया गया है। इस परिवार ने इनसे कर्ज ले रखा था। इसके लिए वे उन्हें परेशान कर रही थीं। घर की दीवारों पर परिवार ने सुसाइड नोट लिखा। इसमें कहा गया कि उन्हें इंसाफ चाहिए। इसमें यह भी लिखा कि वे वापस आएंगे। सुसाइड नोट में लिखा गया कि वे मजबूर हैं, लेकिन कायर नहीं। सुसाइड नोट में अपनी मौत के लिए इन्हीं दो महिलाओं को जिम्मेदार बताया गया है। परिवार से एक वीडियो भी बनाया था, जिसमें वे एक साथ बैठे नजर आ रहे हैं।
 

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