
नई दिल्ली। भारत में वोटर लिस्ट को अपडेट करने की बड़ी प्रक्रिया यानी स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) आखिर किस दिशा में आगे बढ़ रही है? आज इसका सबसे अहम दिन है। क्योंकि 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में SIR फॉर्म जमा करने की अंतिम तारीख आज है, और इसी बीच चुनाव आयोग की एक खास बैठक होने जा रही है। माना जा रहा है कि इस मीटिंग में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में SIR की डेडलाइन बढ़ाने पर चर्चा हो सकती है। यह जानकारी चुनाव आयोग के सूत्रों के हवाले से सामने आई है। यानी आने वाले कुछ घंटे यह तय कर सकते हैं कि देश की सबसे बड़ी वोटर लिस्ट-विशेष रूप से यूपी की 15 करोड़ से ज्यादा मतदाता सूची की अपडेटिंग प्रक्रिया कितनी आगे जाएगी।
चुनाव आयोग पहले ही 30 नवंबर को SIR की डेडलाइन 7 दिन बढ़ा चुका है। क्योंकि कुछ राज्यों में फील्ड वेरिफिकेशन, फॉर्म कलेक्शन और डिजिटलीकरण का काम पूरा नहीं हुआ था। अब आयोग ने बताया है कि अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी की जगह 14 फरवरी 2026 को जारी होगी। यानी पूरा कैलेंडर एक हफ्ते आगे बढ़ चुका है। सूत्रों के मुताबिक, यह बिल्कुल संभव है क्योंकि यूपी और बंगाल जैसे बड़े राज्यों में आबादी ज्यादा है और वेरिफिकेशन की प्रक्रिया भी बड़ी है।
चुनाव आयोग के अनुसार संशोधित तिथियां इस प्रकार हैं:
यानी फॉर्म जमा करने से लेकर अंतिम सूची तक, हर चरण में तारीखें आगे खिसक चुकी हैं।
चुनाव आयोग के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक:
इसका मतलब है कि काम लगभग पूरा है, लेकिन कुछ राज्यों में वेरिफिकेशन और फॉलो-अप अभी बाकी है। यही कारण है कि SIR की डेडलाइन बढ़ने की संभावना बनती दिख रही है।
SIR यानी स्पेशल इंटेंसिव रिविजन एक बड़ी राष्ट्रीय प्रक्रिया है, जिसमें हर वोटर की जानकारी दोबारा जांची जाती है।
यह इसलिए जरूरी है क्योंकि:
इन सबको सही करने के लिए BLO घर-घर जाकर जानकारी लेते हैं और फॉर्म भरवाते हैं।
फिलहाल SIR इन राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में चल रहा है:
इन 12 राज्यों में कुल मिलाकर 51 करोड़ वोटर्स शामिल हैं। इन्हें कवर करने के लिए 5.33 लाख BLO और 7 लाख से ज्यादा BLA फील्ड में काम कर रहे हैं।
यह प्रक्रिया आम नागरिक के लिए बहुत आसान है:
वोटर आईडी अपडेट या नया नाम जोड़ने के लिए ये दस्तावेज मान्य हैं:
नोट: आधार पहचान प्रमाण के रूप में मान्य है, लेकिन नागरिकता प्रमाण के रूप में नहीं।
जब ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 16 दिसंबर को जारी होगी, यदि नाम नहीं दिखे तो-
जी हां। आने वाले वर्षों में इन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं:
इसलिए आयोग चाहता है कि नई वोटर लिस्ट साफ, अपडेटेड और त्रुटि-रहित हो।