आईटी गाइडलाइन: संसदीय समिति ने Twitter को 18 जून को अपना पक्ष रखने बुलाया

नए आईटी कानूनों को लेकर लंबे समय तक विवाद खड़ा करते रहे ट्विटर की मुसीबतें अभी कम नहीं हुई हैं। भले ही वो आईटी मिनिस्ट्री से फाइनल नोटिस मिलने के बाद सोशल मीडिया गाइडलाइन का पालन करने को राजी हो गया था, लेकिन 'मसला अभी बाकी है।' इसी मुद्दे पर ट्विटर को संसदीय समिति ने 18 जून को तलब किया है।
 

Asianet News Hindi | Published : Jun 15, 2021 2:46 AM IST

नई दिल्ली. सोशल मीडिया गाइड लाइन का पालन करने में आनाकानी कर रहे ट्विटर ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय (आईटी मिनिस्ट्री) से फाइनल नोटिस मिलने के बाद यू टर्न ले लिया था, लेकिन मुद्दा अभी शांत नहीं हुआ है। इसी विषय में ट्विटर को अपना पक्ष रखने संसद की सूचना और तकनीक की स्थाई संसदीय समिति ने उसे 18 जून को तलब किया है। इसके साथ ही आईटी मिनिस्ट्री के अधिकारी भी सरकार का पक्ष रखेंगे। केंद्र सरकार ने 25 फरवरी को यह गाइडलाइन जारी की थी। से 3 महीने में लागू करना था। 

फरवरी से चल रहा विवाद
ट्विटर और सरकार के बीच तनातनी फरवरी से चल रही है। किसान आंदोलन को लेकर ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी को लेकर भद्दी आलोचनाएं पब्लिश हो रही थीं। आईटी मिनिस्ट्री ने ट्विटर ने यह कंटेंट ब्लॉक करने को कहा था। लेकिन ट्विटर ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बताकर विवाद खड़ा कर दिया था। संसदीय समिति के समक्ष ट्वीटर को तमाम मुद्दों के अलावा महिलाओं की सुरक्षा संबंधी उपायों के बारे में भी बताना होगा। समिति की अध्यक्षता कांग्रेस सांसद शशि थरूर करेंगे।

सरकार ने यह जारी की थी गाइडलाइन

 

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