सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने नीट पेपर लीक, लोकसभा चुनाव के नतीजों और आपातकाल को लेकर पीएम मोदी को घेरा है। उन्होंने एक अखबार में लिखे लेख में कई मुद्दे उठाए हैं।
नेशनल डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विपक्ष हमलावर होता जा रहा है। इस बार कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और गांधी परिवार की प्रमुख सोनिया गांधी ने पीएम मोदी पर कई मुद्दों को लेकर निशाना साधा है। सोनिया गांधी ने ‘द हिन्दू’ अखबार में दिए लेख में पीएम पर निशाना साधते हुए लिखा है कि पीएम सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करना जानते हैं। वह जनता के मुद्दों पर उठ रहे सवालों पर कुछ भी नहीं बोलते हैं। आखिर परीक्षाओं पर खुलकर चर्चा करने वाले पीएम मोदी पेपर लीक की चर्चा पर क्यों चुप्पी साध लेते हैं। हालात ये है कि संसद तक में वे और उनके साथी इस मुद्दे पर चर्चा नहीं करने देते हैं और हंगामा खड़ा कर देते हैं।
सोनिया ने कहा कि नीट पेपर लीक पर नहीं की चर्चा
सोनियां गांधी ने कहा कि लोक सत्र के दौरान नीट पेपर लीक मामले को जब-जब उठाया गया कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला न ही चर्चा ही होने दी। शुक्रवार को विपक्ष ने नीट पर चर्चा करनी चाहिए तो हंगामे की स्थिति बना दी जिससे कार्यवाही को ही रोकना पड़ गया। उन्होंने अपने लेख में लिखा है लोकसभा में सत्ताधारी सरकार का इस प्रकार का रवैया निराशाजनक है। नए लोकसभा सत्र की शुरुआत हो रही है लेकिन कोई उत्साह या देश को आगे बढ़ाने की उमंग नजर नहीं आई। पीएम मोदी नीट पेपर लीक मामले पर चुप्पी साध लेते हैं क्योंकि उनके पास अपनी विफलता का जवाब ही नहीं है।
इमरजेंसी पर भी पीएम को घेरा
सोनिया गांधी ने कहा कि संसद सत्र में नई सरकार को भारत के भविष्य के बारे में नई सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए था लेकिन वह पार्टी पुराना इमरजेंसी का मुद्दा लेकर आई। उन्होंने कहा कि जनता ने इमरजेंसी के निर्णय को नहीं भी स्वीकार किया तो ये भी देख लें सरकार की 1977 में कांग्रेस को फिर से पूरे जनाधार के साथ जनता ने सत्ता में वापसी कराई। इतना बहुमत तो भाजपा सरकार कभी भी नहीं ला सकी है।
लोकसभा चुनाव परिणाम पर भी बोलीं सोनिया
सोनिया गांधी ने लोकसभा में इलेक्शन के रिजल्ट को लेकर भी कहा है कि पीएम मोदी ने जोड़तोड़ की सरकार जरूर बना ली कि लेकिन इस बार चुनाव में उनकी नैतिक हार हुई है। कई राज्यों में जागरूक जनता ने उनके घमंड को चूर किया है। जनता के सामने सेवक बनने के नाटक को जनता समझ चुकी है।