केंद्र सरकार ने पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ आरोप सामने आने के बाद प्रतिबंध लगा दिया था। दरअसल, बीते सितंबर महीने में कथित कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पीएफआई और उससे संबद्ध ग्रुप्स के 100 से अधिक पदाधिकारियों पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगे थे।
PFI crackdown: देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश का आरोपी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के पांच गिरफ्तार सदस्यों के खिलाफ चार्जशीट के लिए कोर्ट ने मोहलत दे दी है। स्पेशल कोर्ट ने महाराष्ट्र एटीएस को 30 दिनों में पांच गिरफ्तार पीएफआई लीडर्स के खिलाफ चार्जशीट दायर करने का आदेश दिया है। ये पांच लोग, पीएफआई के खिलाफ देशव्यापी रेड के दौरान अरेस्ट किए गए थे। इस साल सितंबर में कई सुरक्षा एजेंसियों ने एक साथ रेड कर पीएफआई के कथित 20 लोगों को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया था।
तीन महीने का समय चाहती थी जांच एजेंसी
महाराष्ट्र एटीएस ने पीएफआई के अरेस्ट पांच लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के लिए स्पेशल कोर्ट से 90 दिनों का समय और मांगा था। इनका कहना था कि जांच अभी जारी है और चार्जशीट के लिए कुछ और समय चाहिए। लेकिन इस मामले में सुनवाई करते हुए स्पेशल कोर्ट के जस्टिस एएम पाटिल ने कहा कि जांच एजेंसी को चार्जशीट दाखिल करने के लिए 30 दिनों की मोहलत दी जाती है।
केंद्र सरकार लगा चुकी है प्रतिबंध
केंद्र सरकार ने पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ आरोप सामने आने के बाद प्रतिबंध लगा दिया था। दरअसल, बीते सितंबर महीने में कथित कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पीएफआई और उससे संबद्ध ग्रुप्स के 100 से अधिक पदाधिकारियों पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगे थे। इन आरोपों को देखते हुए एनआईए सहित अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने देशभर में रेड किए थे। पीएफआई सदस्यों पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने सहित गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगे थे।
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