मानसी का ट्रक से हुआ था एक्सीडेंट, 12 घंटे के ऑपरेशन के बाद काटना पड़ा था एक पैर, अब रचा इतिहास

25 अगस्त को स्विट्जरलैंड के बासेल में पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी मानसी जोशी ने  बीडब्ल्यूएफ पैरा विश्व चैंपियनशिप में अपना पहला स्वर्ण जीता। उन्होंने पारुल परमार को हराया। मानसी ने महिला एकल SL3 के फाइनल में जीत हासिल की। इस कैटिगरी में वे खिलाड़ी शामिल होते हैं जिनके एक या दोनों लोअर लिंब्स काम नहीं करते और जिन्हें चलते या दौड़ते में दिक्कत होती है।

Asianet News Hindi | Published : Aug 28, 2019 2:15 PM IST / Updated: Aug 28 2019, 07:55 PM IST

नई दिल्ली. 25 अगस्त को स्विट्जरलैंड के बासेल में पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी मानसी जोशी ने  बीडब्ल्यूएफ पैरा विश्व चैंपियनशिप में अपना पहला स्वर्ण जीता। उन्होंने पारुल परमार को हराया। मानसी ने महिला एकल SL3 के फाइनल में जीत हासिल की। इस कैटिगरी में वे खिलाड़ी शामिल होते हैं जिनके एक या दोनों लोअर लिंब्स काम नहीं करते और जिन्हें चलते या दौड़ते में दिक्कत होती है। 

7 साल पहले मानसी को ट्रक ने मार दी थी टक्कर

- महाराष्ट्र की रहने वाली मानसी जोशी को बचपन से ही बैडमिंटन खेलने का शौक था। पिता मुंबई के भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में काम करते थे। यहीं मानसी ने इस खेल की बारीकियां सीखनी शुरू कीं।

- मानसी स्कूल और जिला स्तर पर खिताब जीतना शुरू कर दिए। लेकिन 2011 में उनकी जिंदगी में ऐसा कुछ हुआ कि सबकुछ बदल गया।  

- 2011 में मानसी जोशी ने एक दुर्घटना में अपना बायां पैर को खो दिया। उनका ट्रक से एक्सीडेंट हुआ था, जिसमें उनका हाथ भी टूट गया था। इसके अलावा कई जगहों पर चोट आई थी।

- मानसी को अस्पताल पहुंचाने में तीन घंटे से अधिक का समय लगा। दुर्घटना के 10 घंटे बाद ऑपरेशन थिएटर में पहुंचाया जा सका। उनका 12 घंटे तक ऑपरेशन हुआ, जिसमें जान तो बच गई लेकिन बायां पैर खो दिया। 

- योर स्टोरी को दिए इंटरव्यू में मानसी ने कहा, मैंने 2012 में कृत्रिम पैर से चलना शुरू किया। इसमें करीब चार महीने का समय लग गया। इसके बाद इंटर कंपनी  बैडमिंटन चैम्पियनशिप में भाग लिया, जहां पहले गोल्ड जीता था। इस बार भी वह विजेता बनीं। इस जीत ने मानसी के आत्मविश्वास को और बढ़ा दिया और उन्होंने बैडमिंटन खेलना जारी रखा। उन्होंने स्कूबा डाइविंग की भी ट्रेनिंग ली है।

Share this article
click me!