उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections) होना है। इसे लेकर राजनीति सरगर्मियां तेज हो चली हैं। सपा पूरा दमखम लगा रही है, लेकिन योगी उसके लिए एक पहाड़-सी चुनौती है। वो क्यों, जानिए इसलिए...
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी कार्यशैली और बेबाकी के लिए जाने-जाते हैं। नफा-नुकसान की चिंता छोड़ते हुए वे कड़े फैसले लेते रहे हैं। राजनीति पार्टियों में बेशक इसे लेकर उनकी आलोचना होती रही हो, लेकिन लोग इसे उत्तर प्रदेश के भविष्य के लिए अच्छा संकेत मानते हैं। बता दें कि योगी ने 19 मार्च, 2017 को यूपी के CM पद की शपथ ली थी। भाजपा ने 300 सीटें जीती थीं।
आधी आबादी मानती हैं कि योगी सरकार लौटेगी
अगले साल उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections) होना है। इसे लेकर राजनीति दलों ने युद्धस्तर पर तैयारियां शुरू की दी हैं। विपक्षी दल योगी की कमियां ढूंढ रहा है, तो सरकार प्रदेश की बदलती तस्वीरें लोगों तक पहुंचा रही है। पिछले महीने IANS-सीवोटर स्नैप ने एक पोल(सर्वे) कराया था। इसके अनुसार, 52 प्रतिशत ने माना कि योगी सरकार की वापसी होगी। इसके पीछ उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था बेहतर होना और कई बड़े विकास कार्य हैं। जिला परिषद के चुनाव में 75 में से 65 सीटों पर भाजपा की जीत एक उदाहरण के तौर पर देखी जा रही है।
योगी के फैसले मीडिया के चर्चा में रहते हैं
हाल में योगी ने ऐलान किया है कि उत्तर प्रदेश सरकार ओलंपिक 2032 तक कुश्ती को गोद लेगी। प्रदेश सरकार भारतीय कैडेट स्तर के पहलवानों को विदेशों में ट्रेनिंग दिलाएगी। इस प्रोजेक्ट पर प्रदेश सरकार 170 करोड़ रुपए खर्च करेगी। योगी सरकार का यह फैसला यूपी के खेल जगत में एक नई आशा की किरण के तौर पर देखा जा रहा है।
जनसंख्या नीति पर एक बड़ा फैसला
योगी आदित्यनाथ की छवि बेशक हिंदुत्वादी की रही हो, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने हर समुदाय और वर्ग के विकास की प्लानिंग की है। 11 जुलाई को योगी ने प्रदेश की नई जनसंख्या नीति जारी की थी। यह नीति 2030 तक जारी रहेगी। इसमें जनसंख्या नियंत्रण में योगदान देने वालों को प्रोत्साहित करने का ऐलान किया है। प्रदेश सरकार इस दिशा में जागरुकता लाने और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ स्कूलों में हेल्थ क्लब भी बनाएगी।
योगी की कुछ बड़ी योजनाएं, जो यूपी में चर्चा का विषय रहीं
मार्च में योगी सरकार ने अपने 4 साल पूरे किए थे। इस मौके पर योगी ने एक प्रेस कान्फ्रेंस में अपनी सरकार की कई उपलब्धियां गिनाई थीं। योगी ने दावा किया था कि पिछले 4 साल में यूपी में कोई दंगा नहीं हुआ। बता दें कि इससे पहले यूपी दंगों के लिए बदनाम रहा है।
योगी सरकार का दावा है कि पिछले 4 साल में यूपी में 35 लाख लोगों को नौकरियां मिलीं। इसे एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है। साथ ही कहा गया कि प्रदेश में इसी दौरान 4 लाख करोड़ रुपए का इन्वेस्ट हुआ है। 56 हजार करोड़ का निवेश अकेले कोरोना काल में हुआ। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में 50 हजार से ज्यादा लघु उद्योग लगाए गए और 1 करोड़ अस्सी हजार लोगों को रोजगार मिला है।
अपराधों में कमी आई
यूपी अपराधों के लिए कुख्यात रहा है, लेकिन योगी सरकार में इस आंकड़े में काफी आई है। आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में 65 प्रतिशत डकैती, 19 फीसदी मर्डर और 45 प्रतिशत रेप के मामलों में कमी आई है। इसे लॉ एड ऑर्डर को लेकर योगी की सख्ती मानी जाती है।
योगी की शैली के मोदी भी हैं कायल
राजनीति में यह जरूरी नहीं कि एक ही पार्टी के दो बड़े नेता एक-दूसरे को पसंद करते हों। लेकिन योगी इस मामले में अपनी पार्टी में ज्यादातर लोगों की पसंद हैं। उनकी कार्यशैली इसकी एक वजह है। मोदी भी कई बार योगी की तारीफ कर चुके हैं। उत्तर प्रदेश में हाल में 60 वर्ष से अधिक लोगों के लिए प्रोजेक्ट एल्डरलाइन शुरू किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस लेकर योगी की तारीफ करते हुए tweet किया था-आपके सर्वसमावेशी मंत्र सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास से ही प्रेरणा लेकर उत्तर प्रदेश सरकार अपने प्रदेश के वृद्ध नागरिकों को प्रोजेक्ट एल्डरलाइन के माध्यम से सहयोग, भावनात्मक देखभाल और समर्थन देने का कार्य कर रही है।
बनारस को दिलाई बड़ी सौगातें
बेशक वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है, लेकिन इस धार्मिक स्थल के विकास की रूपरेखा में योगी का बड़ा योगदान माना जाता है। पिछले महीने मोदी ने काशी से जुड़ीं 1500 करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन किया था। इसमें बहुचर्चित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर भी शामिल है।