मुख्य न्यायाधीश रमना ने दर्शकों से कहा कि आप करोड़पति, अरबपति बन गए हैं लेकिन याद रखें जीवन में शांति बेहद जरूरी है। आप जब घर वापस पहुंचे तो ऐसे समाज में रह रहे हों जहां शांति और भाईचारा हो।
नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना (CJI NV Ramana) ने शनिवार को कहा कि लोगों को उन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है जो देश को जोड़ते हैं, न कि उन पर जो इसे विभाजित करते हैं। सबके सहयोग और सामाजिक काम में सहभागिता से एकता को मजबूती मिलेगी। मुख्य न्यायाधीश ने सैन फ्रांसिस्को में एसोसिएशन ऑफ इंडियन अमेरिकन्स द्वारा आयोजित एक सम्मान समारोह में यह टिप्पणी की है।
क्या कहा चीफ जस्टिस रमना ने?
CJI एनवी रमना ने कहा कि हमें उन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है जो हमें एकजुट करते हैं। उन पर नहीं जो हमें विभाजित करते हैं। 21 वीं सदी में, हम छोटे, संकीर्ण और विभाजनकारी मुद्दों की चर्चा की अनुमति समाज को नहीं दे सकते हैं। इससे सामाजिक संबंध सबसे अधिक प्रभावित होता है। मानव विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए हमें सभी विभाजनकारी मुद्दों से ऊपर उठना होगा।
शांति आवश्यक है, तरक्की कीजिए लेकिन...
मुख्य न्यायाधीश रमना ने दर्शकों से कहा कि आप करोड़पति, अरबपति बन गए हैं लेकिन याद रखें जीवन में शांति बेहद जरूरी है। आप जब घर वापस पहुंचे तो ऐसे समाज में रह रहे हों जहां शांति और भाईचारा हो। हम सबको ऐसे समाज को बनाने में योगदान देना चाहिए जो नफरत, हिंसा और विभाजन से दूर हो।
दोनों देशों की पहचान विविधता की वजह से
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों ही विविधता के लिए जाने जाते हैं। इस विविधता को दुनिया में हर जगह सम्मानित और पोषित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अमेरिका विविधता का सम्मान करता है, केवल इस वजह से वह कड़ी मेहनत और असाधारण कौशल के माध्यम से अपनी पहचान बनाने में सक्षम है।
उन्होंने यह भी बताया कि कैसे राजनीतिक दलों को न्यायपालिका से कुछ त्रुटिपूर्ण अपेक्षाएं हैं। सत्ता में मौजूद पार्टी का मानना है कि हर सरकारी कार्रवाई न्यायिक समर्थन की हकदार है। विपक्ष में पार्टियां न्यायपालिका से अपने राजनीतिक पदों और कारणों को आगे बढ़ाने की उम्मीद करती हैं। संविधान के बारे में लोगों के बीच उचित समझ के अभाव में सभी वर्गों में एक त्रुटिपूर्ण सोच फलती-फूलती रहती है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह आम जनता के बीच जोरदार प्रचारित अज्ञानता है जो ऐसी ताकतों की सहायता के लिए आ रही है जिनका एकमात्र उद्देश्य एकमात्र स्वतंत्र अंग यानी न्यायपालिका को खत्म करना है। मैं इसे स्पष्ट कर दूं। हम संविधान और संविधान के प्रति जवाबदेह हैं।
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