हासन लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना की बलात्कार मामले में जमानत याचिका खारिज हो गई है. सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी की पीठ ने 'आरोपी बहुत पावरफुल' बताते हुए याचिका खारिज कर दी.
बेंगलुरु : हासन लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना बलात्कार मामले में जेल में बंद हैं, उन्हें स्थानीय और हाईकोर्ट से भी जमानत नहीं मिली थी. निचली अदालतों के आदेश को चुनौती देते हुए प्रज्वल रेवन्ना के वकील सुप्रीम कोर्ट गए थे. लेकिन, आज जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी की पीठ ने 'आरोपी बहुत पावरफुल' बताते हुए याचिका खारिज कर दी.
पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना पिछले पांच-छह महीनों से बलात्कार के मामले में जेल में हैं. हासन में उनके घर पर काम करने वाली महिला और जेडीएस कार्यकर्ता पर बलात्कार का आरोप लगाया गया था. इस मामले में पहले ही चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है. इस मामले में गिरफ्तार प्रज्वल जमानत पर बाहर आने की पूरी कोशिश कर रहे थे. लेकिन, स्थानीय अदालत और हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद उन्हें उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल जाएगी.
इसके बाद भारत के प्रभावशाली वकीलों में से एक मुकुल रोहतगी के नेतृत्व में प्रज्वल की जमानत के लिए याचिका दायर की गई थी. आज सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी ने प्रज्वल के वकील को ज्यादा बहस करने का मौका नहीं दिया. जैसे ही याचिका पर सुनवाई शुरू हुई, वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि उनके मुवक्किल पर गंभीर आरोप हैं, लेकिन शिकायत में धारा 376 (बलात्कार) का जिक्र नहीं है. इस पर न्यायमूर्ति त्रिवेदी ने पूछा कि क्या आरोप पत्र दाखिल हो गया है? वकील रोहतगी ने हां में जवाब दिया. इसके तुरंत बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि आरोपी बहुत प्रभावशाली है. याचिका खारिज की जाती है.
रेवन्ना की जमानत याचिका खारिज होने के बाद वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने पूछा कि क्या हम 6 महीने बाद फिर से याचिका दायर कर सकते हैं? इस पर न्यायमूर्ति ने कहा कि हम इस बारे में कुछ नहीं कहेंगे.
कम से कम 6 महीने और जेल में: प्रज्वल बलात्कार मामले में परप्पन अग्रहार जेल में बंद हैं. जमानत पर बाहर आने की कोशिशें नाकाम होने से वो परेशान हैं. उनके परिवार ने बड़े वकीलों को रखकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, उन्हें उम्मीद थी कि जमानत मिल जाएगी. लेकिन, अब सुप्रीम कोर्ट ने भी जमानत याचिका खारिज कर दी है. ऐसे में अगले 6 महीने तक उन्हें जमानत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है. इसके बाद अगर वो दोबारा याचिका दायर करते हैं तो भी जमानत मिलना मुश्किल है.