केंद्र सरकार और राज्यों के बीच फंड को लेकर टकराव पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, कहा-प्रतिस्पर्धा की बजाय सहयोग की भावना से काम करें

केंद्र से सूखा राहत का फंड जारी करने के लिए दिशनिर्देश के लिए कर्नाटक सरकार ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कर्नाटक ने बताया कि राज्य में सूखा राहत का फंड केंद्र द्वारा रिलीज नहीं किया जा रहा है।

 

Dheerendra Gopal | Published : Apr 8, 2024 10:14 AM IST / Updated: Apr 09 2024, 01:41 AM IST

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्यों के बीच फंड्स को लेकर तनातनी पर चिंता जताई है। सर्वोच्च न्यायालय ने दोनों को सलाह दी है कि प्रतिस्पर्धा करने की बजाय सहयोग की भावना से काम करना चाहिए। दरअसल, केंद्र से सूखा राहत का फंड जारी करने के लिए दिशनिर्देश के लिए कर्नाटक सरकार ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कर्नाटक ने बताया कि राज्य में सूखा राहत का फंड केंद्र द्वारा रिलीज नहीं किया जा रहा है।

कोर्ट में कर्नाटक सरकार की ओर से दायर याचिका में यह कहा गया कि केंद्र ने कई जिलों में सूखे के मद्देनजर कर्नाटक सरकार को वित्तीय सहायता नहीं दी है। राज्य, अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए बाध्य है क्योंकि धन वितरित करने में विफलता ने दक्षिणी लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया है। राज्य ने यह भी तर्क दिया कि केंद्र ने लगभग छह महीने तक सूखे से संबंधित आपदा पर एक अंतर-मंत्रालयी टीम की रिपोर्ट पर अभी तक कार्रवाई नहीं की है। राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि केंद्र को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के एक महीने के भीतर उस पर कार्रवाई करनी होगी।

कोर्ट में केंद्र ने याचिका के समय पर सवाल उठाया। कहा कि 11 दिनों मं लोकसभा चुनाव हैं। राज्य को शीर्ष अदालत से पहले पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार से बात करनी चाहिए थी। हालांकि, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को निर्देश लेने के लिए दो सप्ताह का समय दिया।

केंद्र और राज्यों के बीच लगातार हो रही टकराहट

लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र बनाम राज्यों का विवाद सुर्खियों में रहा है। यह टकराहट खासकर दक्षिण राज्यों कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में रहा, जहां बीजेपी सत्ता में नहीं है। यह राज्य लगातार केंद्र सरकार को धन वितरण और टैक्स वितरण पर लगातार चुनौती दे रहे हैं। कर्नाटक की याचिका तमिलनाडु द्वारा बाढ़ प्रभावित जिलों के लिए अंतरिम राहत पैकेज के हिस्से के रूप में 2,000 करोड़ रुपये जारी करने के लिए केंद्र को एक पक्षीय आदेश देने की मांग के कुछ दिनों बाद आई है। दक्षिण राज्यों में धन आवंटन की लड़ाई संसद में भी हो चुकी है। आपदा राहत व टैक्स हस्तांतरण बकाया को राज्यों को नहीं देने को लेकर फरवरी में संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के बीच नोकझोंक भी हो चुकी है। आरोप लगा था कि गैर-भाजपा राज्य सरकारें वित्तीय बकाया और आवंटन से वंचित हैं। जबकि सीतारमण ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि आवंटन वित्त आयोग की सिफारिश पर होता है।

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