सुप्रीम कोर्ट से चुनाव आयोग को राहत मिल गई है। कोर्ट ने EVM और VVPAT के 100 फीसदी मिलान करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए उस खारिज कर दिया है। कोर्ट ने इस मामले में फिर से विचार नही करने की बात कही है।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बीते 26 अप्रैल को चुनाव आयोग की ओर से ईवीएम और वीवीपैट मशीन पर सौ फीसदी मिलान करने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। इसपर सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले पर पुनर्विचार करने को लेकर एक याचिका दाखिल की गई थी। लेकिन कोर्ट ने EVM और VVPAT पर्चियों के 100 फीसदी मिलान करने की याचिका पर पुनर्विचार करने की याचिको को भी खारिज कर दिया है।
क्रॉस वैरिफिकेशन की थी मांग
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्तांओं ने अपील की थी ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों का क्रॉस वैरिफिकेशन किया जाना चाहिए। याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि आयोग ने सैंपल के तौर पर कुछ ईवीएम और वीवीपैट से पर्चियां निकालकर दिखा दी थीं लेकिन सभी मशीन सही हों ये तो नहीं कहा नहीं जा सकता है। ऐसे में मांग की गई थी कि 100 फीसदी ईवीएम और वीवीपैट मशीन की जांच कराई जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही इसे खारिज कर दिया था।
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खंडपीठ ने खारिज की पुनर्विचार याचिका
ईवीएम और वीवीपैट मामले में सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने अपने आदेशों में कहा कि 25 जुलाई के कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि पूरी समीक्षा और समर्थन में दिए गए आधारों को ध्यान से पढ़कर समीक्षा की गई थी। ऐसे में इस प्रकरण पर दोबारा विचार करने की कोई जरूरत समझ में नहीं आती है। इसलिए याचिका का खारिज किया जाता है।
चुनाव आयोग ने क्या दिया था तर्क
चुनाव आयोग ने याचिका के खिलाफ तर्क दिया था कि यदि ईवीएम और वीवीपैट मशीन से निकलने वाली पर्ची का हर बार मिलान कराया जाएगा तो यह काफी टाइम टेकिंग प्रोसेस होगा। या फिर ऐसे करने के लिए और अधिक कर्मचारी बल की आवश्यकता पड़ेगी तभी समय से कार्य पूरा हो सकेगा। ईवीएम और वीवीपैट मशीन को वैसे भी चेक करने के बाद ही मतदान केंद्र भेजा जाता है, फिर दोबारा से चेक करना समय नष्ट करना होगा।