कोर्ट ने कहा कि यह बेहद शॉकिंग है कि इस केस को डील करने में सेंस ऑफ अर्जेंसी दिखी ही नहीं।
Supreme Court pulls up Gujarat High court: सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को गुजरात हाईकोर्ट के रवैया की सख्त आलोचना करते हुए फटकार लगाई है। 28 हफ्ते की प्रेग्नेंट रेप विक्टिम अर्बाशन केस में 13 दिन बाद सुनवाई की तारीख तय करने पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त ऐतराज जताया है। कोर्ट ने कहा कि यह बेहद शॉकिंग है कि बिना कोई आदेश पास किए हाईकोर्ट ने 13 दिन बाद सुनवाई की तारीख तय कर दी। ऐसी स्थिति में जब हर दिन बेहद महत्वपूर्ण है। कोर्ट ने कहा कि यह बेहद शॉकिंग है कि इस केस को डील करने में सेंस ऑफ अर्जेंसी दिखी ही नहीं।
हाईकोर्ट ने रेप विक्टिम ने अबार्शन क लिए की थी अपील
गुजरात हाईकोर्ट में बीते 7 अगस्त को एक रेप विक्टिम की ओर से अबार्शन याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने 8 अगस्त को मामले की सुनवाई की। हाईकोर्ट ने तत्काल एक मेडिकल बोर्ड को गठित कर गर्भावस्था की स्थिति का पता लगाने के लिए आदेश दिया। रिपोर्ट 10 अगस्त को बोर्ड ने हाईकोर्ट को सौंप दी। अगले दिन 11 अगस्त को हाईकोर्ट ने रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लिया लेकिन मामले को सुनवाई के लिए 23 अगस्त के लिए पोस्ट कर दिया।
हाईकोर्ट में सुनवाई की देरी के बाद सुप्रीम कोर्ट का रूख
गुजरात हाईकोर्ट द्वारा 12 दिन बाद सुनवाई की तारीख तय करने पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त ऐतराज जताया। सुनवाई करती हुई जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कहा कि इस मामले में तत्काल सुनवाई होनी चाहिए थी। ऐसा उदासीन दृष्टिकोण ठीक नहीं। हाईकोर्ट को फटकार लगाते हुए बेंच ने कहा कि इस केस को सुनते हुए सेंस ऑफ अर्जेंसी दिखनी चाहिए थी जिसका अभाव है। ऐसे मामले में कोर्ट कैसे कोई फैसला दिए बिना ही 12 दिन बाद सुनवाई की तारीख तय कर सकता। याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि पीड़िता 27 सप्ताह और 2 दिन की गर्भवती है। जल्द ही 28 हफ्ते में पहुंच जाएगी। इस पर जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि बहुत ही बहुमूल्य समय नष्ट हो चुका है। हम मेडिकल बोर्ड से नई रिपोर्ट मांगे हैं। याचिकाकर्ता को एक बार फिर एग्जामिन करने का निर्देश दिया जाता है। नई स्टेटस रिपोर्ट 20 अगस्त की शाम तक कोर्ट को सौंपी जाएगी। सोमवार 21 अगस्त को कोर्ट के सामने रखा जाएगा।
आर्डर की कॉपी अपलोड नहीं होने पर भी सुप्रीम कोर्ट नाराज
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने गुजरात हाईकोर्ट को फटकारते हुए कहा कि कोई भी कोर्ट ऐसा कैसे कर सकती है। सुनवाई की तारीख 12 दिन बाद तय करके बेहद कीमती समय बर्बाद किया गया। अभी तक 17 अगस्त का आदेश अपलोड नहीं किया गया है। जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी को गुजरात हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से पूछताछ करने का निर्देश देते हैं।
यह भी पढ़ें: