कर्नाटक में मुस्लिम ओबीसी कोटा खत्म करने का मामला: राज्य सरकार ने बताया अगली सुनवाई तक नहीं होगी विवादित निर्णय के आधार पर कोई नियुक्तियां...

Published : Apr 18, 2023, 03:30 PM ISTUpdated : Apr 18, 2023, 03:34 PM IST
Supreme Court

सार

मुस्लिम ओबीसी कोटा खत्म किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट में 13 अप्रैल को सुनवाई हुई थी। जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि कनार्टक सरकार का मुस्लिम ओबीसी आरक्षण कोटा खत्म करना प्रथमदृष्टया सही नहीं लग रहा है।

Muslim OBC Quota: कर्नाटक में मुस्लिम ओबीसी का चार प्रतिशत कोटा स्क्रैप किए जाने और उसे दूसरे समुदायों को आवंटित किए जााने के बाद सियासी पारा गरमा गया है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम ओबीसी कोटा खत्म किए जाने को लेकर सुनवाई की है। कोर्ट ने इसके पहले राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था। कोर्ट को राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि विवादित निर्णय के आधार पर नई नियुक्तियां नहीं की जाएगी। जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने सुनवाई 25 अप्रैल तक टाल दिया है।

कोर्ट ने पहली सुनवाई पर फैसला को गलत बताया, राज्य सरकार को जारी किया था नोटिस

मुस्लिम ओबीसी कोटा खत्म किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट में 13 अप्रैल को सुनवाई हुई थी। जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि कनार्टक सरकार का मुस्लिम ओबीसी आरक्षण कोटा खत्म करना प्रथमदृष्टया सही नहीं लग रहा है। कोर्ट के सामने जो रिकॉर्ड पेश किया गया है, उससे जाहिर होता है कि फैसला गलत कॉन्सेप्ट पर आधारित है। इसे बाद कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था। राज्य सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। उन्होंने जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच से फैसला टालने की मांग की। मेहता ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार अगली तारीख तक विवादित निर्णय के आधार पर नई नियुक्तियां नहीं करेगा।

24 मार्च को बोम्मई सरकार ने मुसलमानों का आरक्षण कर दिया था खत्म

24 मार्च 2023 को कर्नाटक सरकार की मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की कैबिनेट ने मुसलमानों के लिए ओबीसी आरक्षण को खत्म कर दिया था। कर्नाटक में मुसलमानों को 4 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण दिया जाता था। लेकिन कैबिनेट ने निर्णय कर मुस्लिम समाज को आर्थिक आधार पर आरक्षण श्रेणी में रखा गया। दस प्रतिशत ईडब्ल्यूएस कोटा में डाल दिया गया है। मुस्लिम समाज के चार प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को काटकर वोक्कालिगा और लिंगायत समाज को दे दिया गया। दो प्रतिशत वोक्कालिगा और दो प्रतिशत लिंगायत समाज को यह ओबीसी कोटा आवंटित कर दिया गया ईडब्ल्यूएस वाले कोटे में मुसलमानों के अलावा ब्राह्मणों, जैनियों, आर्य वैश्यों, नागरथों, मुदलियारों को रखा गया है। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि पॉजिटिव रूप में देखे तो मुसलमानों को दस प्रतिशत आरक्षण के बड़े पूल में रखा गया है।

लिंगायत और वोक्कालिगा का आरक्षण कोटा बढ़ा दिया था

कर्नाटक कैबिनेट के निर्णय के बाद ओबीसी रिजर्वेशन का वोक्कालिगा और लिंगायत समुदायों का कोटा बढ़ गया था। वोक्कालिगा को चार प्रतिशत तो लिंगायत को पांच प्रतिशत ओबीसी आरक्षण कोटा में निर्धारित था। लेकिन दो-दो प्रतिशत बढ़ने के बाद वोक्कालिगा समुदाय का कोटा छह प्रतिशत तो लिंगायत समुदाय को सात प्रतिशत हो गया। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बताया कि कैबिनेट के फैसले के बाद वोक्कालिगा को क्रमशः 2 (सी) और 2 (डी) श्रेणी के तहत 6 प्रतिशत और लिंगायत को 7 प्रतिशत मिलेगा।

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