Top 10 points: Waqf कानून में बदलाव पर SC ने मांगा सरकार से जवाब, नई नियुक्तियों पर रोक

Published : Apr 17, 2025, 04:31 PM IST
Justice BR Gavai (Photo Source: Supreme Court of India)

सार

Waqf (Amendment) Act 2025 को लेकर देशभर में विरोध, Supreme Court ने केंद्र से मांगा जवाब। 'Waqf by user' और गैर-मुस्लिम सदस्यता पर गंभीर सवाल। जानिए 10 बड़ी बातें।

SC hearing Waqf law amendment 2025: संसद में पास होने के बाद राष्ट्रपति के सिग्नेचर से कानून बन चुके वक्फ़ संशोधन कानून 2025 पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। करीब 100 याचिकाओं की एकसाथ सुनवाई करते हुए दूसरे दिन कोर्ट ने कई महत्वपूर्ण आदेश दिए। इसी के साथ कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस पर जवाब मांगा है। केंद्र से जवाब मिलने तक कोर्ट ने कहा कि स्थितियों में कोई परिवर्तन नहीं होगा। न ही कोई नई नियुक्ति होगी न ही कोई जमीन डिनोटिफाई किया जाएगा। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 5 मई तय की है।

सुप्रीम कोर्ट में Waqf कानून पर सुनवाई की 10 बड़ी बातें:

  1. कोई नई नियुक्ति नहीं होगी: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया है कि अगली सुनवाई तक Waqf बोर्डों में कोई नई नियुक्ति नहीं की जाएगी और न ही किसी संपत्ति के स्टेटस में बदलाव होगा।
  2. ‘Waqf by User’ पर स्टेटस बरकरार: बिना दस्तावेज़ों के धार्मिक या चैरिटी उपयोग के आधार पर वक्फ घोषित की गई संपत्तियों पर भी कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि हम नहीं कह रहे कि सभी 'waqf by user' गलत हैं लेकिन चिंताएं हैं।
  3. गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति पर रोक: संशोधित वक्फ़ कानून में पहली बार गैर-मुस्लिम सदस्यों को बोर्ड में शामिल करने की व्यवस्था है लेकिन इस पर भी फिलहाल रोक लगाई गई है।
  4. धारा 9 और 14 पर कोर्ट की सख्ती: इन धाराओं के तहत सेंट्रल वक्फ़ कौंसिल में सिर्फ 8 मुस्लिम और स्टेट वक्फ़ बोर्डों में सिर्फ 4 मुस्लिम सदस्यों की सीमा तय की गई है, जबकि कुल सदस्यों की संख्या 22 और 11 है।
  5. CJI ने पूछा तीखा सवाल: भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने सॉलिसिटर जनरल से पूछा कि क्या सरकार हिंदू ट्रस्ट बोर्डों में मुसलमानों को भी शामिल करेगी?
  6. सिर्फ 5 याचिकाएं ही रहेंगी जीवित: सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि 100 से ज्यादा दायर याचिकाओं में से सिर्फ 5 पर ही सुनवाई की जाएगी, बाकी को 'disposed of' मान लिया जाएगा।
  7. केंद्र को मिला एक हफ्ता: सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया गया है। उसके बाद याचिकाकर्ताओं को 5 दिन का समय मिलेगा अपना जवाब देने के लिए।
  8. संविधानिक अधिकारों पर बहस: याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि नया Waqf कानून समानता के अधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता जैसे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।
  9. राजनीतिक हलचल तेज: विपक्षी पार्टियां जैसे कांग्रेस, AAP, DMK, CPI और जेडीयू (JDU) ने इस कानून को चुनौती दी है। बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए जेडीयू का रुख खासा अहम है।
  10. देशभर में विरोध और हिंसा: वक्फ कानून में बदलाव के खिलाफ देशभर में विरोध-प्रदर्शन हुए। बंगाल में तीन लोगों की मौत के बाद ममता बनर्जी की सरकार ने इसे लागू न करने का ऐलान किया। BJP ने इसे ‘तुष्टिकरण’ की राजनीति करार दिया।

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