SC ने केंद्र सरकार से फ्री योजनाओं के वादे को लेकर मांगा जवाब, चुनाव जीतने के लिए फ्री योजना पर लग सकता लगाम

सुप्रीम कोर्ट ने मुफ्त योजनाओं के राजनीतिक दलों के वादे को लेकर दाखिल की गई याचिका पर नोटिस जारी किया है। चुनाव जीतने के लिए फ्री वाली स्कीम्स पर सरकार से दिशा निर्देश जारी करने को भी कहा है। कोर्ट में अगली सुनवाई 3 अगस्त को होगी।

Dheerendra Gopal | Published : Jul 26, 2022 6:47 PM IST

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव के दौरान मुफ्त योजनाओं को रोक लगाने की बात कही है। केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि इस दिशा में कोई रास्ता निकालें। एपेक्स कोर्ट ने मंगलवार को एक याचिका पर नोटिस जारी किया। याचिका में चुनाव आयोग (ईसी) को निर्देश देने की मांग की गई थी कि राजनीतिक दलों को सार्वजनिक फंड से तर्कहीन मुफ्त देने या वितरित करने से रोकने के लिए दिशानिर्देश तैयार किए जाएं।

मुफ्त योजनाओं से आम लोगों पर बढ़ रहा टैक्स का बोझ

Latest Videos

भारत के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और हेमा कोहली की अध्यक्षता वाली पीठ ने वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय की याचिका पर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि राज्यों पहले से ही भारी कर्ज के बोझ का सामना कर रहे थे और इस तरह के मुफ्त उपहार केवल लोगों पर अधिक तनाव डालेंगे क्योंकि पैसा अंततः उनसे ही आना है।

पीठ ने सहमति व्यक्त की कि उपाध्याय की याचिका में उठाया गया मुद्दा गंभीर है। एस सुब्रमण्यम बालाजी बनाम तमिलनाडु राज्य और अन्य मामले में 2013 के फैसले का उल्लेख किया, जिसमें शीर्ष अदालत ने कहा कि कानून स्पष्ट है कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 के तहत चुनावी घोषणा पत्र में वादों को भ्रष्ट आचरण नहीं माना जा सकता है। हालांकि, वास्तविकता से इंकार नहीं किया जा सकता है कि किसी भी तरह के मुफ्त उपहारों का वितरण निस्संदेह सभी लोगों को प्रभावित करता है।

कपिल सिब्बल से भी कोर्ट ने पूछा राय

सुनवाई के दौरान किसी अन्य मामले को लेकर वकील कपिल सिब्बल भी कोर्ट में मौजूद थे। कोर्ट ने मुफ्त की योजना के इस मुद्दे पर उनसे भी उनके विचार पूछे। इस पर सिब्बल ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है, लेकिन राजनीतिक रूप से इसे नियंत्रित करना मुश्किल है। वित्त आयोग को अलग-अलग राज्यों को पैसा आवंटित करते समय उनका कर्ज और मुफ्त योजनाओं को ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार से निर्देश जारी करने की उम्मीद नहीं की जा सकती है। वित्त आयोग इस मुद्दे की जांच करने के लिए सही प्राधिकरण है।

पहले भी नोटिस जारी कर चुका है कोर्ट

संयोग से, शीर्ष अदालत ने 2 जुलाई, 2019 को सीधे नकद हस्तांतरण योजनाओं और मुफ्त के खिलाफ एक अन्य याचिका पर केंद्र, चुनाव आयोग और कुछ राज्यों को नोटिस जारी किया था। चुनाव आयोग ने 8 जनवरी, 2020 को नोटिस का जवाब दिया था।

यह भी पढ़ें:

एशियाई देशों में अगले साल भयानक मंदी लेकिन भारत के लिए खुशखबरी, देखिए ब्लूमबर्ग सर्वे रिपोर्ट

Parliament Mansoon Session से राज्यसभा के 19 विपक्षी सांसद निलंबित, सरकार ने बताया कब कराएगी महंगाई पर चर्चा

शिक्षक भर्ती घोटाला का डायरी खोलेगी राज! पार्थ चटर्जी और अर्पिता का कनेक्शन भी आया सामने?

100 करोड़ रुपये में बनाते थे राज्यसभा सांसद या गवर्नर! CBI ने बड़े रैकेट का किया भंड़ाफोड़

Share this article
click me!

Latest Videos

LIVE: प्रियंका गांधी ने तिरुवंबदी के कोडेनचेरी में सुखनेर सभा को संबोधित किया
Yogi Adityanath: 'सड़कों पर झाड़ू लगाकर रास्ता साफ करेंगे पत्थरबाज' #Shorts
इस एक वजह से बदली गई यूपी-पंजाब और केरल उपचुनाव की तारीख, जानिए क्या है नई डेट
LIVE: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने झारखंड के हज़ारीबाग़ में जनता को संबोधित किया
'वो आपकी बेटी छीन रहे हैं' ऐसा क्या बोले मोदी जो भाषण पर छिड़ा बवाल । PM Modi Speech