Supreme Court on Manipur violence: कोर्ट लॉ एंड ऑर्डर नहीं चलाएगा, इसकी जिम्मेदारी राज्य की चुनी हुई सरकार की होती

बेंच ने यह टिप्पणी सीनियर एडवोकेट कॉलिन गोंसाल्वे को जवाब देते हुए कही। वरिष्ठ वकील कुकी समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हुए पूर्वोत्तर राज्य में स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप की मांग कर रहे थे।

Dheerendra Gopal | Published : Jul 10, 2023 11:14 AM IST / Updated: Jul 10 2023, 07:08 PM IST

Supreme Court on Manipur violence: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि कोर्ट कानून और व्यवस्था नहीं चला सकता है और ऐसा करना चुनी हुई सरकार का काम है। वह हिंसा को रोकने के लिए कानून और व्यवस्था तंत्र को अपने हाथ में नहीं ले सकता है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सोमवार को मणिपुर की स्थिति पर कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। सुनवाई कर रहे डबल बेंच में सीजेआई के साथ जस्टिस पीएस नरसिम्हा भी शामिल थे। बेंच ने यह टिप्पणी सीनियर एडवोकेट कॉलिन गोंसाल्वे को जवाब देते हुए कही। वरिष्ठ वकील कुकी समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हुए पूर्वोत्तर राज्य में स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप की मांग कर रहे थे।

3 मई से शुरू हुई मणिपुर में कूकी और मैतेई के बीच झड़प के बाद से यहां जातीय हिंसा में लगभग 150 लोग मारे गए हैं और हजारों बेघर हो चुके हैं। हिंसा में कई मंत्रियों के घर भी जलाए जा चुके हैं। 

कोर्ट तनाव को बढ़ाने के लिए नहीं

एपेक्स कोर्ट ने कहा कि मणिपुर में तनाव बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को मंच के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। कोर्ट अधिक से अधिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दे सकती है और इसके लिए उसे विभिन्न समूहों की सहायता और सकारात्मक सुझावों की जरूरत है। बेंच ने मणिपुर के विभिन्न समूहों से कहा कि स्थिति को बेहतर बनाने के लिए मंगलवार तक हमें कुछ सकारात्मक सुझाव दें और हम केंद्र और मणिपुर सरकार से इस पर गौर करने के लिए कहेंगे।

पुनर्वास, कानून व्यवस्था पर कोर्ट ने मांगी थी रिपोर्ट

बीते 3 जुलाई को कोर्ट ने मणिपुर सरकार से जातीय हिंसा प्रभावित राज्य में पुनर्वास, कानून व्यवस्था की स्थिति, हथियारों की बरामदगी सहित अन्य स्थितियों पर रिपोर्ट मांगी थी।

3 मई से लगातार हिंसा जारी

मणिपुर राज्य में 3 मई से जारी हिंसा लगातार जारी है। मैतेई और कूकी समुदायों के बीच हो रही इस हिंसा में डेढ़ सौ से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। कई हजार लोग बेघर हो चुके हैं। सैकड़ों घरों को आग के हवाले दंगाई कर चुके हैं। राज्य में शांति बहाली के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लेकर उनके सहयोगी राज्यमंत्री नित्यानंद राय के अलावा सेना व सुरक्षा बलों के बड़े अफसर कैंप कर चुके हैं। शांति बहाली की हर कोशिश नाकाम साबित हो रही हैं।

यह भी पढ़ें:

Manipur Violence: इंफाल में दहशत फैलाने के लिए स्कूल के सामने महिला को गोली मारी

Share this article
click me!