कैप्टनों के पेंशन मामले में SC की बड़ी कार्रवाई: केंद्र पर 2 लाख का जुर्माना

Published : Jul 30, 2024, 03:38 PM ISTUpdated : Jul 30, 2024, 04:16 PM IST
supreme court

सार

सुप्रीम कोर्ट ने वन रैंक वन पेंशन योजना में देरी पर केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है और पेंशन विसंगतियों को दूर करने का आदेश दिया है।

Supreme Court raps Centre: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाने के साथ दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। वन रैंक वन पेंशन योजना के तहत सेना के रिटायर्ड कैप्टनों के पेंशन पर कई सालों से कोई निर्णय नहीं लेने पर विफरे सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को दस प्रतिशत पेंशन बढ़ाने के साथ 14 नवम्बर तक सभी पेंशन विसंगतियों को दुरुस्त करने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई 25 नवम्बर को होगी। जुर्माना सशस्त्र बलों के कल्याण कोष में एक महीना के अंदर जमा करना होगा। 2021 से कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रहा है।

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने मंगलवार को मामले की सुनवाई की। वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) योजना के तहत सेना के रिटायर्ड रेगुलर कैप्टनों को पेंशन पर काफी वर्षों से निर्णय नहीं किए जाने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई। यह मामला 2021 में सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा था। लेकिन बार-बार आदेश के बाद भी केंद्र की ओर से कोई निर्णय नहीं लिया जा सका।

सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भट्टी ने कहा कि एएफटी की कोच्चि बेंच ने छह विसंगतियों की ओर इशारा किया है जिन्हें ठीक करने की जरूरत है। लेकिन सरकार ने अभी तक इस मामले में रुख नहीं किया है। सरकार टुकड़ों में निर्णय नहीं ले सकती, उसे इस मुद्दे को समग्र रूप से देखना होगा और सभी छह विसंगतियों पर विचार करना होगा क्योंकि निर्णय दूसरों को प्रभावित कर सकता है।

बेंच ने कहा कि यह कितने साल तक चलेगा? या तोआप 10 प्रतिशत बढ़ी हुई पेंशन का पेमेंट करें या हम आप पर पूरा कास्ट लगाने जा रहे हैं। हम चाहते थे कि निर्णय लिया जाए लेकिन आपने नहीं लिया। यह मामला 2021 में आया था लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

मैं बस माफी मांग सकती हूं, हमें एक और मौका दें

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि मैं बस माफी मांग सकती हूं। कृपया हमें एक और मौका दें। हम इस पर निर्णय लेंगे। हम इस संबंध में हलफ़नामा दाखिल करेंगे। हमें तीन महीने का समय दें, हम निर्णय लेंगे।

बेंच ने हलफनामा और समय देने से किया इनकार

एएसजी के अनुरोध को बेंच ने अस्वीकार कर दिया। बेंच ने केंद्र को न समय दिया न ही हलफनामा देने की बात को स्वीकार किया। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार अब रिटायर्ड अधिकारियों को बढ़ी हुई पेंशन देगी न कि कोई हलफनामा। जस्टिस खन्ना ने कहा: यह क्या है? अगर सरकार कोई निर्णय नहीं ले रही है तो मैं कुछ नहीं कर सकता। इससे इन अधिकारियों को कोई राहत नहीं मिलती। वे सेवानिवृत्त कैप्टन हैं। उनकी कोई बात नहीं सुनी जा रही। आप लोगों तक उनकी कोई पहुंच नहीं है। या तो आप 10 प्रतिशत ज़्यादा भुगतान करना शुरू करें या पूरे कास्ट का भुगतान करें। चुनाव आपका है।

कोर्ट के बढ़ी हुई पेंशन देने के आदेश पर एएसजी ने कहा कि कृपया लागत ही लगाएं क्योंकि इससे बढ़ी हुई पेंशन की तुलना में समानता बेहतर होगी। इस पर बेंच ने सरकार पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए 14 नवम्बर तक पेंशन भुगतान का अंतिम मौका दिया। जुर्माना की राशि सशस्त्र बलों के कल्याण कोष में जमा करना होगा।

यह भी पढ़ें:

CJI डीवाई चंद्रचूड़ के साथ कपिल सिब्बल ने बेंच किया शेयर, पति-पत्नी को मिलाया

PREV

Recommended Stories

मनरेगा: सिर्फ नाम ही नहीं काम के तरीके और दिन भी बदल गए, जानिए पूरा डिटेल
Forbes World’s Most Powerful Women 2025: लिस्ट में भारत की 3 दिग्गज, जानिए नंबर 1 कौन?