ईवीएम पर सवाल? कोर्ट की याचिकाकर्ता को फटकार, क्या है पूरा मामला?

सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम की जगह बैलेट पेपर के इस्तेमाल की मांग वाली याचिका पर याचिकाकर्ता को फटकार लगाई। कोर्ट ने पूछा कि चुनाव जीतने पर ये सवाल क्यों नहीं उठते? अमेरिकी चुनावों और एलन मस्क के उदाहरण देने पर भी कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।

EVM Vs Ballot: ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर के उपयोग पर सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिकाकर्ता को खूब खरीखोटी सुनाया। कोर्ट ने चुनाव में बैलेट पेपर से वोटिंग कराने की मांग को खारिज करते हुए पूछा कि जब आप चुनाव जीतते हैं तो यह बात क्यों नहीं उठाते हैं। दुनिया के देश क्या कर रहे हैं इससे अलग आप क्यों नहीं बनना चाहते हैं। दरअसल, याचिकाकर्ता ने कोर्ट में अमेरिकी चुनावों में बैलेट के यूज और एलन मस्क द्वारा ईवीएम से छेड़छाड़ को लेकर चिंता जताने का उदाहरण दिया गया था।

क्या है बैलेट के यूज की मांग करने वाली याचिका में?

सुप्रीम कोर्ट में एक याचिकाकर्ता केए पॉल ने याचिका दायर कर बताया कि बैलेट के उपयोग से देश में निष्पक्ष चुनाव हो सकते हैं, ईवीएम में छेड़छाड़ की गुंजाइश रहती है। चंद्रबाबू नायडू और वाईएस जगन मोहन रेड्डी जैसे नेताओं ने भी ईवीएम से छेड़छाड़ पर सवाल उठाए थे। पॉल ने तर्क दिया कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है और सुझाव दिया कि भारत को संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों की प्रथाओं का पालन करना चाहिए जो ईवीएम के बजाय पेपर बैलट का उपयोग करते हैं। ईवीएम लोकतंत्र के लिए खतरा हैं। उन्होंने कहा कि एलन मस्क जैसी प्रमुख हस्तियों ने भी ईवीएम से छेड़छाड़ पर चिंता व्यक्त की है।

Latest Videos

कोर्ट ने क्या कहा?

इस केस की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विक्रम नाथ और पीबी वराले की बेंच ने फटकार लगाते हुए कहा कि अगर आप चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम या वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ नहीं होती। जब चंद्रबाबू नायडू या रेड्डी हारते हैं तो वे कहते हैं कि ईवीएम से छेड़छाड़ की गई है और जब वे जीतते हैं तो वे कुछ नहीं कहते। हम इसे कैसे देख सकते हैं? हम इसे खारिज कर रहे हैं। यह वह जगह नहीं है जहां आप इस पर बहस करें। बेंच ने पूछा: आप बाकी दुनिया से अलग क्यों नहीं होना चाहते?

पैसा बांटने वाले कैंडिडेट्स पर बैन की मांग

याचिकाकर्ता केए पॉल ने सुप्रीम कोर्ट से मांग किया कि वह चुनाव आयोग को निर्देश दे कि अगर कोई उम्मीदवार चुनाव के दौरान मतदाताओं को पैसे, शराब या अन्य प्रलोभन बांटने का दोषी पाया जाता है तो उसे कम से कम पांच साल के लिए अयोग्य घोषित किया जाए।

कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि आपके पास दिलचस्प जनहित याचिकाएं हैं। आपको ये शानदार विचार कैसे मिले? बेंच ने सलाह दी कि आपका क्षेत्र अलग है। क्यों इसमें पड़ रहे। बेंच ने कहा: आप इस राजनीतिक क्षेत्र में क्यों उतर रहे हैं? आपका कार्य क्षेत्र बहुत अलग है।

दरअसल, याचिकाकर्ता ऐसे संगठन के अध्यक्ष हैं जो अनाथों व विधवाओं का रेस्क्यू करता है। वह अबतक तीन लाख से अधिक अनाथों और 40 लाख विधवाओं को बचा चुके है।

यह भी पढ़ें:

महाराष्ट्र CM की कुर्सी: एकनाथ शिंदे-फडणवीस में खींचतान, किसके सिर सजेगा ताज?

Share this article
click me!

Latest Videos

तेलंगाना सरकार ने क्यों ठुकराया अडानी का 100 करोड़ का दान? जानें वजह
महाराष्ट्र में सत्ता का खेल: एकनाथ शिंदे का इस्तीफा, अगला सीएम कौन?
संभल हिंसा पर कांग्रेस ने योगी और मोदी सरकार पर साधा निशाना
'बसपा अब नहीं लड़ेगी कोई उपचुनाव'BSP Chief Mayawati ने खुद बताई बड़े ऐलान की वजह
कांग्रेस के कार्यक्रम में राहुल गांधी का माइक बंद ऑन हुआ तो बोले- मुझे बोलने से कोई नहीं रोक सकता