EVM के इस्तेमाल को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, वकील ने कहा- बैलेट से हों चुनाव

PIL against EVM : सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले वकील ने कहा कि उत्तर प्रदेश, गोवा, पंजाब, उत्तराखंड और मणिपुर में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर जनहित याचिका (PIL) की सुनवाई की आवश्यकता है। वकील ने मांग की है कि इन राज्यों में चुनाव बैलेट पेपर के जरिए कराए जाएं।

Asianet News Hindi | Published : Jan 19, 2022 12:48 PM IST

नई दिल्ली। चुनावों में ईवीएम (Evm use in elections) के इस्तेमाल को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) सुनवाई करेगी। वकील एमएल शर्मा की ओर से दायर की गई इस याचिका में कहा गया है कि बैलेट पेपर से चुनाव अधिक सुरक्षित हैं। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश (CJI) एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने वकील एमएल शर्मा की दलीलें सुनीं। शर्मा ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 61ए, जो ईवीएम के इस्तेमाल की अनुमति देती है, संसद द्वारा पारित नहीं की गई थी और इसलिए इसे लागू नहीं किया जा सकता है।

जनप्रतिनिधत्व अधिनियम की धारा का हवाला 
शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश, गोवा, पंजाब, उत्तराखंड और मणिपुर में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर जनहित याचिका (PIL) की सुनवाई की आवश्यकता है। वकील ने मांग की है कि इन राज्यों में चुनाव बैलेट पेपर के जरिए कराए जाएं।
इस पर सीजेआई ने कहा कि हम इसे देखेंगे। इसे किसी भी बेंच के पास सूचीबद्ध किया जा सकता है। पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक शर्मा ने कहा कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 61 ए, जो ईवीएम के उपयोग की अनुमति देती है, संसद द्वारा पारित नहीं की गई थी। इसलिए, इसे लागू नहीं किया जा सकता है।

EVM  के इस्तेमाल को शून्य और असंवैधानिक घोषित करने की मांग
याचिका दाखिल करते हुए वकील शर्मा ने कहा कि मैंने रिकॉर्ड में मौजूद सभी सबूतों को पेश करते हुए याचिका दायर की है। इन सबूतों के आधार पर वोटिंग बैलेट पेपर से होने दें। याचिका में केंद्रीय कानून मंत्रालय को भी एक पक्ष बनाया गया है और मांग की गई है कि वह इसे शून्य, अवैध और असंवैधानिक घोषित करे, क्योंकि ईवीएम का देश में कभी प्रावधान नहीं रहा।  गौरतलब है कि फरवरी 10 फरवरी से लेकर 7 मार्च तक पांच राज्यों के चुनाव होने हैं। इनके नतीजे 10 मार्च को आएंगे।  

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