तमिलनाडु सरकार ने फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर को सांप्रदायिक सद्भाव पुरस्कार दिया है। भाजपा ने राज्य सरकार के इस फैसले की आलोचना की है।
चेन्नई। तमिलनाडु सरकार ने शुक्रवार को पत्रकार मोहम्मद जुबैर को सांप्रदायिक सद्भाव पुरस्कार देकर सम्मानित किया। जुबैर को यह सम्मान उनकी फैक्ट चेकिंग वेबसाइट पर लगाई गई खबरों को लेकर दिया गया है। उन्होंने हिंदी भाषी लोगों को बदनाम करने वाली अफवाहों का भंडाफोड़ किया था। भाजपा ने राज्य सरकार के इस फैसले पर सवाल किए हैं।
कुछ समय पहले तमिलनाडु में हिंदी भाषी लोगों को लेकर बहुत सी अफवाहें उड़ीं थीं। कहा गया था कि प्रवासी मजदूरों पर हमला किया जा रहा है। इन अफवाहों के चलते बड़ी संख्या में बिहार और उत्तर प्रदेश से आए मजदूर वापस घर लौटने लगे थे। रेलवे स्टेशनों पर भीड़ उमड़ पड़ी थी। मोहम्मद जुबैर ने इन अफवाहों की जांच की और लोगों को सच्चाई बताई। दूसरी ओर भाजपा ने जुबैर को मिले सम्मान की तीखी आलोचना की है और उन्हें “पक्षपातपूर्ण जोड़-तोड़ करने वाला” बताया है।
जुबैर को गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान मिला पुरस्कार
मरीना बीच पर गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने जुबैर को प्रमाण पत्र और 25000 रुपए के साथ कोट्टई अमीर सांप्रदायिक सद्भाव पुरस्कार दिया। जुबैर फैक्ट चेकिंग वेबसाइट AltNews के सह-संस्थापक हैं। वह कृष्णागिरी जिले के मूल निवासी हैं।
तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने उठाए सवाल
स्टालिन द्वारा जुबैर को पुरस्कार दिए जाने के कुछ घंटों बाद तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने राज्य सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि DMK हर दूसरे सप्ताह एक नया निचला स्तर हासिल कर रही है। फैक्ट चेकर को यह सम्मान देकर राज्य सरकार ने उन सभी लोगों का अपमान किया है जिन्हें पहले यह सम्मान मिला था।
अन्नामलाई ने कहा कि सामाजिक वैमनस्य पैदा करना इस व्यक्ति (जुबैर) को रखने के लिए सही कैटेगरी होगी। द्रमुक की पसंद हमें आश्चर्यचकित नहीं करती। क्योंकि वे आत्मघाती बम विस्फोट (कोयंबटूर में) को सिलेंडर ब्लास्ट कहते रहे हैं। वे फैक्ट चेकर के भेष में आधा सच बेचने वालों को पसंद कर रहे हैं। दूसरी ओर मोहम्मद जुबैर ने कहा है कि वह सम्मान पाकर बहुत खुश हैं।