हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के राज्यपाल को लेकर टिप्पणी की थी और राज्य के लिए चिंता जाहिर की थी। इसके ठीक एक सप्ताह बाद ही राज्यपाल ने 10 विधेयक वापस लौटा दिए हैं।
Tamil Nadu Governor. तमिलनाडु में राज्यपाल बनाम राज्य सरकार की लड़ाई अब खुलकर सामने आ गई है। हाल ही में कोर्ट ने राज्यपाल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कमेंट किया था। इसके एक सप्ताह बाद ही राज्यपाल आरएन रवि ने राज्य सरकार के 10 विधेयकों को वापस लौटा दिया है। इसमें राज्य संचालित विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति के उनके अधिकार को सीमित करने वाला विधेयक भी शामिल है। विधेयकों को दोबारा भेजने के लिए विधानसभा की बैठक शनिवार को होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने जताई थी चिंता
आरएन रवि की कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद सामने आाई है। सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु और पंजाब के राज्यपालों को दोनों राज्यों में चुनी हुई सरकार द्वारा पेश किए जा रहे विधेयकों की मंजूरी में देरी के लिए चेतावनी दी थी। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि कृपया विधिवत निर्वाचित विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों की दिशा न भटकाएं। यह बहुत गंभीर चिंता का विषय है। तमिलनाडु के राज्यपाल ने इस टिप्पणी के सप्ताह भर बाद ही 10 विधेयकों को वापस कर दिया है। यह कार्रवाई राज्य की राजनीति को फिर से गरम कर सकती है कि क्योंकि विश्वविद्यालयों से जुड़े विधेयक को लेकर राज्यपाल और राज्य सरकार पहले ही आमने-सामने थे।
क्या है तमिलनाडु में विश्वविद्यालयों की मामला
रिपोर्ट्स की मानें तो पिछले साल कोयंबटूर में भारथियर यूनिवर्सिटी और चेन्नई में तमिलनाडु टीचर्स एजुकेशन यूनिवर्सिटी के कुलपतियों का कार्यकाल समाप्त हो गया है। नियमानुसार नई नियुक्तियों के लिए 3 सदस्यीय समिति का गठन किया जाता है जो नए कुलपति के संभावित नामों को शॉर्टलिस्ट करती है। फिर यह लिस्ट राज्यपाल के पास जाती है। चूंकि राज्यपाल ही कुलाधिपति होते हैं तो अंतिम निर्णय वे ही लेते हैं। मामला तब फंस गया जब राज्य सरकार और राज्यपाल दोनों की तरफ से समितियां गठित कर दी गईं।
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