नीतीश कुमार का फैसला BJP के मुंह पर तमाचा, दलित-पिछड़ों के नेतृत्व वाले दलों को खत्म करना चाहती बीजेपी-तेजस्वी

बिहार में नौकरियों पर अपने वादे पर उन्होंने कहा कि हम हिंदू-मुस्लिम विभाजन वाली बातों में नहीं फंसेंगे। बिहार में अब रोजगार और विकास की बातें होगी। बीजेपी को भी नौकरियों व विकास जैसे मुद्दों पर लौटना होगा न कि समाज में जहर घोलने वाले मुद्दों पर। 

नई दिल्ली। बिहार के नए उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की 'समाजवादी परिवार' में वापसी को 'भाजपा के मुंह पर तमाचा' बताया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय दलों को डराने या खरीदने की भाजपा की कोशिश का उद्देश्य पिछड़े वर्गों और दलितों की राजनीति को खत्म करना है, क्योंकि ज्यादातर ऐसी पार्टियां समाज के ऐसे वर्गों का प्रतिनिधित्व करती हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में बनी नई सरकार गरीबों व मजलूमों की सरकार है, यह बिहार की जनता की सरकार है। 

बिहार में सभी दल एक हुए, यह दृश्य पूरे देश में दिखेगा

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राजद नेता ने अपने पिता लालू प्रसाद यादव के नीतीश कुमार के साथ पुराने संबंधों का हवाला देते हुए कहा कि देशहित के लिए हम सब एक साथ हैं। मेरे पिता हमेशा से सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़े हैं और नीतीश जी ने फैसला लेकर देशव्यापी लड़ाई को शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार में, भाजपा के खिलाफ सभी दल अब एक ही पक्ष में हैं। नीतीश जी ने सही समय पर सही फैसला लिया। यह अब पूरे भारत में होगा।

हालांकि, 2024 में नीतीश कुमार पीएम का चेहरा होंगे, इस पर सीधे तौर पर कुछ भी नहीं कहा। उन्होंने बीजेपी की नीतियों व उसके चुनावी वादे पर ही बात की। उन्होंने पूछा कि बीजेपी ने साल में दो करोड़ नौकरियां देने की बात कही थी, उसका क्या हुआ।

हम नौकरियों और वास्तविक मुद्दों पर ही बात करेंगे

बिहार में नौकरियों पर अपने वादे पर उन्होंने कहा कि हम हिंदू-मुस्लिम विभाजन वाली बातों में नहीं फंसेंगे। बिहार में अब रोजगार और विकास की बातें होगी। बीजेपी को भी नौकरियों व विकास जैसे मुद्दों पर लौटना होगा न कि समाज में जहर घोलने वाले मुद्दों पर। 

न मेरे पिता झुके, न मैं कभी ऐसा करुंगा

तेजस्वी यादव ने कहा कि वह अपने पिता की राह पर चल रहे हैं। मेरे पिता ने जीवन भर सांप्रदायिक ताकतों से लड़ाई लड़ी। सामाजिक न्याय और गरीबों के लिए लड़ाई लड़ते हुए वो ना हिम्मत हारे, ना झुके।उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने भी राजद के साथ गठबंधन में वापस जाने के निर्णय के साथ अपनी विचारधारा को बचा लिया। हमने एक दूसरे के खिलाफ आरोप लगाए हैं। लेकिन हम एक परिवार हैं। हम सभी समाजवादी हैं।

नीतीश कुमार से पुराने संबंधों का हवाला दिया

तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार से पुराने संबंधों का हवाला देते हुए कहा कि हम एक दूसरे के आमने-सामने चाहे कितनी बार रहे लेकिन हमेशा एक अपनपापन बरकरार रहा। वह मुझे अपने घर का सदस्य मानते थे और मैं उनको परिवार को श्रेष्ठ। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि विपक्ष का नेता होते हुए मैं जब एक बार सरकार को घेर रहा था तो उन्होंने मुझे अपने भाई समान दोस्त का बेटा बताया था। यह उनका अपनापन ही तो था जो हमेशा ही बरकरार रहा। एक बार और, उन्होंने मुझसे कहा "बाबू बैठा जाओ" (बैठो बेटा) - यह एक निर्देश की तरह था, लेकिन एक आशीर्वाद की तरह प्यार भी था। मैं बैठ गया।"

बीजेपी क्षेत्रीय दलों को खत्म करना चाहती

भारतीय जनता पार्टी पर तेजस्वी यादव ने क्षेत्रीय दलों को खत्म करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय दल ज्यादातर पिछड़े वर्ग और दलित हैं। नीतीश जी पिछड़े समुदाय से हैं। भाजपा ने (रामविलास) पासवान जी की पार्टी को भी बांट दिया। अगर क्षेत्रीय दल नहीं होंगे, तो देश में कोई विपक्ष नहीं होगा। और इससे लोकतंत्र की हत्या हो जाएगी। भाजपा राजशाही की तरह शासन करना चाहती है। उन्होंने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश का हवाला दिया, जहां मध्यावधि में सरकारों के गिरने के बाद भाजपा सत्ता में आई थी। वे झारखंड में भी यही कोशिश कर रहे थे। हमने नाटक के माध्यम से देखा है।

सीबीआई-ईडी की स्थिति पुलिस स्टेशन से बदतर

उन्होंने केंद्र सरकार की जांच एजेंसियों के राजनीतिक दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि ईडी, सीबीआई अब एक स्थानीय पुलिस स्टेशन से भी बदतर हैं।

महागठबंधन में शामिल दलों के नेताओं से मुलाकात

तेजस्वी यादव ने दिल्ली यात्रा के दौरान महागठबंधन में शामिल प्रमुख दलों के नेताओं से मुलाकात की है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कम्युनिस्ट नेता सीताराम येचुरी, डी.राजा आदि से मुलाकात की है। माना जा रहा है कि इन दलों के सहयोग और मंत्रिमंडल में मंत्रियों के शामिल होने पर भी चर्चा तेजस्वी ने की है।

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