जम्मू में ड्रोन हमले के बाद PM ने की हाई लेवल मीटिंग, NIA करेगी जांच, एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर था निशाने पर

जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन के जरिये विस्फोट और फिर सोमवार सुबह सेना के कैंप पर हमले की नाकाम कोशिश के बीच कुंजवानी इलाके में सोमवार देर रात फिर संदिग्ध गतिविधियां दिखाई दी हैं। इस बीच ड्रोन हमले की जांच NIA को सौंप दी गई। टीम जम्मू पहुंच गई है।

Asianet News Hindi | Published : Jun 29, 2021 4:16 AM IST / Updated: Jun 29 2021, 06:39 PM IST

श्रीनगर. जम्मू कश्मीर में सेना के ठिकानों पर ड्रोन हमले को लेकर केंद्र सरकार हाई अलर्ट पर आ गई है। आज शाम 4 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्चस्तरीय मीटिंग की है। वहीं, मामले की जांच NIA को सौंपी गई है। टीम जम्मू पहुंच गई है। एक टीवी समाचार की रिपोर्ट के अनुसार, ड्रोन का लक्ष्य एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर था। शुरुआती जांच में पता चला है कि इसके पीछे पाकिस्तान से ऑपरेट हो रहे आतंकी संगठन लश्कर का हाथ है। ड्रोन के जरिये विस्फोटक आरडीएक्स युक्त आईईडी आईएएफ बेस पर गिराए गए थे।

धारा 370 हटने के बाद से बौखलाए आतंकी संगठन अब ड्रोन के जरिये आतंक फैलाने की साजिश रच रहे हैं। सोमवार देर रात जम्मू के रत्नुचक इलाके के कुंजवानी में फिर संदिग्ध ड्रोन गतिविधि देखी गई। सुरक्षाबल इलाके की सर्चिंग कर रहे हैं। बता दें कि जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन के जरिये 26-27 जून की रात पांच मिनट में दो ब्लास्ट किए गए थे। पहला ब्लास्ट रात 1.37 बजे और दूसरा 1.42 बजे हुआ। डिफेंस पीआरओ के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि हादसे में एयरफोर्स के दो कर्मचारी मामूली घायल हुए थे। इसके बाद सोमवार सुबह सेना कैंप के ऊपर दो अलग-अलग जगहों पर ड्रोन दिखाई दिए थे। ये ड्रोन जम्मू के रत्नुचक और कालूचक आर्मी कैंप के ऊपर 27-28 जून की रात को देखे गए थे। लेकिन सेना की सक्रियता के कारण ये वापस लौट गए।

पीएम ने की हाईलेवल मीटिंग
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शाम 4 बजे एक हाईलेवल मीटिंग की है। मीटिंग में जम्मू कश्मीर में एयरफोर्स बेस पर हुए ड्रोन हमले पर चर्चा करने के साथ सुरक्षा बलों को अत्याधुनिक उपकरणों से लैस करने का निर्णय लिया गया। मीटिंग में गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और एनएसए अजीत डोभाल भी मौजूद थे।

NIA को सौंपी गई जांच
इस बीच गृह मंत्रालय ने ड्रोन मामलों की जांच नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी(NIA) को सौंप दी है। NIA ने जम्मू कश्मीर पुलिस से इस संबंध में हुई अब तक की जांच के सभी दस्तावेज मांगे हैं। बताया जा रहा है कि ड्रोन हमले में हाई ग्रेड एक्सप्लोसिव का इस्तेमाल किया गया। ये आरडीएक्स या टीएनटी हो सकते हैं।

मासूमों को निशाना बना रहे आतंकी
कश्मीर में एसपीओ फैयाज अहमद, उनकी पत्नी और बेटी की हत्या के मामले में आज जम्मू कश्मीर पुलिस ने प्रेस कान्फ्रेंस की। आईजी विजय कुमार ने कहा कि आतंकवादी अमन-चैन पसंद नहीं करते। वे मासूमों को अपना शिकार बना रहे हैं। आईजी ने कड़े शब्दों में कहा कि नागरिकों को निशाना बनाने वाले आतंकी किसी भी कीमत पर नहीं बचेंगे। आईजी ने कहा कि पुलिस की नौकरी करना कोई अपराध नहीं है। फैयाज वैसे भी एंटी टेरर ऑपरेशन में शामिल नहीं थे।  घटना में जैश-ए-मोहम्मद का एक पाकिस्तानी मिलिटेंट और एक लोकल मिलिटेंट शामिल था। जिसकी पहचान हो गई है। हम उन्हें ट्रैक कर रहे हैं और बहुत जल्दी ही उनको मार गिराएंगे।

सुरक्षाबलों की कार्रवाइयों से बौखलाए आतंकी संगठन
सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाइयों से आतंकी संगठन बौखलाए हुए हैं। माना जा रहा है कि आतंकी संगठन लश्कर और जैश अब ड्रोन के जरिये हमले करने की साजिश रच रहा है। भारत-पाकिस्तान सीमा पर पिछले कुछ सालों में ड्रोन गतिविधियां बढ़ी हैं। इन ड्रोन का नियंत्रण पाकिस्तान से हो रहा है।

यह भी पढ़ें

पुलवामा में आतंकी हमला: पुलिस अधिकारी, उनकी पत्नी और बेटी की घर में घुसकर गोली मारकर हत्या

लश्कर और जैश कर रहे आतंकी गतिविधियों में ड्रोन का इस्तेमाल, सीमा पर कुछ वर्षों से ड्रोन में काफी बढ़ोतरी

छत में हुआ छेद, 2 जवान घायल..5 मिनट में ड्रोन से जम्मू एयर बेस कैंपस में हुए ब्लास्ट की Inside Photos

लश्कर कमांडर नदीम गिरफ्तार, सुरक्षाबलों पर हमले और कश्मीरियों की हत्याओं में रहा शामिल

जम्मू में दो अलग-अलग मिलिट्री क्षेत्रों में दिखाई दिए ड्रोन, सेना की 25 राउंड फायरिंग से टला बड़ा खतरा

J&K: ड्रोन हमले के बाद मलूरा में मुठभेड़ में लश्कर का टॉप कमांडर अबरार सहित 2 आतंकी ढेर, उड़ा दिया गया ठिकाना
 

Share this article
click me!