कोरोना वायरस का डर कुछ ऐसा है कि केरल में अपनी यात्राएं रद्द करा रहे हैं लोग

एशिया के मशहूर पर्यटक स्थलों में से एक ‘‘गॉड्स ऑन कंट्री’’ केरल में कोरोना वायरस के कारण पर्यटन पर ऐसे समय में असर पड़ रहा है, जब वह निपाह वायरस और पिछले तीन वर्षों में एक के बाद एक आई बाढ़ के प्रकोप से उभरने की राह पर था

Asianet News Hindi | Published : Feb 6, 2020 11:34 AM IST / Updated: Feb 06 2020, 05:07 PM IST

तिरुवनंतपुरम: एशिया के मशहूर पर्यटक स्थलों में से एक ‘‘गॉड्स ऑन कंट्री’’ केरल में कोरोना वायरस के कारण पर्यटन पर ऐसे समय में असर पड़ रहा है, जब वह निपाह वायरस और पिछले तीन वर्षों में एक के बाद एक आई बाढ़ के प्रकोप से उभरने की राह पर था।

केरल के समुद्र तटों के दिलकश नजारे, बैकवाटर्स की शांति, हरे भरे पर्वतीय स्थल और रोमांचक वन्यजीवन ने दुनियाभर के पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। उसके पर्यटन उद्योग का राज्य की अर्थव्यवस्था में प्रमुख योगदान है।

होटल बुकिंग बड़ी संख्या में हो रहे रद्द 

केरल का पर्यटन उद्योग 2020 में और अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने की तैयारी कर रहा था कि इसी बीच भारत में कोरोना वायरस के सभी तीन पॉजीटिव मामले यहीं से सामने आए जिससे बडी संख्या में पर्यटकों ने अपनी बुकिंग रद्द कर दी।

चीन के वुहान विश्वविद्यालय में पढ़ रहे राज्य के तीन मेडिकल छात्रों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है और 2,528 लोग निगरानी में है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 93 लोग विभिन्न अस्पतालों के अलग वार्ड में भर्ती हैं। पर्यटन उद्योग से जुड़े प्रमुख लोगों ने दावा किया कि राज्यभर में होटल बुकिंग और यात्रा पैकेज बड़ी संख्या में रद्द होने शुरू हो गए हैं।

राज्य में पर्यटन का सबसे व्यस्त समय नवंबर-फरवरी है

केरल सरकार के कोरोना वायरस को ‘राज्य आपदा’ घोषित करने के बाद पर्यटन मंत्री कडकमपल्ली सुरेंद्रन ने माना कि इस क्षेत्र को बड़ा नुकसान हुआ है। राज्य में पर्यटन का सबसे व्यस्त समय नवंबर-फरवरी है जबकि घरेलू मेहमान अप्रैल-मई, अगस्त-सितंबर (ओणम उत्सव) और दिसंबर-जनवरी में आते हैं।

प्रसिद्ध यात्रा एवं पर्यटन उद्यमी ई एम नजीब ने कहा कि राज्य में बड़ी संख्या में यात्रा कार्यक्रम तथा पैकेज रद्द किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस महामारी को ‘राज्य आपदा’ घोषित करने से राज्य की आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।

व्यावसायिक गतिविधियों पर पड़ेगा असर 

इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (आईएटीओ) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नजीब ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हम संक्रमित लोगों की रक्षा करने, जनता के बीच जागरूकता पैदा करने और स्थिति से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाए कदमों की सराहना करते हैं लेकिन जहां तक पर्यटन उद्योग का संबंध है तो ऐसे कदमों से लोग भयभीत होंगे। न केवल पर्यटन बल्कि राज्य की सभी व्यावसायिक गतिविधियों पर असर पड़ेगा।’’

हालांकि, आतिथ्य-सत्कार उद्योग के प्रमुख जोस डोमिनिक का मानना है कि होटल बुकिंग रद्द हो रही है लेकिन इतनी ज्यादा नहीं जितना मीडिया दिखा रहा है। डोमिनिक ने कहा कि उन्हें निजी तौर पर लगता है कि मजबूत स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था की राज्य की साख ऐसी स्थिति में मददगार होगी।

इस बीच, राज्य के पर्यटन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यात्राएं रद्द कराने की सटीक संख्या अभी उपलब्ध नहीं है लेकिन उन्होंने माना कि बाढ़ तथा अन्य महामारियों की बार-बार सामने आ रही घटनाओं से उद्योग पर असर पड़ रहा है।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)

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