पिता गौ-तस्करी से पैसा बनाता, बेटी फर्जी कंपनियों से ब्लैक मनी को व्हाइट करती रही, फिर हुई CBI व ED की एंट्री

यह तस्वीर तृणमूल कांग्रेस के नेता अनुब्रत मंडल की बेटी सुकन्या मंडल की है। अनुब्रत मंडल इन दिनों गाय तस्करी मामले (Cow Smuggling Case) में जेल में बंद हैं। पश्चिम बंगाल के इस कुख्यात मामले की आंच सुकन्या मंडल तक पहुंच गई है। बुधवार को उन्हें नई दिल्ली स्थित ED के दफ्तर में हाजिरी देनी पड़ी।

Amitabh Budholiya | Published : Nov 2, 2022 7:28 AM IST / Updated: Nov 02 2022, 01:00 PM IST

नई दिल्ली. यह तस्वीर तृणमूल कांग्रेस के नेता अनुब्रत मंडल(TMC leader Anubrata Mondal) की बेटी सुकन्या मंडल की है। अनुब्रत मंडल इन दिनों गाय तस्करी मामले (Cow Smuggling Case) में जेल में बंद हैं। पश्चिम बंगाल के इस कुख्यात मामले की आंच सुकन्या मंडल तक पहुंच गई है। पिछले दिनों इस मामले में CBI ने सुकन्या से पूछताछ की थी। स्कूल टीचर सुकन्या ने 5 करोड़ रुपए की संपत्ति खरीदी है। अब पशु तस्करी मामले में बुधवार(2 नवंबर) को सुकन्या नई दिल्ली में  प्रवर्तन निदेशालय(Enforcement Directorate-ED)  में पूछताछ के लिए पेश हुईं। पढ़िए क्या है पूरा मामला...


1. गौ तस्करी (Cattle smuggling) मामले में ईडी ने सुकन्या मंडल और उनके सीए मनीष कोठारी को नोटिस भेजा था। अनुब्रत मंडल को CBI ने गिरफ्तार किया था। वह अभी जेल में बंद हैं।

2. सुकन्या मंडल और मनीष कोठारी को 2 नवंबर को पूछताछ के लिए दिल्ली स्थिति ईडी के मुख्यालय में पेश होने को कहा गया था। सुकन्या मंडल दो फर्मों की मालिक हैं। उन्होंने बहुत कम समय में बड़ी संपत्ति हासिल की है। 

3. ED सुकन्या के आय के श्रोत के बारे में जानना चाहती है कि कम समय में इतनी प्रॉपर्टी कहां से आई? मनीष कोठारी से अनुब्रत मंडल की संपत्तियों, उनकी आमदनी और विभिन्न बैंक खातों में बचत से संबंधित सभी दस्तावेज अपने साथ लाने को कहा गया था।

4. सुकन्या मंडल को इससे पहले 27 अक्टूबर को दिल्ली ऑफिस में पेश होने के लिए नोटिस भेजा गया था, लेकिन वो नहीं आई थीं। यह अलग बात है कि सुकन्या के वकील ने नोटिस नहीं मिलने की बात कही थी।सीबीआई ने अगस्त में अनुब्रत मंडल को गिरफ्तार किया था। 

5. तीन अगस्त को CBI और ईडी ने अनुब्रत मंडल के ठिकानों पर छापा मारा था। टीम को 6 हिस्सों में बांटकर यह एक्शन हुआ था। टीम ने नानूर के बसापारा के सतरा गांव में जिला परिषद के कार्य निदेशक और तृणमूल नेता करीम खान, नानूर में ही करीम के करीबी जियारुल हक उर्फ ​​मुक्तर के अतखुला घर, पाइकपारा में सुभाष पल्ली, सरखा पल्ली और पत्थर व्यापारी तुलु मंडल के 3 घरों पर भी छापा मारा था।

6. जून, 2022 में सीबीआई ने गौ तस्करी की जांच के दौरान अनुब्रत मंडल के निजी अंगरक्षक सहगल हुसैन को गिरफ्तार किया गया था। हुसैन अपनी अकूत संपत्ति के बारे में कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दे सका था। एजेंसी ने 1 जून को हुसैन के मुर्शिदाबाद और बीरभूम स्थित आवासों पर छापेमारी की थी। टीएमसी के बीरभूम अध्यक्ष मंडल भी मामले के सिलसिले में दो बार सीबीआई के सामने पेश हुए थे। जांच के बाद तस्करी के बड़े मामले का खुलासा हुआ था।

7.सीबीआई के मुताबिक 2015 से 2017 के दौरान बीएसएफ ने 20,000 पशुओं के सिर बरामद किए थे। इनकी सीमा पार तस्करी होनी थी। भारत और बांग्लादेश के बीच करीब 2,216 किलोमीटर लंबी सीमा है। यहां से गौ-तस्करी होती है। सीबीआई पहले भी कई चौंकाने वाले खुलासे करती आई है कि भारत से बड़ी संख्या में गौवंश की खेप बांग्लादेश सीमा के जरिए बाहर भेजी जाती रही है। इसी की जांच करते हुए CBI अनुब्रत मंडल तक पहुंची थी।

8. CBI ने पशु तस्करी मामले में चार चार्जशीट दाखिल की हैं और 11 आरोपियों को नामजद किया है। इस मामले में मंडल के अंगरक्षक सहगल हुसैन को गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने आरोप लगाया कि तृणमूल नेता के अंगरक्षक ने पशु तस्करों और मंडल के बीच धन पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सीबीआई का दावा है कि हुसैन ने करोड़ों रुपए की संपत्ति भी अर्जित की है।

9. अनुब्रत उर्फ अणुव्रत मंडल को केष्टो मंडल के नाम से क्षेत्र में जाना जाता है। वह बीरभूम जिला तृणमूल कांग्रेस के प्रमुख रहे हैं। वे कई विवादों में घिरे रहे हैं। 1960 के दशक में जन्मे मंडल बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में एक हैं। जुलाई, 2013 में जब बंगाल में पंचायत चुनाव हुए थे, तब अणुव्रत मंडल ने तृणमूल कार्यकर्ताओं से खुलेआम कहा था कि वो पुलिस पर बम फेंकें और निर्दलीय उम्मीदवारों के घरों को जला दें। 62 साल के अनुब्रत टीएमसी के 11 वर्षों के शासनकाल में लगातार ताकतवर होते चले गए थे।

10. जब पशु तस्करी मामले की जांच शुरू हुई, तब दो कंपनियां एएनएम एग्रोकेम फूड्स प्राइवेट लिमिटेड और नीर डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड CBI और ED  के राडार पर आ गई थीं। इन कंपनियों के दो निदेशक एक मंडल के करीब विद्युत बरन गायेन और दूसरी उनकी बेटी सुकन्या है। केंद्रीय एजेंसी का मानना है कि दोनों कंपनियां फर्जी हैं, जो घोटाले की आय को अलग-अलग चैनलों में बदलने के लिए बनाई गई हैं।

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