60 से ऊपर वालों को बूस्टर डोज के लिए नहीं दिखाना होगा मेडिकल सर्टिफिकेट: स्वास्थ्य मंत्रालय

ओमीक्रोन (Omicron) के बढ़ते मरीजों को देखते हुए सरकार ने बूस्टर डोज (Booster) लगवाने की घोषणा की है। कहा जा रहा था कि इसके लिए 60 साल से ऊपर के लोगों को डॉक्टर का सर्टिफिकेट देने की जरूरत होगी। लेकिन अब सरकार ने स्पष्ट किया है कि बुजुर्गों को किसी तरह का कोई डॉक्टरी सर्टिफिकेट नहीं दिखाना होगा।

नई दिल्ली। देश में 10 जनवरी से फ्रंटलाइन वर्कर्स, हेल्थ वर्कर्स और बुजुर्गों को प्रिकॉशनरी डोज (बूस्टर डोज) दिए जाने हैं। अब तक कहा जा रहा था कि बूस्टर डोज लगवाने के लिए 60 साल से ऊपर के लोगों को डॉक्टर का सर्टिफिकेट देने की जरूरत होगी। लेकिन अब सरकार ने स्पष्ट किया है कि बुजुर्गों को किसी तरह का कोई डॉक्टरी सर्टिफिकेट नहीं दिखाना होगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि ऐसे लोगों को बूस्टर डोज लेने से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर ले लेनी चाहिए। इसके अलावा 15-17 साल के लोगों के लिए भी स्वास्थ्य मंत्रालय ने गाइडलाइंस जारी की हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक वैक्सीनेशन के लिए अपॉइंटमेंट्स ऑनलाइन Co-win ऐप पर लिया जा सकेगा। इसके अलावा वैक्सीनेशन सेंटर पर भी यदि स्लॉट खाली है तो ऑनसाइट रजिस्ट्रेशन कर टीका लगा दिया जाएगा। सरकार ने कहा है कि जो सुरक्षाकर्मी चुनावी राज्यों में ड्यूटी पर तैनात होंगे, उन्हें भी फ्रंट लाइन वर्कर्स की श्रेणी में गिना जाएगा।

दूसरी डोज के 9 महीने बाद लगेगा प्रिकॉशनरी डोज 
पिछले दिनों सरकार ने कहा था कि तीसरी और प्रिकॉशनरी डोज उन्हीं लोगों को लगेगी, जिनके दूसरी डोज लेने के 9 महीने या 39 हफ्ते पूरे हो चुके है। बुजुर्गों के मामले में यह उन्हें लगेगी जो हार्ट, किडनी, कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं।  गौरतलब है कि देश में ओमीक्रोन के नए मरीजों की संख्या 600 पार कर चुकी है। ऐसी स्थिति में सरकार का फोकस है कि अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीनेट कर दें। सरकार का लक्ष्य दिसंबर तक 100 प्रतिशत टीकाकरण पूरा करना है। देश में अब तक 1.42 करोड़ वैक्सीन लग चुकी हैं। 

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बच्चों को टीका लगाने वालों को ट्रेनिंग देने के आदेश 
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 15-17 साल के बच्चों को टीके लगाने के लिए ट्रेनिंग देने की सलाह दी है। मंत्रालय ने कहा है कि टीके लगाने वालों की पहले व्यवस्थित ट्रेनिंग हो। इसके लिए सेंटर बनाए जाएं। यहां बच्चों को कोवैक्सीन लगाने के लिए ट्रेनिंग दी जाए। गौरतलब है कि 3 जनवरी से देश में 15 से 17 वर्ष की उम्र के बच्चों को वैक्सीन लगाने की तैयारी है। कोविड-19 रोधी वैक्सीनेशन के लिए 1 जनवरी से 'कोविन' पोर्टल पर इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराए जा सकेंगे। बच्चों के लिए अभी सिर्फ 'कोवैक्सिन' ही उपलब्ध होगी। हालांकि, देश में जायकोव डी और कोवोवैक्स को भी इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है, लेकिन अभी सरकार के पास सिर्फ कोवैक्सीन ही उपलब्ध है। 

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