बीरभूम हिंसा मामले में अनुब्रत मंडल समेत 13 बरी, मंडल बोले-दूसरे मामलों में भी बरी होउंगा

माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने इस केस को असत्य की जीत बताया है। उन्होंने कहा कि अनुब्रत मंडल का बरी होना कोई अचरज नहीं है क्योंकि सरकार ने इस केस में ठीक से पैरवी नहीं की है। अगर सरकार केस लड़ने में ईमानदार नहीं है तो उसे हारना ही होगा।

कोलकाता। टीएमसी को एमपी-एमएलए कोर्ट से एक बड़ी राहत मिली है। टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल को बीरभूम जिले के मंगलकोट में 2010 में हुए हिंसा के मामले में बरी कर दिया है। अनुब्रत मंडल समेत 13 लोगों को कोर्ट ने बरी कर दिया। बरी होने के बाद अनुब्रत मंडल ने कहा कि कोर्ट में साबित हो गया है कि मैं बेगुनाह था और फंसाया गया था।

शुक्रवार को बिधाननगर में सांसद/विधायक अदालत के न्यायाधीश ने अनुब्रत मंडल और 13 अन्य आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष गवाहों की गवाही से साबित नहीं कर सका कि आरोपी हिंसा स्थल पर मौजूद थे।

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क्या था मामला? 

यह मामला बीरभूमि जिले में मार्च 2010 में हुई राजनीतिक हिंसा से जुड़ा हुआ है। उस समय राज्य में वाम मोर्चा की सरकार थी। आरोप है कि मंगलकोट में टीएमसी समर्थकों व तत्कालीन सत्तारूढ़ माकपा कार्यकर्ताओं में झड़प हुई थी। इसमें माकपा के कार्यकर्ता घायल हो गए थे। एक कार्यकर्ता के हाथ में देसी बम ही फट गया था। इस हिंसात्मक झड़प की रिपोर्ट थाने में लिखाई गई थी। अनुब्रत मंडल समेत 13 लोग आरोपी बनाए गए थे। 

अनुब्रत मंडल हैं सीबीआई हिरासत में...

टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल काफी प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। बीते 11 अगस्त को सीबीआई ने उनको काफी मशक्कत के बाद अरेस्ट किया था। अनुब्रत मंडल को पशु तस्करी के केस में अरेस्ट किया गया है। 

पशु तस्करी केस में भी बरी होंगे ऐसा है विश्वास

अनुब्रत मंडल को विश्वास है कि वह पशु तस्करी के केस में भी बरी होंगे। टीएमसी बीरभूम के जिलाध्यक्ष अनुब्रत मंडल ने ममता बनर्जी पर भी विश्वास जताया है। उन्होंने कहा कि संकट के दौरान 'दीदी' (ममता बनर्जी) को अपने पक्ष में पाकर खुश हैं। उन्होंने सीबीआई गिरफ्तारी पर कहा कि कोई भी व्यक्ति अपना जीवन जेल में नहीं काटता है। वह भी बरी होंगे। सभी जानते हैं कि मुझे फंसाया जा रहा है। वह केवल एक विचाराधीन कैदी हैं और जल्द छूटेंगे। उन्होंने कहा कि वह निराश नहीं हैं न ही नाउम्मीद हैं। यह मेरे लिए काफी है कि उनकी नेता ममता बनर्जी का पूरा विश्वास उन पर है।

कोर्ट ने साबित किया कि सत्य की जीत होती

टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि मंगलकोट मामले में मंडल का बरी होना फिर से पश्चिम बंगाल में 2021 में राज्य में चुनावी लड़ाई में विफल रहने के बाद सत्ताधारी पार्टी को बदनाम करने की विपक्ष की मंशा को साबित करता है। घोष ने कहा कि पार्टी को न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और उसे यकीन है कि जिन मामलों में पार्टी को बदनाम करने के लिए उसके नेताओं को आरोपी बनाया गया है, उनमें सच्चाई की जीत होगी। उन्होंने कहा कि पहले सभी झूठे आरोप धराशायी हो जाएंगे? कानून और सच्चाई बाहर हो जाएगी। हम मंगलकोट मामले में अदालत के फैसले से खुश हैं।

माकपा ने उठाए सवाल

माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने इस केस को असत्य की जीत बताया है। उन्होंने कहा कि अनुब्रत मंडल का बरी होना कोई अचरज नहीं है क्योंकि सरकार ने इस केस में ठीक से पैरवी नहीं की है। अगर सरकार केस लड़ने में ईमानदार नहीं है तो उसे हारना ही होगा।

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