मुकुल रॉय ने पीएसी अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा, जानिए क्या है वजह

Mukul Roy resigned as PAC President मुकुल रॉय ने कहा कि मैंने पीएसी अध्यक्ष के रूप में अध्यक्ष बिमान बनर्जी को अपना इस्तीफा भेज दिया है। मेरा कार्यकाल (पीएसी अध्यक्ष के रूप में) एक साल के लिए था। यह जल्द ही समाप्त होने वाला है।

Dheerendra Gopal | Published : Jun 27, 2022 2:22 PM IST

कोलकाता। टीएमसी (TMC) के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय (Mukul Roy) ने सोमवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में लोक लेखा समिति (PAC) के अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दे दिया। रॉय ने अपना रिजाइन लेटर स्पीकर बिमान बनर्जी को सौंपा है। इस्तीफे की वजह मुकुल रॉय ने अपना खराब स्वास्थ्य बताया है। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले मुकुल रॉय ने बीजेपी का दामन थाम लिया था लेकिन विधायक रहते उन्होंने टीएमसी ज्वाइन कर ली थी।

जून 2021 में टीएमसी में कर ली थी वापसी

पिछले साल राज्य चुनाव में भाजपा के टिकट पर नदिया जिले के कृष्णानगर उत्तर निर्वाचन क्षेत्र से जीतने वाले मुकुल रॉय एक महीने बाद जून 2021 में राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। हालांकि, उन्होंने विधायक के रूप में इस्तीफा नहीं दिया। जबकि बीजेपी उन पर लगातार इस्तीफा का दबाव बनाती रही।

मुकुल रॉय ने कहा कि मैंने पीएसी अध्यक्ष के रूप में अध्यक्ष बिमान बनर्जी को अपना इस्तीफा भेज दिया है। मेरा कार्यकाल (पीएसी अध्यक्ष के रूप में) एक साल के लिए था। यह जल्द ही समाप्त होने वाला है। इसलिए मैंने इस्तीफा देने का फैसला किया।

अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में रॉय ने लिखा कि मैं आपसे विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि आप पश्चिम बंगाल पीएसी अध्यक्ष पद व सदस्य के रूप में मेरा इस्तीफा स्वीकार करें, क्योंकि मैं खराब स्वास्थ्य के कारण अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में असमर्थ हूं।

टीएमसी सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने रॉय को पीएसी अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने के लिए कहा था क्योंकि वह इसकी अधिकांश बैठकों से अनुपस्थित थे। हालांकि, टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि रॉय खराब स्वास्थ्य की वजह से ज्यादातर बैठकों से अनुपस्थित रहते थे और टीएमसी के वरिष्ठ विधायक तापस रॉय उनकी अध्यक्षता करते थे। मुकुल रॉय ने हाल ही में पार्टी नेतृत्व से बात की और पद से हटने की इच्छा व्यक्त की थी।

बीते साल जुलाई में नियुक्त हुए थे पीएसी अध्यक्ष

विधानसभा स्पीकर ने पिछले साल जुलाई में रॉय को पीएसी अध्यक्ष नियुक्त किया था, जबकि विपक्षी भाजपा चाहती थी कि उसके विधायक अशोक लाहिड़ी समिति का नेतृत्व करें। बनर्जी ने पिछले महीने विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी की राय को विधायक पद से अयोग्य घोषित करने की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि उन्हें इस तर्क में दम नहीं लगता।

मुकुल रॉय की नियुक्ति को बीजेपी दे चुकी है कोर्ट में चुनौती

भाजपा विधायक अंबिका रॉय ने पीएसी अध्यक्ष के रूप में मुकुल रॉय की नियुक्ति को चुनौती देते हुए पिछले साल जुलाई में कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख किया था और परंपरा के अनुसार इस पद पर एक विपक्षी सदस्य के नामांकन के लिए प्रार्थना की थी।

रॉय के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल भाजपा के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि उन्हें बहुत पहले इस्तीफा दे देना चाहिए था। उन्होंने कहा कि पीएसी अध्यक्ष के रूप में रॉय की नियुक्ति अनैतिक और असंवैधानिक थी। पीएसी अध्यक्ष का पद विपक्षी नेता का है। उन्हें बहुत पहले इस्तीफा दे देना चाहिए था।

पश्चिम बंगाल में योजना और सांख्यिकी राज्य मंत्री तापस रॉय ने आरोपों को निराधार करार दिया। उन्होंने कहा कि मुकुल रॉय को सभी मानदंडों का पालन करते हुए पीएसी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। भाजपा को हर चीज के बारे में शिकायत करने की आदत है।

2016-2021 के बीच अलग-अलग मौकों पर, कांग्रेस विधायक मानस भुनिया और शंकर सिंह, जो मुकुल रॉय की तरह विधायक के रूप में इस्तीफा दिए बिना टीएमसी में शामिल हो गए थे, को पीएसी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।

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