चुनाव आयोग ने गुरुवार (14 मार्च) को अपनी वेबसाइट पर इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी चंदे की जानकारी पेश की है।
इलेक्टोरल बॉन्ड। चुनाव आयोग ने गुरुवार (14 मार्च) को अपनी वेबसाइट पर इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी चंदे की जानकारी पेश की है। चुनाव आयोग के द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी (BJP),तृणमूल कांग्रेस (TMC) और भारतीय नेशनल कांग्रेस (INC) उन शीर्ष 5 राजनीतिक दलों में शामिल हैं, जिन्हें चुनावी बांड से सबसे ज्यादा फायदा हुआ।
आंकड़ों के मुताबिक 1st पर BJP को चुनावी बॉन्ड के जरिए 6,061 करोड़ से ज्यादा की फंडिंग मिली, जबकि 2nd नंबर पर TMC को 1,610 करोड़ मिले, 3rd पर कांग्रेस को 1,422 करोड़ मिले है। इसके अलावा 4th नंबर पर भारत राष्ट्र समिति (BRS) को 1,215 करोड़ रुपये और 5वें नंबर पर बीजू जनता दल ( BJD) को 776 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भारतीय स्टेट बैंक द्वारा चुनावी बॉन्ड पर डेटा सार्वजनिक किया गया था, इसे चुनाव निकाय को सौंप दिया गया था। SBI के द्वारा डेटा जारी करने से पहले कहा था कि सत्तारूढ़ भाजपा ने बॉन्ड के उच्चतम मूल्य को भुनाने में कामयाब रही है। कुल इलेक्टोरल बॉन्ड की राशि का अकेले 47 फीसदी हिस्सा बीजेपी के खाते में गया है। इसके बाद अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस का स्थान है, जो 13 फीसदी हिस्से के साथ दूसरे नंबर पर है और कांग्रेस 11 फीसदी के साथ तीसरे नंबर पर है।
देश के अन्य राजनीतिक दलों ने भी चुनावी बॉन्ड के जरिए पैसे लिए
देश के अन्य राजनीतिक दलों ने भी चुनावी बॉन्ड के जरिए पैसे हासिल किए हैं। इनमें ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK), शिवसेना, तेलुगु देशम पार्टी (TDP), युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (YSR कांग्रेस), आम आदमी पार्टी (AAP), जनता दल (सेक्युलर) (JDS), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), जनता दल (यूनाइटेड) (JDU), राष्ट्रीय जनता दल (RJD), एसपी (समाजवादी पार्टी), और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) शामिल है।
देश के बड़ी कंपनियों ने चुनावी बॉन्ड खरीदे
SBI ने कहा था कि उसने अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 के बीच 30 किस्तों में ₹16,518 करोड़ के बॉन्ड जारी किए थे। बॉन्ड खरीद की सूची में 11 जनवरी, 2024 तक की जानकारियां दी गई हैं, जबकि बॉन्ड को रिडीम करने की सूची में 24 जनवरी, 2024 तक की जानकारी शामिल हैं। ये एक वजह है, जिसके कारण टोटल अमाउंट SBI द्वारा दिए गए से डिटेल से मेल नहीं खाता है। SBI के आंकड़ों से यह भी पता चला है कि पीरामल एंटरप्राइजेज, मेघा इंजीनियरिंग और ग्रासिम इंडस्ट्रीज जैसी बड़ी कंपनियों ने इन बॉन्ड के जरिए राजनीतिक दलों को चंदा दिया है।
PVR, सुला वाइन, अपोलो टायर्स, लक्ष्मी मित्तल, एडलवाइस, केवेंटर, वेलस्पन और सन फार्मा जैसी अन्य कंपनियों ने भी चुनावी बॉन्ड खरीदे हैं। भारती एयरटेल, टोरेंट पावर, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स और वेदांता लिमिटेड ने भी राजनीतिक दलों को शीर्ष दान देने वालों की सूची में जगह बनाई।
इस URL की मदद से देख सकते है लिस्ट
चुनाव आयोग ने कहा कि उसने शीर्ष अदालत के निर्देशों के पालन करते हुए SBI से प्राप्त चुनावी बॉन्ड से जुड़े डेटा को जैसा है जहां है के आधार पर अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने SBI को ECI को डेटा जमा करने के लिए कहा था, जबकि उसने चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक करार दिया था। भारत के चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट पर चुनावी बांड पर SBI से 'जैसा है जहां है के आधार पर' डेटा अपलोड किया है। SBI से प्राप्त डेटा को इस URL पर देखा जा सकता है: https://eci.gov .in/candidate-politicparty.
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