12 मार्च को भाजपा की सदस्यता ले सकते हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया, भोपाल कार्यालय में होगा भव्य कार्यक्रम

भाजपा के सभी शीर्ष नेता पार्टी के हेडक्वार्टर पहुंच चुके हैं। जल्द ही ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इसी जगह पहुंचकर भाजपा की सदस्यता ले सकते हैं। भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी उन्हें राज्यसभा सांसद भी बना सकती है। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 10, 2020 1:18 PM IST / Updated: Mar 10 2020, 07:39 PM IST

नई दिल्ली. भाजपा की चुनाव समिति की बैठक खत्म हो चुकी है और अभी तक ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने की खबर नहीं आई है। इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया भोपाल पहुंचकर 12 या 13 तारीख को भाजपा कार्यालय में पार्टी की सदस्यता ले सकते हैं। उनके सदस्यता लेने से पहले भाजपा कार्यालय में धूमधाम के साथ कार्यक्रम रखा जाएगा। भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी उन्हें राज्यसभा सांसद भी बना सकती है। सिंधिया खेमे के मंत्री तुलसी सिलावट को राज्य का डिप्टी सीएम भी बनाया जा सकता है। सिंधिया ने मंगलवार सुबह कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। इस्तीफा देने से पहले उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी। 

सिंधिया लंबे समय से पार्टी में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे थे। उनके साथ पार्टी के 19 और विधायकों ने इस्तीफा दिया है। आइए जानते हैं कैसे सिंधिया ने मध्यप्रदेश की राजनीति में अपना इतना बड़ा मुकाम बनाया कि उनके इस्तीफा देने से ही राज्य में कमलनाथ सरकार के गिरने की नौबत आ गई है, जबकि वो सरकार का हिस्सा भी नहीं थे।  

1993 में हावर्ड यूनिवर्सिटी से की पढ़ाई 
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 1993 में हावर्ड यूनिवर्सिटी से इकॉनमी में डिग्री ली थी। पढ़ाई खत्म करने के बाद ज्योतिरादित्य ने अमेर‍िका में लगभग साढ़े चार साल काम क‍िया। 12 दिसंबर 1994 में प्रियदर्शनी राजे से उनकी शादी हुई थी। प्रियदर्शनी बड़ौदा के गायकवाड़ घराने की राजकुमारी हैं। वह दुन‍िया की 50 सबसे खूबसूरत औरतों में शुमार की जा चुकी हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया बहुत ही सरल और सहज स्वभाव के शख्सियत है। वह अपनी गाड़ी में एयरकंडीशन्ड चलाना पसंद नहीं करते हैं और कभी चलाते भी नहीं है।

वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी के शौकीन हैं सिंधिया 
ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया अपने बेटे को "डबल बैरल" की ऐसी बंदूक कहते थे जिसे मालूम है कि पेशेवर अंदाज में उसे कैसे चलाया जाता है। ज्योतिरादित्य और उनके पिता के कई किस्से है, जिसमें ट्रेजरी हंट, जंगल में खुले में घूमने जैसे खेल शामिल हैं। सूत्र बताते हैं कि माधवराव उन्हें निडर और साहसी बनाना चाहते थे, इसलिए बचपन में उन्हें टफ टास्क देते थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी के शौकीन हैं। सिंधिया के बारे में कहा जाता है कि बाल की खाल निकालकर ही कोई अगला कदम उठाते हैं।

क्रिकेट का भी है शौक 
स्कूल के दिनों में ज्योतिरादित्य को शूटिंग और तीरंदाजी बहुत पसंद थी। माधवराव सिंधिया की तरह ही ज्योतिरादित्य को भी क्रिकेट का काफी शौक है। 10-12 साल की उम्र से ही उन्हें कार रेसिंग का शौक लगा। ज्योतिरादित्य सिंधिया खाने में महाराष्ट्रियन दाल और फिश वाइन बेहद पसंद करते हैं। सिंधिया का मानना है कि मछली की आंख पर निशाना लगाना मात्र ही लक्ष्य की प्राप्ति नहीं है। ज्योतिरादित्य सिंधिया सियासत में पिता के पद चिन्हों पर चल रहे हैं। फिलहाल उन्होंने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया है। सिंधिया 2002 में कांग्रेस से जुड़े थे।

भाजपा के संस्थापक सदस्यों में शामिल हैं विजयाराजे सिंधिया 
सिंधिया से पहले उनके राजघराने से उनकी दादी राजमाता विजयाराजे सिंधिया भाजपा के संस्थापक सदस्यों में शामिल है। जबति दोनों बुआ वसुंधरा राजे सिंधिया व यशोधरा राजे सिंधिया मौजूदा समय में भाजपा से जुड़ी हुई हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया का आशियाना पूरी दुनिया में खास है। वे 1874 में यूरोपियन शैली में बने शानदार महल जयविलास पैलेस में रहते हैं। इस शाही महल में कुल 400 कमरें हैं। महल की छतों पर सोना लगा हुआ है।

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