जहरीली शराब से बिहार में 39 मौतों को 'सुशासन बाबू' ने जायज ठहराया-'जो पीएंगे, वो मरेंगे ही, खुद सचेत रहें'

शराबबंदी वाले बिहार(dry Bihar) में जहरीली शराब पीने का मामला तूल पकड़ गया है। सारण जिले में हुई त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 39 हो गई है। इस मामले को लेकर बिहार में राजनीति गर्मा गई है। विधानसभा में सवाल पूछने पर सुशासन बाबू से प्रसिद्ध रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुस्सा हो गए। पढ़िए बिहार सरकार के शर्मनाक बयान।

Amitabh Budholiya | Published : Dec 15, 2022 2:26 AM IST / Updated: Dec 15 2022, 01:02 PM IST

पटना. शराबबंदी वाले बिहार(dry Bihar) में जहरीली शराब पीने का मामला तूल पकड़ गया है। सारण जिले में हुई त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 39 हो गई है। इनमें से 22 लोगों की मौत इलाज के दौरान हुई थी। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शर्मनाक बयान दिया है। विधानसभा और बाहर इस मामले में सरकार को घेर रहे विपक्षी बीजेपी से बौखलाए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कह दिया कि कुछ लोगों का क्या कर सकते हैं? जो नकली शराब पीएगा, वो मरेगा ही। लोगों को खुद सचेत रहना होगा।

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नीतीश कुमार ने कहा कि जब बिहार में शराबबंदी नहीं थी, तब भी लोग नकली शराब पीकर मरते थे।मैंने अधिकारियों को कहा है कि गरीबों को न पकड़ें जो लोग इसका व्यवसाय कर रहे हैं उन्हें पकड़ें। शराब बंदी कानून से कई लोगों को फायदा हुआ है कई लोगों ने शराब छोड़ दी है। वहीं, भाजपा सांसद सुशील मोदी ने कहा-मैं मानता हूं कि जहरीली शराब की वजह से दूसरे राज्यों में भी लोग मर सकते हैं। आपने(नीतीश कुमार) बिहार में जब शराबबंदी लागू करने का निर्णय लिया, तो फिर कैसे इतनी बड़ी संख्या में लोग मर रहे हैं, इतनी बड़ी संख्या में लोग जेल कैसे जा रहे हैं? हम शराबबंदी के समर्थन में हैं, मगर इसकी समीक्षा किए जाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री को इस विफलता की जिम्मेदारी लेकर सदन में और भाजपा के विधायकों से क्षमा मांगनी चाहिए। इस बीच गुरुवार को भी विधानसभा में हंगामा होता रहा।

उधर, ग्रामीणों का आरोप है कि कुछ अन्य लोगों की भी मौत हुई है, जिनका पोस्टमार्टम नहीं कराया गया है। इस मामले में पुलिस ने 14 लोगों को हिरासत में लिया है। इस मामले से राजनीति गर्मा गई है। राज्य विधानसभा में बुधवार को जमकर हंगामा हुआ। इस बीच सरकार ने SDO का तबादला कर दिया है, जबकि SHO और कांस्टेबल को किया सस्पेंड किया गया है।


1. शुष्क बिहार(dry Bihar) के सारण जिले में संदिग्ध जहरीली शराब त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 39 हो गई है। इस मामले को लेकर राज्य विधानसभा में जबर्दस्त हंगामा हुआ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ महागठबंधन और विपक्षी भाजपा ने आपस में आरोप-प्रत्यारोप लगाए। बता दें कि सारण जिले के मशरख और इसुआपुर इलाके में देसी शराब परोसी गई थी। इसे पीकर 50 से ज्यादा लोग बीमार हो गए थे। सभी ने 20-20 रुपए में देसी शराब के पाउच खरीदकर पीये थे।

2. राज्य के शराबबंदी मंत्री सुनील कुमार के मुताबिक, सारण के मशरक और इसुआपुर थाना क्षेत्रों से इन मौतों की सूचना मिली है। उन्होंने कल मीडिया को बताया था कि सारण में संदिग्ध जहरीली शराब त्रासदी में अब तक मरने वालों की संख्या 21 है। हालांकि ताजा अपडेट के अनुसार, अब यह संख्या 30 हो गई है।

3. अप्रैल, 2016 में नीतीश कुमार सरकार ने बिहार में शराब की बिक्री और खपत पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। बावजूद यहां अवैध शराब बिक रही है।

4.सारण के प्रभारी सिविल सर्जन-कम-मेडिकल आफिसर डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने कहा, अधिकांश को जिला मुख्यालय छपरा के एक अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया। मंगलवार सुबह से बीमार चल रहे कुछ लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई थी।

5. डॉ. सिन्हा ने न्यूज एजेंसी को फोन पर बताया कि चूंकि ऐसा संदेह है कि सभी मृतकों ने कोई नशीला पदार्थ खाया (पीया)था, इसलिए पोस्टमार्टम के बाद विसरा जांच के लिए मुजफ्फरपुर की फोरेंसिक लैब भेजा गया है।

6. इस बीच, जिला प्रशासन ने कहा कि उसने अधिकारियों की टीमों का गठन किया है, जो प्रभावित गांवों का दौरा कर रही है और शोक संतप्त परिवारों से मिल रही है, जिन्होंने अवैध शराब( illicit liquor) परोसी हो सकती है।

7. इस मुद्दे ने बिहार विधानसभा को झकझोर कर रख दिया है। भाजपा विधायकों ने गर्भग्रह में घुसकर सरकार के खिलाफ नारे लगाए और सारण में जान गंवाने वालों के परिवार के सदस्यों को मुआवजा देने की मांग की।

8. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (जिनके लिए शराबबंदी महात्मा गांधी से प्रेरित एक कदम है) गुस्से में अपनी कुर्सी से उठ खड़े हुए और भाजपा विधायकों पर बरस पड़े।

9. हंगामे के कारण अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को कार्यवाही स्थगित तक करनी पड़ी। दोपहर के भोजन के बाद भाजपा विधायकों द्वारा फिर से माफी की मांग उठाई गई। उस समय सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव दोनों सदन के अंदर मौजूद थे।

10. बुधवार को सदन के बाहर विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने मीडिया से कहा, मुख्यमंत्री अपने मौजूदा कार्यकाल के लिए हमारे (बीजेपी) आभारी हैं, लेकिन उन्होंने हमें धोखा दिया और उन लोगों में शामिल हो गए, जिन पर वह जंगल राज (राजद) का आरोप लगा रहे थे।

11. विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने कहा, 'विधानसभा के अंदर मुख्यमंत्री के व्यवहार के बारे में जानकर हम स्तब्ध हैं। ऐसा लगता है कि उन्होंने अपना हौसला खो दिया है और उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।

12. वहीं, बुधवार को तेजस्वी यादव ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि भाजपा को याद रखना चाहिए कि बिहार में सत्ता में रहने के दौरान कई मौतें हुई हैं। उसके अपने कई नेताओं पर भी अवैध शराब के धंधे में शामिल होने के आरोप लगे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें पाखंडी शोर(hypocritical noises) नहीं मचाना चाहिए, बल्कि सरकार का सहयोग करना चाहिए, जो शराब की खपत पर अंकुश लगाने के लिए ईमानदार प्रयास कर रही है।

13. स्थानीय लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि डोयला इलाके में अवैध तरीके से बड़ी संख्या में देसी शराब बनती है। मरने वाले सभी आसपास ही रहते हैं।

14. इस मामले में मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार के बयान ने और हंगामा बरपा दिया है। उन्होंने बेशर्मी से कहा कि अंग्रेजों के जमाने में भी कानून टूटते थे। अंग्रेजों ने कानून बनाया, लेकिन इसके बाद भी रेप और हत्या हो रही है न। शराबबंदी भी वैसे ही है। 

15. भाजपा इस मामले में लगातार आक्रामक बनी हुई है। उसने एक वीडियो tweet करके लिखा-"रे देख दुर्योधन सत्ता के मद में, तू क्यों इतना मगरूर है। घना अंधेरा छठ जाएगा जागेगी जनता, सवेरा नहीं अब दूर है।" 25 से अधिक परिवारों में पसरा है मातम, और साहब कह रहे हैं "क्या हो गया"?

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