तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में तीसरी बार सत्ता में आई है। राज्य विधानसभा चुनाव जीतने के बाद पार्टी में कई मुद्दों को लेकर आतंरिक तौर पर कई स्तरों पर दरार की खबरें आ रही थीं। लेकिन आतंरिक दरार के बावजूद चार प्रमुख शहरों के नगर निगम और अन्य नगर पालिकाओं के चुनाव में पार्टी ने शानदार जीत हासिल की है।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) के भतीजे अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) को तृणमूल कांग्रेस (Trinmool Congress) में नंबर दो का पद आखिरकार फिर मिल ही गया। तमाम आंतरिक तकरार के बाद अभिषेक पार्टी के लोगों का विश्वास हासिल करने में सफल रहे। शुक्रवार को अभिषेक बनर्जी को पार्टी के महासचिव पद पर पुन: नियुक्त कर दिया गया। ममता बनर्जी की नई पुनर्गठित राष्ट्रीय कार्य समिति (National Executive Committee) की मीटिंग के बाद श्री बनर्जी एक बार फिर पार्टी के अखिल भारतीय महासचिव (All India Genreal Secretary) पद पर आसीन कर दिया गया।
आंतरिक दरार के बाद भी निकाय चुनावों में भारी सफलता
तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में तीसरी बार सत्ता में आई है। राज्य विधानसभा चुनाव जीतने के बाद पार्टी में कई मुद्दों को लेकर आतंरिक तौर पर कई स्तरों पर दरार की खबरें आ रही थीं। लेकिन आतंरिक दरार के बावजूद चार प्रमुख शहरों के नगर निगम और अन्य नगर पालिकाओं के चुनाव में पार्टी ने शानदार जीत हासिल की है। निकाय चुनावों के रिजल्ट आने के बाद कोलकाता में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने आवास पर मीटिंग की थी। इस मीटिंग में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के साथ अभिषेक बनर्जी को दी जाने वाली जिम्मेदारियों पर भी मुहर लगी।
सुष्मिता देव व मुकुल संगमा को भी जिम्मेदारी
सूत्रों के अनुसार अभिषेक बनर्जी के समर्थन के अलावा, तृणमूल प्रमुख ने पूर्वोत्तर में पार्टी की इकाइयों को संभालने के लिए कांग्रेस को छोड़कर आने वाली सुष्मिता देव और मुकुल संगमा की नियुक्ति पर भी हस्ताक्षर किए गए।
इसके अलावा वयोवृद्ध राजनेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है। तृणमूल के वरिष्ठ नेता सुब्रत बख्शी और चंद्रिमा भट्टाचार्य भी पार्टी के उपाध्यक्ष पद संभालेंगे।
अरूप विश्वास व फिरहाद को भी संगठन में जिम्मेदारी
ममता बनर्जी ने अपनी सरकार के दो मंत्रियों को भी संगठन की जिम्मेदारी सौंपी है। पश्चिम बंगाल के मंत्री अरूप विश्वास को कोषाध्यक्ष बनाया गया है। कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम को समन्वय का प्रभारी बनाया गया है।
एक आदमी एक पद को लेकर तकरार
ममता बनर्जी के भतीजे व उत्तराधिकारी अभिषेक बनर्जी और ममता के वफादारों के समर्थकों के बीच आंतरिक दरार के बीच समिति के सदस्यों को पिछले हफ्ते बदल दिया गया था। दोनों गुट 'एक आदमी, एक पद' के सिद्धांत को लेकर आपस में भिड़ गए थे। इस तकरार के बाद सत्ता और संगठन में रहने वाले खासा परेशान थे। हालांकि, बाद में मामले को सुलझा लिया गया। बता दें कि नई समिति की पहली बैठक के एजेंडे में प्रमुख पदाधिकारियों का चयन और उनके पद शामिल थे।
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