डिप्टी सीएम पर सस्पेंस, अजित पवार बोले, आज नहीं लूंगा शपथ

आज शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इस दौरान उद्धव ठाकरे के साथ तीनों ही पार्टियों के दो-दो नेता शपथ लेंगे। उद्धव सरकार की कैबिनेट में अनुभवी नेताओं को शपथ दिलाई जाएगी। 

मुंबई. महाराष्ट्र की सियासत  “महा विकास अघाड़ी” के गठन के बाद से तस्वीर बदल चुकी है। चुनाव के नतीजे आने के बाद से अब तक एक महीने से जारी सियासी ड्रामा अब थम गया है। आज शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इस दौरान उद्धव ठाकरे के साथ तीनों ही पार्टियों के दो-दो नेता शपथ लेंगे।  शिवसेना की ओर से सुभाष देसाई और एकनाथ शिंदे मंत्री पद की शपथ लेंगे। जबकि एनसीपी की ओर से जयंत पाटिल और छगन भुजबल शपथ ग्रहण करेंगे। वहीं कांग्रेस की ओर से बालासाहेब थोराट और पूर्व सीएम अशोक चव्हाण शपथ लेंगे।वहीं, डिप्टी सीएम पद को लेकर किसी भी नाम पर सहमति नहीं बन सकी है। इन सब के बीच अजित पवार ने कहा है कि मैं आज कोई शपथ नहीं ले रहा हूं। 

पूर्व सीएम चह्वाण और 8 बार के विधायक थोराट बनेंगे मंत्री 

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महाराष्ट्र में सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि महाराष्ट्र कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण, उद्धव ठाकरे के अंडर में मंत्री के तौर पर शपथ लेंग। यह अपने आप में अनोखी बात है कि राज्य का पूर्व मुख्मंत्री, मंत्री बनने की होड़ में है। जबकि दिग्गज कांग्रेसी नेता और महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट भी मंत्री पद की शपथ लेंगे। गौरतलब है कि बालासाहेब थोराट 8 बार लगातार विधायक रह चुके हैं।

एनसीपी के नेता जयंत पाटिल, विधायक दल के भी नेता हैं। शरद पवार के बेहद करीबी नेताओं में शुमार किए जाने वाले जयंत राजाराम पाटिल महाराष्ट्र की राजनीति में जाना-माना नाम है। वह इस्लामपुर वालवा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वह पृथ्वीराज चव्हाण सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री रहे हैं। इससे पहले वह वित्त मंत्री और गृह मंत्री भी रहे हैं। 

9 बजट पेश कर चुके है पाटील

आज शिवसेना के नेतृत्व में बन रही सरकार में जयंत पाटिल महाराष्ट्र में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की साझा सरकार (1999 से 2008) में वित्त मंत्री बनाए गए। जयंत पाटिल के नाम महाराष्ट्र विधानसभा में 9 बजट पेश करने का रिकॉर्ड है। 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री आरआर पाटिल ने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद जयंत पाटिल को नया गृह मंत्री बनाया गया। वह इस्लामपुर वालवा विधानसभा क्षेत्र से विधायक 

ओबीसी चेहरा हैं भुजबल

छगन भुजबल एनसीपी के दिग्गज नेता हैं। भुजबल महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं। एक वक्त था जब वे बालासाहेब ठाकरे के भाषणों से बेहद प्रभावित थे। बाला साहेब की राह पर चलकर आक्रमक भाषण शैली अपनाने की वजह से वे शिवसेना के प्रमुख नेताओं की लिस्ट में शामिल हो गए। साल 1985 में मुंबई के मेयर भी चुने गए। बाला साहेब का भरोसा जीतने में भी छगन कामयाब रहे। बालासाहेब ने एक बार मुंबई के शिवाजी पार्क में एक रैली के दौरान उन्हें सम्मानित भी किया था। 

1989 में बीजेपी-शिवसेना का गठबंधन हुआ। 1990 में विधानसभा चुनाव में शिवसेना सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बनी लेकिन विपक्ष का नेता मनोहर जोशी को बना दिया गया। जिससे छगन भुजबल शीर्ष नेतृत्व से नाराज हो गए। जिसके कारण भुजबल के रिश्ते जोशी के साथ सामान्य नहीं रह पाए, फिर उन्होंने शिवसेना छोड़ने का फैसला कर लिया।  साल 1991 में भुजबल कांग्रेस में शामिल हो गए शरद पवार उस वक्त कांग्रेस के बड़े नेता थे। ओबीसी नेता के तौर पर भी छगन भुजबल जाने जाते रहे हैं। लेकिन पवार के साथ एनसीपी में शामिल हो गए। साल 1999 में मुंबई से हार मिलने के बाद उन्होंने नासिक को अपना नया राजनीतिक ठिकाना बना लिया। साल 2004 से 2014 तक वे सार्वजनिक विभाग के मंत्री भी रहे। इस दौरान भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप उन पर लगे। मार्च 2016 में दिल्ली में निर्मित महाराष्ट्र सदन घोटाले में उन्हें गिरफ्तार किया गया। 2018 में जाकर उन्हें जमानत मिली।

मोदी लहर में भी चह्वाण ने हासिल की जीत 

अशोक चव्हाण महाराष्ट्र में कांग्रेस के दिग्गज नेता माने जाते हैं। दिसंबर 2008 से लेकर 2010 तक वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद संभाल चुके हैं। अशोक चह्वाण के पिता शंकर राव चह्वाण महाराष्ट्र के 2 बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। जब आदर्श हाउसिंग घोटले में चव्हाण का नाम आया तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। मोदी लहर में भी साल 2014 के चुनाव में उन्हें नांदेड़ लोकसभा सीट से जीत मिली थी लेकिन 2019 में वे चुनाव हार गए थे। इसके अलावा महाराष्ट्र का गृह मंत्रालय भी 1999 से लेकर 2003 तक संभाल चुके हैं। 1987 से पहली बार नांदेड़ लोकसभा सीट से सांसद चुने जाने के बाद, साल 1992 में वे विधान परिषद के सदस्य बने। 

8 बार से विधायक हैं थोराट

महाराष्ट्र की नवगठित सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने जा रहे बाला साहेब थोराट 8 बार विधायक रह चुके हैं तथा वर्तमान में महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रमुख हैं। 288 विधायकों में से थोराट एकमात्र ऐसे विधायक हैं जिन्होंने 8 बार विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की है। बाला साहेब थोराट की गिनती महाराष्ट्र कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में होती है। 

शिवसेना के दिग्गज नेता हैं सुभाष

शिवसेना सरकार में मंत्री बनाए जा रहे सुभाष देसाई की गणना शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं में होती है। महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य सुभाष देसाई गोवेगांव से 1990, 2004 और 2009 में विधायक रह चुके हैं। इसके साथ ही पिछली सरकार में देसाई महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री का दायित्व भी संभाल चुके हैं। विधानसभा में शिवसेना के विधायक दल के नेता भी सुभाष देसाई साल 2009 से 2014 के बीच रह चुके हैं। 

विधायक दल के नेता हैं शिंदे

एकनाथ शिंदे शिवसेना के विधायक दल के नेता हैं। देवेंद्र फडणवीस सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे एकनाथ शिंदे ठाणे को कोपरी पंचपखाड़ी विधानसभा क्षेत्र से लगातार 2004, 2009, 2014 और 2019 में जीत मिली। विधायक चुने जाने से पहले एकनाथ शिंदे ठाणे महानगर पालिका में दो कार्यकाल तक नगर सेवक भी रह चुके हैं। एकनाथ शिंदे की पकड़ ठाणे जिले में बेहद ज्यादा है।  लोकसभा चुनाव और निकाय चुनावों में भी जिस उम्मीदवार को ये समर्थन कर दें, उसे जीत मिलनी तय मानी जाती है। अक्टूबर 2014 से दिसंबर 2014 में महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता रह चुके एकनाथ शिंदे की गिनती शिवसेना के कद्दावर नेताओं में होती है।  2014 में देवेंद्र फडणवीस सरकार में एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र राज्य सरकार में PWD के कैबिनेट मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था।

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