ब्रिटेन में अगले हफ्ते से कोरोना वैक्‍सीन देने की तैयारी, जानें भारत के लिए क्यों है ये अच्छी खबर?

कोरोना महामारी से जूझ रही पूरी दुनिया वैक्सीन बनने का इंतजार कर रही है। इसी बीच वैक्सीन को लेकर ब्रिटेन से एक अच्छी खबर है। ब्रिटिश मीडिया ने दावा किया है कि लंदन के एक अस्पताल को वैक्सीन रिसीव करने की तैयारी करने के लिए कहा गया है।

Asianet News Hindi | Published : Oct 27, 2020 3:25 AM IST


लंदन. कोरोना महामारी से जूझ रही पूरी दुनिया वैक्सीन बनने का इंतजार कर रही है। इसी बीच वैक्सीन को लेकर ब्रिटेन से एक अच्छी खबर है। ब्रिटिश मीडिया ने दावा किया है कि लंदन के एक अस्पताल को वैक्सीन रिसीव करने की तैयारी करने के लिए कहा गया है। बताया जा रहा है कि अस्पताल को ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन का पहला बैच मुहैया कराए जाने की योजना है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 2 नवंबर से वैक्‍सीन देने की तैयारी है।

द सन अखबार के मुताबिक, ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस ने वैक्सीन को लेकर योजना तैयार कर ली है। हालांकि, ऑक्सफोर्ड और एस्‍ट्राजेनेका द्वारा बनाई गई, इस वैक्सीन का अभी ह्यूमन ट्रायल चल रहा है। वहीं, अगर वैक्सीन रोल आउट होती है, तो भारत के लिए भी यह अच्छी खबर होगी।

भारत के लिए क्यों है ये अच्छी खबर?
दरअसल, ऑक्सफोर्ड की जिस वैक्सीन के आने की खबर है, उसकी 100 करोड़ डोज बनाने के लिए सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने डील की है। सीरम दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता है। वहीं, ऑक्सफोर्ड की इस वैक्सीन का भारत में भी तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है। 

दुनिया की 60 फीसदी वैक्‍सीन बनाता है सीरम
सीरम इंस्टिट्यूट और एस्‍ट्राजेनेका के बीच एक बिलियन डोज की डील हुई है। ये 100 करोड़ टीके निम्न और मध्य आय वाले देशों को उपलब्ध कराए जाएंगे। सीरम दुनिया की 60 फीसदी वैक्‍सीन तैयार करता है। ऐसे में अगर वैक्सीन को यूके में मंजूरी मिलती है, तो भारत में वैक्सीन मिलने के आसार बढ़ जाएंगे। हालांकि, भारत में इस्तेमाल के लिए इसे ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की मंजूरी की जरूरत पड़ेगी। 

अस्पताल में रोके गए ट्रायल
द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन के जिस अस्पताल में वैक्सीन के लिए तैयारी करने के लिए कहा गया है, वहां क्लीनिकल ट्रायल रोक दिए गए हैं। यहां डॉक्टर्स, नर्स और अन्य फ्रंटलाइन स्टाफ को वैक्सीन लगाने की तैयारी की गई है। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वैक्‍सीन को तभी लगाया जाएगा, तब क्लीनिकल ट्रायल में सेफ और असरदार साबित हो जाए। इसके बाद ही वैक्सीन को स्‍वतंत्र रेगुलेटर की मंजूरी भी मिलेगी। वहीं, एक स्‍वतंत्र एनालिसिस में ऑक्‍सफर्ड वैक्‍सीन को 'उम्‍मीदों के मुताबिक' बताया गया है।

बुजुर्गों पर भी असरदार है ये वैक्सीन
ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन को लेकर एक ताजा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह बुजुर्गों पर भी उतनी ही असरदार है, जितनी 18-55 साल के उम्र के लोगों पर। 

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