इंडिया एआई मिशन के लिए कैबिनेट की 10372 करोड़ रुपये की मंजूरी, राजीव चंद्रशेखर बोले-डिजिटल इकोनॉमी को भी मिलेगा बूस्ट

केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा भारत सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘इंडिया एआई मिशन’ को मंजूरी देकर देश की डिजिटल इकोनॉकी को बूस्ट करने का काम किया है।

Dheerendra Gopal | Published : Mar 7, 2024 6:11 PM IST / Updated: Mar 07 2024, 11:42 PM IST

India AI Mission: भारत में AI Mission के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने 10372 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। इस बजट से देश में एआई के विकास के लिए एक इकोसिस्टम तैयार किया जाना है। एआई मिशन की स्थापना के लिए बजट की मंजूरी पर केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने हर्ष जताया है। केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा भारत सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘इंडिया एआई मिशन’ को मंजूरी देकर देश की डिजिटल इकोनॉकी को बूस्ट करने का काम किया है।

राजीव चंद्रशेखर ने दी पीएम मोदी को बधाई...

केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि एआई भारत की डिजिटल इकोनॉमी के लिए काइनेटिक इनेब्लर का काम करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार इस बात पर बल देते रहे हैं कि भारत अपने नागरिकों के फायदे और अपनी अर्थव्यवस्था के विस्तार के लिए एआई की शक्ति का पूरी तरह से इस्तेमाल करेगा। उन्होंने कहा कि इंडिया एआई प्रोग्राम के लिए 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को मंजूरी देने के लिए मैं प्रधानमंत्री का आभार जताता हूं। इससे इंडिया एआई इकोसिस्टम को प्रोत्साहन मिलेगा। एआई मौजूदा दौर का सबसे बड़ा आविष्कार है। इस कार्यक्रम से भारत समेत दूनिया के लिए एआई के भविष्य को आकार देने में मदद मिलेगी। यह मोदी की गारंटी है।

 

 

टेक्नोलॉजी को लोकतांत्रिक बनाएगए यह मिशन

कैबिनेट के फैसलों की घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि एआई मिशन प्रौद्योगिकी को लोकतांत्रिक बनाने और इसे हर नागरिक के लिए उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप है और इसके लिए 10,372 करोड़ रुपये के पूंजी परिव्यय को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र स्टार्टअप की जरूरतों को पूरा करने और क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए 10,000 से अधिक ग्राफिक्स प्रोसेसिंग इकाइयों (जीपीयू) की गणना क्षमता बनाने के लिए सहयोग करेंगे। बड़े मल्टीमॉडल मॉडल विकसित करने के लिए एआई इनोवेशन सेंटर भी स्थापित किए जाएंगे जो कई डेटा प्रकारों के साथ काम कर सकते हैं और कृषि और स्वास्थ्य जैसे प्रमुख क्षेत्रों में मदद कर सकते हैं।

सरकार ने बताया कि एआई कौशल प्रवेश के मामले में भारत पहले स्थान पर है और इस क्षेत्र में स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी स्तर पर पाठ्यक्रमों तक पहुंच की सुविधा प्रदान की जाएगी। टियर 2 और 3 शहरों में मूलभूत स्तर के पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए 200 एआई और डेटा लैब स्थापित किए जाएंगे।

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