केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah)जम्मू-कश्मीर के दौरे के आखिरी दिन फिर से घाटी का दौरा करेंगे। वे 23 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने दो टूक कहा कि वे पाकिस्तान से नहीं, घाटी के लोगों से बातचीत करेंगे।
श्रीनगर. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) 3 दिनों से जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं। 25 अक्टूबर को उनका यहां आखिरी दिन है। सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह ने गांदरबल के माता खीर भवानी मंदिर में पूजा की। इस दौरान उनके साथ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद रहे। इसके बाद श्रीनगर में एक सभा ली। इससे पहले दौरे के दूसरे दिन वे भारत-पाक बॉर्डर स्थित आखिरी चौकी पर जवानों से मिले। उन्होंने मकवाल गांव के लोगों से भी मुलाकात की। 23 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर पहुंचे शाह ने सबसे पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस के शहीद जवान परवेज अहमद दार के परिजनों से मिले थे। बता दें, अगस्त 2019 में धारा 370 को निरस्त करने के बाद अमित शाह की यह पहली यात्रा है।
फारुख अब्दुला की सलाह पर कहा
25 अक्टूबर को श्रीनगर में एक सभा के दौरान अमित शाह ने कहा कि उन्होंने अखबारों में देखा कि फारुख अब्दुला ने भारत को पाकिस्तान से बातचीत करने की सलाह दी है। इस पर शाह ने कहा कि अगर भारत किसी से बात करेगा, तो घाटी के लोगों से, युवाओं से। शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विकास के नए युग की शुरुआत हो गई है।
2024 से पहले कश्मीर में सबकुछ होगा
अमित शाह ने घाटी और लद्दाख के विकास के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि 2024 से पहले कश्मीर मे जो कुछ चाहिए, वह सबकुछ होगा। उन्होंने कहा कि दिल से खौफ निकाल दीजिए, कश्मीर की शांति और विकास की यात्रा में कोई खलल नहीं डाल सकता है। लोग भारत सरकार पर भरोसा कर सकते हैं। कश्मीर की जनता का इस देश पर उतना ही अधिकार है, जितना उनका है। शाह ने कहा कि वे चाहते हैं कि कश्मीरी युवा पत्थर न उठाएं और कश्मीर का अपना सीएम बने, जो लंदन न जाए।
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अमित शाह ने किया tweet
खीर भवानी मंदिर में दर्शन के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने tweet किया-माता खीर भवानी मंदिर में मां के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। देशभर के कश्मीरी पंडित भाईयो-बहनों की आस्था का ये एक ऐसा अटूट केंद्र है, जो पूरे राष्ट्र को प्रेरणा देता है। इस पवित्र स्थल में एक अद्भुत शक्ति है जिसकी अनुभूति यहां आकर निश्चित रूप से होती है। जय मां खीर भवानी!
रविवार शाम को भारत-पाक बॉर्डर स्थित चौकी पहुंचे थे
रविवार को अमित शाह भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर स्थित सुरक्षाबलों की आखिरी चौकी पर पहुंचे थे। जम्मू के मकवाल में पोस्ट पर पहुंचकर शाह ने जवानों से मिलकर उनका हाल-चाल जाना था। शाह के साथ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद थे। शाह मकवाल गांव में आमजनों से भी मिले थे। शाह ने यहां के एक युवक का मोबाइल नंबर भी लिया था। शाह ने एक tweet किया-आज(24 अक्टूबर) जम्मू के मकवाल में बॉर्डर आउट पोस्ट पर जाकर हमारे बीएसएफ के जवानों से भेंट कर उनके साथ कुछ समय बिताया। भारत की रक्षा के प्रति हमारे सुरक्षा प्रहरियों का समर्पण सचमुच अद्भुत है। समस्त देशवासियों की ओर से अपने सुरक्षाबलों की बहादुरी को नमन कर कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार देश की सुरक्षा करने वाले हमारे सुरक्षाबलों के कल्याण व उनके परिजनों की देखरेख के प्रति पूरी तरह समर्पित है। मैं सभी से कहना चाहता हूं कि आप चिंतामुक्त होकर देश की रक्षा करें आपके परिवारों की चिंता मोदी सरकार करेगी।
गांव के लोगों से मिलने के बाद शाह ने tweet किया-जम्मू में भारत की सीमा के अंतिम गांव मकवाल में जाकर ग्रामवासियों का हाल जाना। देश के संसाधनों पर जितना हक राजधानी में रहने वाले एक नागरिक का है उतना ही सरहद के गांव में रहने वाले नागरिक का भी है। मोदीजी के नेतृत्व में हम बॉर्डर तक हर सुविधा व विकास पहुंचाने के लिए कटिबद्ध हैं।
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जम्मू रैली में बोले थे शाह
रविवार को शाह ने जम्मू में एक रैली को संबोधित किया था। इसमें उन्होंने कहा कि आर्टिकल 370 हटने के बाद प्रदेश में विकास का नया सफर शुरू हुआ है। किसी को डरने की जरूरत नहीं है। जम्मू के लोगों के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा। इस समय घाटी का मौसम खराब है, इसलिए शाह की रैली की जगह बदलनी पड़ी थी। पहले यह रैली भगवती नगर में होनी थी, लेकिन बाद में जम्मू यूनिवर्सिटी के जनरल जोरावर सिंह ऑडिटोरियम में हुई।
पहले दिन शहीद के परिजनों से मिले थे
शहीद जवान परवेज अहमद दार के घर पहुंचकर शाह ने उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद परिवार के आगे झुककर जवान की बहादुरी को सराहा था। शाह ने कहा- 'मुझे व पूरे देश को उनकी बहादुरी पर गर्व है। मोदी ने जो नए J&K की कल्पना की है, उसको साकार करने के लिए J&K पुलिस पूरी तन्मयता से प्रयासरत है।' उन्होंने दार की पत्नी को सरकारी नौकरी देने का भी ऐलान किया।
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