वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को अर्थव्यवस्था के गिरते स्तर के मुद्दे को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि भारत मंदी का सामना कर रहा है। वित्त मंत्री ने कहा, ऐसा नहीं है कि मंदी की समस्या सिर्फ भारत के लिए है बल्कि दुनिया के बाकी देश भी इस समय मंदी का सामना कर रहे हैं।
नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को अर्थव्यवस्था के गिरते स्तर के मुद्दे को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि भारत मंदी का सामना कर रहा है। वित्त मंत्री ने कहा, ऐसा नहीं है कि मंदी की समस्या सिर्फ भारत के लिए है बल्कि दुनिया के बाकी देश भी इस समय मंदी का सामना कर रहे हैं। भारत सरकार आर्थिक सुधार की दिशा में लगातार काम कर रही है। हमारी अर्थव्यवस्था दूसरों के मुकाबले काफी मजबूत है।
वित्तमंत्री के बयान की 5 बड़ी बातें...
नकदी संकट दूर करने के लिए 5 लाख करोड़ देगी सरकार
वित्त मंत्री ने कहा, आर्थिक मंदी के हालातों को सुधारने के लिए सरकार टैक्स सुधार करेगी। इसके अलावा नकदी संकट को दूर करने और कैश फ्लो बढ़ाने के लिए 5 लाख करोड़ रुपए बैंकों को दिए जाएंगे। FPI पर भी अतिरिक्त सरचार्ज वापस लिया जाएगा। बजट से पहले FPI पर 15 फीसदी का सरचार्ज लगता था, इसे बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया गया था। इसके साथ ही बैंकों के लिए 70,000 करोड़ रुपए का पैकेज रिलीज करने का ऐलान किया गया है।
'GST को और आसान बनाया जाएगा'
वित्त मंत्री ने कहा, वैश्विक मंदी के हालात को हमें समझने की जरूरत है। चीन और अमेरिका के बीच चल रहे ट्रेड वॉर की वजह से मंदी की समस्या सामने आ रही है। अर्थव्यवस्था में सुधार की कोशिश सरकार के एजेंडे में सबसे ऊपर है।
उन्होंने कहा, दुनिया के मुकाबले भारत की अर्थव्यवस्था काफी मजबूत है। कई देशों की तुलना में हमारी विकास दर भी काफी अच्छी है। आर्थिक सुधारों की दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है। इनकम टैक्स रिटर्न भरना पहले से काफी आसान हुआ है। आगे हम GST को भी और आसान बनाएंगे।
'टैक्स के नाम पर किसी को परेशान नहीं किया जाएगा'
निर्मला सीतारमण ने कहा, ''हम टैक्स और लेबर कानूनों में लगातार सुधार कर रहे हैं। सरकार पर आरोप लगते हैं कि हम टैक्स को लेकर लोगों को परेशान कर रहे हैं। यह पूरी तरह झूठ है। हम जीएसटी की प्रक्रिया को और सरल बनाने जा रहे हैं। टैक्स से जुड़े कानूनों में भी हम सुधार कर रहे हैं। विजयादशमी से केंद्रीय सिस्टम से नोटिस भेजे जाएंगे। टैक्स के नाम पर किसी को परेशान नहीं किया जाएगा। टैक्स उत्पीड़न की घटनाओं पर रोक लगेगी। सरकार ईज ऑफ डूइंग बिजनस और ईज ऑफ लिविंग पर फोकस कर रही है।''
'लोन आवेदन की ऑनलाइन निगरानी होगी'
वित्त मंत्री ने कहा, लॉन्ग, शॉर्ट टर्म कैपिटेल गेन सरचार्ज वापस लिया जाएगा। लोन आवेदन की ऑनलाइन निगरानी की जाएगी। लोन क्लोज होने के बाद सिक्यॉरिटी रिलेटेड डॉक्यूमेंट बैंकों को 15 दिन के भीतर देना होगा। घर, वाहन खरीदने पर और ज्यादा क्रेडिट सपॉर्ट दिया जाएगा। MSME के सभी पैंडिंग जीएसटी रिफंड को 30 दिन के अंदर वापस दिया जाएगा। भविष्य के लिए जीएसटी रिफंड मैटर सामने आने के बाद इसको 60 दिन के अंदर समाधान करना होगा। MSME की केवल एक परिभाषा होगी। इसके जरिए कंपनियां अपने काम आसानी से कर सकती है। इस ऐक्ट को जल्द ही कैबिनेट के सामने ले जाया जाएगा।''
'जॉब बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता'
सीतारमण ने कहा, ''करदाताओं को होने वाली परेशानियों से बचाने के लिए अब सभी कर नोटिस सेंट्रलाइज्ड सिस्टम से जारी होंगे। जॉब बढ़ाना भी सरकार की प्राथमिकता में शामिल। सरकार इसके लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है।'' ऑटो सेक्टर के लिए भी बड़े ऐलान करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि मार्च, 2020 तक खरीदे जाने वाले बीएस-4 इंजन वाले वीइकल्स को चलाने में कोई भी दिक्कत नहीं होगी। रजिस्ट्रेशन फीस में इजाफे को भी जून, 2020 तक के लिए टाल दिया गया है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वीइकल्स पर सरकार के जोर के चलते पेट्रोल और डीजल वाली गाड़ियों के बंद होने की आशंका थी और इसके चलते बिक्री कम होने की शिकायतें आ रही थीं।