UP Election 2022: 'सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो' पर घिरीं प्रियंका,कवि का tweet-घटिया राजनीति के लिए नहीं लिखी

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव(UP Election 2022) को लेकर प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi)  काफी एक्टिव हैं। 17 नवंबर को चित्रकूट में महिलाओं से संवाद के दौरान उन्होंने एक कविता-'सुनो द्रौपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आएंगे' सुनाई थी। इसे लेकर कविता के लेखक ने tweet करके प्रियंका को आड़े हाथ लिया है।

Asianet News Hindi | Published : Nov 18, 2021 4:43 AM IST / Updated: Nov 18 2021, 10:14 AM IST

नई दिल्ली. चित्रकूट में एक कार्यक्रम के दौरान महिलाओं में जोश भरने कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने एक कविता-'सुनो द्रौपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आएंगे, कब तक आस लगाओगी तुम, बिके हुए अखबारों से, कैसी रक्षा मांग रही हो दुशासन दरबारों से...' सुनाई थी। इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है। कविता के मूल लेखक पुष्यमित्र उपाध्याय(Pushyamitra upadhyay) ने tweet करके प्रियंका गांधी की कड़ी आलोचना की है।

लेखक ने किया तीखा प्रहार
कविता के लेखक पुष्यमित्र ने tweet किया-'@priyankagandhi  जी ये कविता मैंने देश की स्त्रियों के लिए लिखी थी न कि आपकी घटिया राजनीति के लिए। न तो मैं आपकी विचारधारा का समर्थन करता हूं और न आपको ये अनुमति देता हूं कि आप मेरी साहित्यिक संपत्ति का राजनैतिक उपयोग करें। कविता भी चोरी कर लेने वालों से देश क्या उम्मीद रखेगा?'

महिला संवाद के दौरान कविता के जरिये यूपी सरकार पर किया था कटाक्ष
उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) होने हैं। इसे लेकर प्रियंका गांधी काफी एक्टिव हैं। यूपी में अपना खोया जनाधार पाने कांग्रेस प्रियंका गांधी के नेतृत्व में पूरा जोर लगा रही है। बुधवार को चित्रकूट (Chitrakoot) में महिलाओं से संवाद के दौरान प्रियंका गांधी ने महिलाओं में उत्साह भरते हुए यह कविता सुनाई थी। प्रियंका ने मंदाकिनी नदी के रामघाट पर महिलाओं से संवाद किया था। इसमें उन्होंने योगी सरकार पर निशाना भी साधा और मत्स्य गजेंद्रनाथ मंदिर में जाकर जलाभिषेक भी किया था।

twitter पर आईं लोगों की प्रतिक्रियाएं
कवि के tweet पर लोगों की कई प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं जैसे-
#भाई किसी की कविता पढ़ते हो तो कविता के अंत में या फिर कविता के आरंभ में कवि का नाम लेना अनिवार्य है अन्यथा कविता का रचनाकार चाहे तो केस कर सकता है। उसे जो आपत्ति है, वो व्यक्त कर सकता है। भाई बड़े-बड़े कवियों की कविताओं पर ऐसे केस हुए हैं।

# मैं ऐसे भारत से आता हूं जहां छोटे-छोटे मसखरे, छोटे से फ़ायदे के लिए अपने देश को बेच सकते हैं। ऐसे लोगों की वजह से हम मुग़लों के ग़ुलाम रहे और फिर अंग्रेजों के। ऐसे लोगों को 1893 में शिकागो में स्वामी विवेकानंद का भाषण सुनना चाहिए।उस पर भी खूब तालियां बजी थीं।

https://t.co/EHFvgnUYc7

यह भी पढ़ें
UP Election 2022:चित्रकूट से प्रियंका गांधी की चुनावी धार, महिलाओं से संवाद,मंदिर में जलाभिषेक, देखें तस्वीरें
UP Election 2022 : चुनाव से पहले अखिलेश को बड़ा झटका, 4 MLC सपा छोड़ BJP में गए
पाकिस्तान में इमरान सरकार की फिर आंख का तारा बने सिद्धू, करतारपुर कॉरिडोर खुलने का दिया जा रहा क्रेडिट

 

Read more Articles on
Share this article
click me!