अतीक अहमद को संसद में दी गई श्रद्धांजलि: सभी सांसद ने खड़े होकर दो मिनट रखा मौन, स्पीकर ओम बिरला ने पढ़ा शोक संदेश

अतीक अहमद और उनके पूर्व विधायक भाई अशरफ की बीते अप्रैल महीना में पुलिस अभिरक्षा में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

 

Parliament Mansoon session 2023: संसद का मानसून सत्र काफी हंगामेदार है। मणिपुर में महिलाओं को नंगा घूमाने के मुद्दे पर दो दिनों से संसद के दोनों सदनों में हंगामा हुआ और इसे सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। हालांकि, संसद में गुरुवार को पहले दिन लोकसभा के वर्तमान और पूर्व सांसदों जिनका निधन हुआ है, उनको श्रद्धांजलि दी गई। श्रद्धांजलि पाने वालों की लिस्ट में पूर्व सांसद अतीक अहमद का भी नाम प्रमुखर रूप से था। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अतीक अहमद को श्रद्धांजलि देते हुए उनके सम्मान में एक पत्र भी पढ़ा। अतीक अहमद और उनके पूर्व विधायक भाई अशरफ की बीते अप्रैल महीना में पुलिस अभिरक्षा में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

इनको दी गई श्रद्धांजलि

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मानसून सत्र के दौरान जिन सांसदों व पूर्व सांसदों को श्रद्धांजलि दी गई उसमें दो मौजूदा सांसद बालूभाऊ उर्फ ​​सुरेश नारायण धानोरकर और रतन लाल कटारिया शामिल रहे। इसके अलावा 11 पूर्व सांसदों की श्रद्धांजलि भी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पढ़ा। जिन पूर्व सांसदों को श्रद्धांजलि दी गई उसमें पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल, सुजान सिंह बुंदेला, रणजीत सिंह, संदीपन थोराट, विश्वनाथम कनिथि, अतीक अहमद, त्रिलोचन कानूनगो, इलियास आजमी, अनादि चरण दास, निहाल सिंह और राज करण सिंह शामिल रहे।

अतीक अहमद के बारे में ओम बिरला ने क्या कहा?

अतीक अहमद के बारे में ओम बिरला ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश के फूलपुर निर्वाचन क्षेत्र से 14वीं लोकसभा के सदस्य थे। वह रेलवे से जुड़ी एक समिति के सदस्य थे। वह उत्तर प्रदेश विधानसभा के भी सदस्य थे। 15 अप्रैल, 2023 को प्रयागराज में 60 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। सभी श्रद्धांजलियां पढ़ने के बाद, बिरला ने मौतों पर दुख व्यक्त किया और परिवारों के प्रति सदन की ओर से संवेदना व्यक्त की। इसके बाद लोकसभा में मौजूद बीजेपी सहित अन्य दलों के मौजूद सभी सदस्य अपनी जगह पर खड़े हो गए और कुल पल का मौन रखा।

पुलिस के सामने कर दी गई थी अतीक-अशरफ की हत्या

पूर्व सांसद अतीक अहमद और उनके भाई पूर्व विधायक अशरफ की 15 अप्रैल 2023 को हत्या कर दी गई थी। यह दोनों हत्याएं पुलिस के सामने की गई। भारी पुलिस फोर्स की सुरक्षा में अतीक व अशरफ को प्रयागराज में मेडिकल जांच के लिए रात में ले जाया जा रहा था। उसी समय मीडियाकर्मियों का माइक-कैमरा लिए तीन युवक पहुंचे और पुलिस के सामने ही दोनों पर ताबड़तोड़ गोलियों की बारिश कर दी। अतीक-अशरफ को मारने के बाद उन लोगों ने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया। अतीक के बेटे असद अहमद के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने के कुछ दिनों बाद अतीक और अशरफ की हत्या कर दी गई थी। अतीक ने सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और दावा किया था कि उसे और उसके परिवार को वकील उमेश पाल की हत्या में झूठा फंसाया गया है और उत्तर प्रदेश पुलिस उसे फर्जी मुठभेड़ में मार सकती है। गैंगस्टर से नेता बने इस शख्स के खिलाफ हत्या, अपहरण और जबरन वसूली सहित 90 से अधिक आपराधिक मामले थे। उन पर 2018 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में एक प्रोफेसर से मारपीट का भी आरोप लगा था।

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