सिल्कयारा में सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने का काम फाइनल मोड में चल रहा है। सुरंग तक पहुंचने में अभी 16.2 मीटर का फासला बचा है। ड्रिलिंग ऑपरेशन जोरों पर चल रहा था।
उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के सिल्कयारा में निर्माणाधीन सुरंग में 12 नवंबर से फंसे 41 मजदूर को बाहर निकालने की प्रक्रिया रोक दी गई है। ऑगर प्लेटफार्म टूटने से आपरेशन बाधित हो गया है। सुरंग तक पहुंचने के लिए अभी 16.2 मीटर का फासला बचा हुआ है। बताया जा रहा है कि लोहे की रॉड ड्रिलिंग में दिक्कत पैदा कर रहा है। मशीने लगातार अपना काम कर रही हैं। गुरुवार सुबह आठ बजे तक मजदूरों को बाहर निकाले जाने की उम्मीद थी, लेकिन खुदाई के दौरान लगातार लोहे का मलबा सामने आने के चलते ऑगर मशीन को एक बार तो रोक दिया गया था। हालांकि, देर शाम को ऑगर प्लेटफार्म टूटने की वजह से खुदाई का काम बंद हो गया है। अब शुक्रवार की सुबह से ही काम शुरू हो सकेगा।
इसके पहले दिल्ली से आई एक्सपर्ट की टीम ने मशीन को सही किया जिसके बाद से बाधा बन रहे लोहे के मलबे को काटकर कुछ मीटर और ड्रिलिंग की गई। लेकिन कुछ फासला रहने के बाद ऑगर मशीन का प्लेटफार्म टूट गया। उम्मीद है शुक्रवार की सुबह कुछ गुड न्यूज मिले और मजदूरों को बाहर लाने की प्रक्रिया शुरू हो जाए।
सुरंग बनाने और बचाव अभियान में लगी बड़ी-बड़ी मशीन और कंप्रेसर मशीन के ऑनर शैलेश गुलाटी से एशियानेट न्यूज हिंदी ने बात की। उन्होंने बताया कि मजदूरों को निकालने के लिए बनाया जा रहा रास्ता पूरा होने को था। बस 5-6 मीटर और खुदाई होनी थी, लेकिन लोहे का मलबा सामने आने से खुदाई रोकनी पड़ी। मलबे में लोहे की पाइप और रॉड है। मशीन के दो पाइप मुड़ गए थे। दिल्ली से एक्सपर्ट्स की टीम आई, जिसके बाद मशीन को ठीक किया गया। खुदाई का काम फिर से शुरू हो गया है। 2 से 3 मीटर का काम और बचा है। देर रात तक अच्छी खबर मिल सकती है।
मजदूरों को निकालने की पूरी है तैयारी
गुलाटी ने बताया कि मजदूरों को निकालने की पूरी तैयारी हो गई थी। हमने फूड पाइप डाला था। वह छह इंच चौड़ा है। वह चला गया था। 800mm की पाइप डालने के लिए की जा रही खुदाई में बाधा आई थी। सबकुछ ठीक रहता तो अब तक काम पूरा हो जाता। एक बार खुदाई रुक गई थी, जो अब लगातार स्टार्ट है। दिल्ली से आई एक्सपर्ट टीम ने मशीन को सही कर दिया है।
सुरंग में फंसे मजदूरों की स्थिति ठीक है
गुलाटी कहा, "अंदर फंसे लोगों से बातचीत हो रही है। खाना देने के लिए डाली गई पाइप से बात हो रही है। आवाज साफ-साफ जा रही है। कैमरा डालकर अंदर की स्थिति को देखा गया है। उनकी स्थिति ठीक है। हालांकि उनकी मानसिक स्थिति कमजोर हो रही है। मजदूरों को पूरा भोजन दिया जा रहा है। हमने रस्सी लगा दी है। इसी की मदद से भोजन भेजा जा रहा है। पहले सिर्फ ड्राई फ्रूट दिया जा रहा था अब तो रोटी-चावल पूरा खाना दिया जा रहा है।"
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