Uttarakhand UCC Bill की खास बातें, हत्यारे बेटे को नहीं मिलेगी पिता की संपत्ति, खत्म होगी हलाला जैसी कुप्रथा

Published : Feb 06, 2024, 02:43 PM ISTUpdated : Feb 06, 2024, 02:48 PM IST
Uttarakhand UCC

सार

उत्तराखंड विधानसभा में UCC बिल पेश किया गया। इसके अनुसार 18 साल से कम उम्र की लड़की और 21 साल से कम उम्र के लड़के का विवाह नहीं होगा।

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा में मंगलवार को UCC (Uniform Civil Code) बिल पेश किया गया। इस विधेयक के पास होने के बाद उत्तराखंड आजादी के बाद UCC लागू करने वाला पहला राज्य होगा।

यह लागू होता है तो विवाह, तलाक और विरासत के मामले में सभी नागरिकों पर एक जैसा कानून लागू होगा चाहे वे किसी भी धर्म के हों। इसके अनुसार हत्यारे बेटे को पिता की संपत्ति पर अधिकार नहीं होगा। वहीं, तलाक के बाद विवाह करने के लिए महिला पर किसी प्रकार का शर्त नहीं लगाया जा सकेगा।

नाजायज रिश्ते से जन्में बच्चे को भी मिलेगा अधिकार

  • अगर किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है और उसके माता-पिता जिंदा है तो उन्हें मृतक की संपत्ति में से एक हिस्सा मिलेगा।
  • बेटा और बेटी को माता-पिता की संपत्ति में समान अधिकार मिलेगा। उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगी।
  • अगर किसी बच्चे का जन्म माता-पिता के नाजायज रिश्ते से होता है तब भी उसे माता-पिता की संपत्ति में जायज बेटे-बेटी जितना ही हिस्सा मिलेगा।
  • बच्चा गर्भ में है और इसी दौरान उसके पिता की मौत होती है तब भी उसे पिता की संपत्ति में अधिकार मिलेगा।
  • अगर कोई बेटा पिता की हत्या करता है तो उसे पिता की संपत्ति में से हिस्सा नहीं मिलेगा।
  • कोई भी व्यक्ति किसी भी माध्यम से प्राप्त पूरी संपत्ति की वसीयत स्वेच्छा से किसी भी व्यक्ति को कर सकता है, अपने जीवन में वसीयत बदल सकता है या वापस ले सकता है।

समलैंगिक विवाह की इजाजत नहीं

  • विवाह के लिए न्यूनतम उम्र लड़के के लिए 21 साल और लड़की के लिए 18 साल होगी। विवाह एक पुरुष और एक महिला के बीच ही हो सकता है। समलैंगिक विवाह की इजाजत नहीं है।
  • पति या पत्नी के जिंदा होने की स्थिति में दूसरी शादी नहीं होगी। बिना तलाक लिए दूसरी शादी नहीं कर सकते। तलाक के बाद दोबारा उसी पुरुष से या अन्य पुरुष से शादी के लिए महिला पर कोई शर्त नहीं लगाया जाएगा। अगर इसका उल्लंघन हुआ तो तीन साल जेल या एक लाख रुपए जुर्माना या दोनों की सजा मिल सकती है।
  • विवाह के बाद पति-पत्नी में से कोई भी बिना दूसरे की सहमति से धर्म बदलता है तो दूसरे व्यक्ति को तलाक लेने और गुजारा भत्ता क्लेम करने का अधिकार होगा।
  • विवाह का पंजीकरण अनिवार्य रूप से कराना होगा। जो लोग पंजीकरण कराएंगे उन्हें ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। अगर किसी ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है इसका यह मतलब नहीं कि उसका विवाह अवैध हो गया है।
  • सभी जाति और धर्म के लोगों के लिए तलाक के नियम एक जैसे होंगे।
  • लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़े के लिए लड़की की उम्र 18 साल या इससे अधिक होनी चाहिए।
  • लिव-इन रिलेशनशिप में हैं तो रजिस्ट्रेशन कराना होगा। 21 साल से कम उम्र के लड़का-लड़की को अपने लिव-इन रजिस्ट्रेशन की जानकारी दोनों के माता-पिता को देनी होगी।

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