विनायक दामोदर सावरकर उर्फ वीर सावरकर (vinayak damodar savarkar) को लेकर चल रहे विवाद के बीच आज उनकी पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) ने tweet करके उन्हें श्रद्धांजलि दी है। बता दें कि वीर सावरकर की कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां आलोचना करती रही हैं।
नई दिल्ली.विनायक दामोदर सावरकर उर्फ वीर सावरकर (vinayak damodar savarkar) को लेकर चले आ रहे विवाद के बीच आज उनकी पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) ने tweet करके उन्हें श्रद्धांजलि दी है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गृहमंत्री अमित शाह ने भी tweet किया है। बता दें कि वीर सावरकर की कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां आलोचना करती रही हैं।
vinayak damodarsavarkar death anniversary: मोदी ने दी श्रद्धांजलि
PM मोदी ने tweet करके लिखा-त्याग और तप की प्रतिमूर्ति महान स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर जी को उनकी पुण्यतिथि पर सादर नमन। मातृभूमि की सेवा में समर्पित उनका जीवन देशवासियों के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत बना रहेगा।
कांग्रेस करती रही आलोचना
यह बात जनवरी, 2020 की है, जब कांग्रेस सेवादल की किताब में विनायक दामोदर सावरकर को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद यह मुद्दा तूल पकड़ गया था। सावरकर को लेकर भाजपा V/s कांग्रेस छिड़ा हुआ है। इस किताब में कहा गया कि नाथूराम गोडसे और सावरकर के बीच शारीरिक संबंध थे।
भाजपा बताती आ रही इसे कांग्रेस की साजिश
अक्टूबर, 2021 में प्रखर स्वतंत्रता सेनानी, प्रबल राष्ट्रवादी एवं विचारक वीर सावरकर के जीवन पर उदय माहूरकर एवं चिरायु पंडित द्वारा लिखी एक पुस्तक‘वीर सावरकर हु कुड हैव प्रीवेंटेड पार्टिशन’ के विमोचन समारोह में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह(Rajnath Singh) ने कहा था कि सावरकर ने खुद नहीं; बल्कि गांधी जी के कहने पर दया याचिका लगाई थी। राजनाथ सिंह ने अंग्रेजों के समक्ष दया याचिका को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम पर ये बात कही थी। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(RSS) के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत भी कहा था कि सावरकर को बदनाम करने की कोशिश होती रही है। हालांकि राजनाथ सिंह के बयान पर राजनाथ सिंह के बयान की AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने निंदा करते हुए कहा था कि बीजेपी जल्द ही विनायक दामोदर सावरकर (Vinayak Damodar Savarkar) को देश का राष्ट्रपिता (Father of the Nation) घोषित कर देगी। ANI से बातचीत में ओवैसी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ये लोग इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं।
जानिए सावरकर से जुड़ीं 10 बातें
1- वीर सावरकर का पूरा नाम विनायक दामोदर सावरकर था, उनका 1883 में जन्म नासिक के भांगुर गांव में हुआ था। उनके दो भाई एक बहन थी।
2- 1904 में उन्होंने अभिनव भारत नाम के क्रांतिकारी संगठन की स्थापना की। सावरकर रूसी क्रांतिकारियों से काफी प्रभावित थे।
3- 1905 में बंगाल विभाजन के बाद उन्होंने पुणे में विदेशी कपड़ों की होली जलाई। वे ऐसा करने वाले पहले भारतीय राजनीतिज्ञ थे।
4- वे पहले लेखक थे, जिनकी किताब को 2-2 देशों ने प्रतिबंधित कर दिया था। इसके बाद उन्होंने ' द इण्डियन वार ऑफ इण्डिपेण्डेंस 1857' हॉलेंड में जाकर प्रकाशित की।
5- सावरकर ने मई, 1907 को इंडिया हाउस लंदन में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की स्वर्ण जयंती मनाई।
6- सावरकर की स्नातक की उपाधि अंग्रेजों ने इसलिए वापस ले ली, क्यों कि उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लिया था।
7- वीर सावरकर ने इंग्लैंड के राजा के प्रति वफादारी की शपथ लेने से मना कर दिया। इसके चलते वे वकालत नहीं कर पाए।
8- राष्ट्रध्वज 'तिरंगे' में धर्म चक्र लगाने का सुझाव वीर सावरकर ने दिया था, इसे तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने मान लिया।
9- सावरकर एक ऐसे वकील, राजनीतिज्ञ, कवि, लेखक और नाटककार थे, जिन्होने ब्रटिश शासन को हिला डाला था।
10- सावरकर 25 साल तक किसी ना किसी रूप में अंग्रेजों की कैद में रहे। उन्हें दो बार अजीवन कारावास की सजा मिली। उन्हें अडमान में काला पानी की सजा भी काटनी पड़ी।
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भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के तेजस्वी नायक, महान क्रांतिकारी, प्रखर चिंतक, माँ भारती के अमर सपूत स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर जी को उनकी पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि!
स्वतंत्रता संग्राम में आपका अविस्मरणीय योगदान युगों-युगों तक राष्ट्र सेवा हेतु प्रेरित करता रहेगा।
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