सार

विनायक दामोदर सावरकर उर्फ वीर सावरकर (vinayak damodarsavarkar) को लेकर चल रहे विवाद पर मोहन भागवत के अलावा राजनाथ सिंह ने भी अपनी बात कही है। दोनों ने सावरकर को बदनाम करने की एक साजिश बताया।

नई दिल्ली.प्रखर स्वतंत्रता सेनानी, प्रबल राष्ट्रवादी एवं विचारक वीर सावरकर के जीवन पर उदय माहूरकर एवं चिरायु पंडित द्वारा लिखी एक पुस्तक‘वीर सावरकर हु कुड हैव प्रीवेंटेड पार्टिशन’ के विमोचन समारोह में मंगलवार को शामिल हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह(Rajnath Singh) ने कहा कि  सावरकर ने खुद नहीं; बल्कि गांधी जी के कहने पर दया याचिका लगाई थी। राजनाथ सिंह ने अंग्रेजों के समक्ष दया याचिका को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम पर ये बात कही। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(RSS) के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे। उन्होंने भी कहा कि सावरकर को बदनाम करने की  कोशिश है।

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पहले जानें राजनाथ सिंह क्या बोले
रक्षामंत्री ने कहा कि किसी विचारधारा के चश्मे से देखकर वीर सावरकर के योगदान की उपेक्षा करना और उन्हें अपमानित करना माफी के लायक नहीं है। यह न्यायसंगत भी नहीं है। राजनाथ सिंह ने कांग्रेस का नाम लिए बिन कहा कि एक खास विचारधारा से प्रभावित तबका वीर सावरकर के जीवन और विचारधारा से अपरिचित है। उन्हें इनके बारे में समझ नहीं है। इसलिए बार-बार सवाल उठाते रहे हैं।

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वीर सावरकर महानायक थे
राजनाथ सिंह ने वीर सावरकर को महानायक बताया। राजनाथ सिंह ने कहा कि देश को आजाद कराने की उनकी इच्छाशक्ति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अंग्रेजों ने उन्हें दो बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। राजनाथ ने कहा-मुझे प्रसन्नता है पिछले कुछ वर्षों मे वीर सावरकर के जीवन पर कुछ लोगों ने बहुत मेहनत से शोध किया, एक ईमानदार विश्लेषण किया, जिसका नतीजा है कि आज वीर सावरकर के जीवन पर कुछ अच्छी और शोधपरक किताबें उपलब्ध हो पाई हैं।
यह किताब भी इस श्रंखला में एक नई कड़ी  बनेगी।

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मोहन भागवत ने कहा था कि सावरकर के बाद विवेकानंद और दयानंद का नंबर
इसी कार्यक्रम में बोलते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(RSS) के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने सावरकर की तारीफ करते हुए कहा  कि वीर सावरकर को बदनाम करने की मुहिम चल रही है। आने वाले समय में स्वामी विवेकानंद, दयानंद और स्वामी अरविंद का भी नंबर आएगा। भागवत ने गांधी का नाम लिए बिना कहा कि अब हम जब की परिस्थितियों को देखते हैं, तो लगता है कि अगर उस वक्त जोर से बोला जाता, तो शायद विभाजन की जरूरत नहीं पड़ती। वीर सावरकर का हिंदुत्व और विवेकानंद का हिंदुत्व बोलना जैसे फैशन हो गया है, जबकि हिंदुत्व एक ही है।

ओवैसी ने की राजनाथ की आलोचना
राजनाथ सिंह के बयान की  AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने निंदा करते हुए कहा कि बीजेपी जल्द ही विनायक दामोदर सावरकर (Vinayak Damodar Savarkar) को देश का राष्ट्रपिता (Father of the Nation) घोषित कर देगी। ANI से बातचीत में ओवैसी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ये लोग इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं।

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जो हिंदू धर्म बदल रहे वे गलती कर रहे
इससे पहले उत्तराखंड के हल्द्वानी में RSS कार्यकर्ताओं और उनके परिवारों को संबोधित करते हुए भागवत ने धर्मांतरण पर प्रहार किया था। उन्होंने कहा था कि जो हिंदू लोग शादी करने अपना धर्म बदल रहे हैं, वे बड़ी गलती कर रहे हैं।

कांग्रेस ने गोडसे से बताया था संबंध
पिछले साल से विनायक दामोदर सावरकर को लेकर विवाद अधिक तूल पकड़ा हुआ है। पिछले साल कांग्रेस सेवा दल की किताब में बताया गया कि नाथूराम गोडसे और सावरकर के बीच शारीरिक संबंध थे। इस बयान का असर पूरे देश सहित महाराष्ट्र में दिखा, जहां शिवसेना और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाई है। शिव सेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा था, "वीर सावरकर एक महान हस्ती थे और हमेशा रहेंगे। जिनके दिमाग में गंदे ख्यालात हैं, वे इसे साफ कर लें। एक वर्ग जो उनके खिलाफ बात करता रहता है, यह उनके दिमाग में गंदगी को दिखाता है, चाहे वो जो भी हों।"